(Source: ECI / CVoter)
Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस की वो गलती जिसने BJP को दिलाई लोकसभा चुनाव 2024 की पहली जीत, 2 पर्चे खारिज, 8 ने छोड़ा मैदान
Lok Sabha Elections 2024: गुजरात की सूरत सीट से बीजेपी के मुकेश दलाल ने पर्चा दाखिल किया था. वहीं कांग्रेस की ओर से निलेश कुंभानी उम्मीदवार थे लेकिन निलेश कुंभानी के साथ खेल हो गया.
Lok Sabha Elections 2024: देश की 543 सीटों पर हो रहे लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे चार जून को घोषित किए जाएंगे पर एक ऐसी भी लोकसभा सीट है, जहां इस बार बिना चुनाव के ही नतीजे आए हैं. वहां से जीत किसी और को नहीं बल्कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को मिली है. गुजरात की 26 लोकसभा सीटों में से एक सीट सूरत की है, जहां कांग्रेस कैंडिटेड का नामांकन कैंसल होने के बाद बीजेपी ने निर्विरोध ही चुनाव जीत लिया.
गुजरात की सभी 26 सीटों पर सात मई को वोटिंग होनी थी. 19 अप्रैल को नामांकन करने की आखिरी तारीख थी और फिर 22 अप्रैल तक नाम वापस लिए जा सकते थे. गुजरात की सूरत सीट से बीजेपी के मुकेश दलाल ने पर्चा दाखिल किया था. वहीं, कांग्रेस की ओर से निलेश कुंभानी उम्मीदवार थे पर उनके साथ खेल हो गया. निलेश कुंभानी की उम्मीदवारी के लिए तीन प्रस्तावक थे. इनमें से एक थे जगदीश सावलिया, जो निलेश कुंभानी के बहनोई हैं. दूसरे थे ध्रुविन धामेलिया, जो निलेश के भांजे हैं. और तीसरे थे रमेश पोलरा, जो निलेश कुंभानी के बिजनेस पार्टनर हैं. निलेश की उम्मीदवारी वाले फॉर्म पर इन्हीं तीनों के हस्ताक्षर होने की बात निलेश ने चुनाव आयोग को बताई थी पर बीजेपी नेता दिनेश जोधानी की ओर से सवाल उठाए गए कि निलेश कुंभानी के फॉर्म पर जिन तीन लोगों के हस्ताक्षर हैं, वो फर्जी हैं.
#WATCH | Surat, Gujarat: On the cancellation of Congress' Surat Candidate Nilesh Kumbhani's candidature, BJP leader Dinesh Jodhani says, "Yesterday, we complained that there were some mistakes in his form... After a hearing today, his form has been cancelled... The collector made… pic.twitter.com/EKLyUod0Ni
— ANI (@ANI) April 21, 2024
"हम नहीं हैं निलेश कुंभानी के प्रस्तावक"
इस बीच, कांग्रेस प्रत्याशी निलेश कुंभानी के तीनों प्रस्तावकों ने चुनाव आयोग में हलफनामा देकर कहा कि वो निलेश कुंभानी के प्रस्तावक हैं ही नहीं. जब आयोग के सामने ये बात आई तो आयोग की ओर से निलेश कुंभानी को प्रस्तावकों को चुनाव आयोग के सामने पेश होने के लिए कहा. निलेश कुंभानी वकील के साथ तो चुनाव आयोग पहुंच गए पर ऐन वक्त पर निलेश कुंभानी का कोई भी प्रस्तावक आयोग के सामने नहीं पहुंचा. इस मसले पर निलेश कुंभानी ने कहा, ''तीनों प्रस्तावकों से मेरी फोन पर बात हुई थी. तीनों ने ही कहा था कि वो नौ बजे तक कलेक्टर ऑफिस आ जाएंगे, लेकिन अब तीनों के ही फोन बंद आ रहे हैं.''
बोले कांग्रेस कैंडिडेट के वकील- प्रस्तावक हुए किडनैप
प्रस्तावक जब कलेक्टर ऑफिस नहीं पहुंचे तो निर्वाचन अधिकारी सौरभ पारधी ने निलेश कुंभानी का नामांकन ही रद्द कर दिया. हालांकि, इस फैसले पर कांग्रेस के उम्मीदवार रहे निलेश कुंभानी के वकील ने सवाल भी उठाए और कहा कि हमारे प्रस्तावकों का अपहरण हुआ है और हस्ताक्षरों की जांच के बिना ही फॉर्म को रद्द करना गलत है.
#WATCH | Surat, Gujarat: On the cancellation of Congress' Surat Candidate Nilesh Kumbhani's candidature, Congress leader Zameer Shaikh says, "The supporters said yesterday that they had not signed the papers. Our argument is that the nomination of our candidate Nilesh Kumbhani… pic.twitter.com/BDtlHRgC0H
— ANI (@ANI) April 21, 2024
आम चुनाव की 'सूरत' की यूं भी दिखी पहली झलक!
कहानी यहीं खत्म नहीं हुई है. कांग्रेस के एक वैकल्पिक उम्मीदवार भी थे सुरेश पडसाला लेकिन उनका भी नामांकन फॉर्म रद्द कर दिया गया और इस फॉर्म में भी वहीं गलतियां थीं, जो निलेश कुंभानी के साथ थीं. यानी कि सुरेश पडसाला के प्रस्तावकों के भी हस्ताक्षरों का मिलान नहीं हो पाया. तो इस तरह से कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों की उम्मीदवारी खत्म हो गई. लेकिन कहानी यहां भी खत्म नहीं होती है. इन दोनों के अलावा सूरत लोकसभा सीट से सात और भी उम्मीदवार थे. इनमें बहुजन समाज पार्टी से उम्मीदवार थे प्यारेलाल भारती, सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी से उम्मीदवार थे अब्दुल हामिद खान, ग्लोबल रिपब्लिकन पार्टी से थे जयेश मेवाडा और लोग पार्टी से थे सोहेल खान.
अजीत सिंह उमट, किशोर डायानी, बारैया रमेशभाई और भरत प्रजापति ने निर्दलीय पर्चा दाखिल किया था लेकिन 22 अप्रैल को नाम वापस लेने के आखिरी दिन इन सभी लोगों ने अपना-अपना नाम वापस ले लिया. और इस तरह से सूरत लोकसभा के चुनावी मैदान में सिर्फ एक ही उम्मीदवार बचा, जिनका नाम है मुकेश दलाल. और वो हैं भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार, जिनकी जीत का औपचारिक ऐलान भी हो चुका है. सूरत लोकसभा के इतिहास में ये पहला मौका है, जब वहां पर चुनाव नहीं होगा.
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