एक्सप्लोरर

सिंगापुर में ट्रांसप्लांट की जाएगी लालू की किडनी, जानिए भारत में क्या है इलाज का खर्च और नियम

राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का किडनी ट्रांसप्लांट होना है, ये ट्रांसप्लांट भारत में नहीं बल्कि सिंगापुर में होगा और लालू की छोटी बेटी रोहिणी आचार्य उन्हें किडनी डोनेट करेंगी.

काफी लंबे समय से बीमार चल रहे राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद का किडनी ट्रांसप्लांट होना है और ये ऑपरेशन भारत में नहीं बल्कि सिंगापुर में होगा और लालू प्रसाद यादव को उनकी छोटी बेटी किडनी डोनेट करेंगी. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि भारत में किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर क्या नियम हैं और इसमें कितना खर्च आता है.

किडनी ट्रांसप्लांट क्या है ? 
किडनी ट्रांसप्लांट क्या होता है? और इसकी जरूरत कब पड़ती है. दरअसल जब किसी व्यक्ति के शरीर में दोनों किडनी काम करना बंद कर देती हैं, तो उसके शरीर में पुरानी किडनी की जगह नई किडनी ट्रांसप्लांट की जाती है. जिसे किडनी ट्रांसप्लांट कहा जाता है. 

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के प्रो एंड हेड डॉक्टर हिमांशु वर्मा के मुताबिक किसी भी जीवित या ब्रेन डेड व्यक्ति की किडनी ट्रांसप्लांट की जा सकती है. ऐसा व्यक्ति जिसका ब्रेन डेड हो चुका है, वो आईसीयू में है, और उसके शरीर के बाकी अंग काम कर रहे हैं, तो उसकी किडनी किसी अन्य मरीज को ट्रांसप्लांट की जा सकती है. 

लेकिन ब्रेन डेड शख्स के परिजनों की मंजूरी के बाद ही ये पूरी प्रक्रिया की जाती है या फिर जिस शख्स का ब्रेन डेड हुआ है उसने इससे पहले अपनी इच्छा जताई हो. उस स्थिति में उसके अंगों को किसी जरूरतमंद मरीज को दान किया जाता है. 

ब्रेन डेड व्यक्ति कौन होता है?
डॉक्टर हिमांशु बताते हैं कि मेडिकल भाषा में ब्रेन डेड व्यक्ति ऐसे मरीज को कहा जाता है जिसका दिमाग मेडिकली तौर पर काम करना बंद कर चुका है, उसके शरीर में रक्त तो है और दिमाग को छोड़कर बाकि अंगों तक रक्त पहुंच रहा हैं यानि उसके शरी के बाकि अंग काम कर रहे हैं जैसे की किडनी, हार्ट. आदि ऐसे व्यक्ति की किडनी या हार्ट ट्रांसप्लांट किया जा सकता है. लेकिन किसी मृत व्यक्ति की किडनी ट्रांसप्लांट नहीं की जा सकती.

व्यक्ति एक किडनी के साथ जीवित रह सकता है?
इसके जवाब में  सफदरजंग अस्पताल के किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के प्रो डॉक्टर हिमांशु कहते हैं कि कई बार कुछ लोगों के शरीर में जन्म से एक ही किडनी होती है. वो बेहद ही स्वस्थ जीवन जीते हैं. एक किडनी होने से उनके शरीर पर इसका कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता. भगवान ने हमें दो किडनियां दी हैं, जिनका काम हमारे शरीर में बेहद ही महत्वपूर्ण होता है. किडनी शरीर का एक ऐसा अंग है जिसका मुख्य काम शरीर से अपशिष्ट निकालना होता है. किडनी ही हमारे खून से अपशिष्ट, आदि अलग कर उसे पेशाब के जरिए बाहर निकालती है. 

लेकिन जब किसी व्यक्ति की किडनी खराब हो जाती है तो उसके शरीर में ये प्रक्रिया नहीं हो पाती, जिसके बाद किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है. जिसमें शरीर से खराब किडनी निकालकर नयी किडनी को प्रत्यापित या ट्रांसप्लांट किया जाता है. लेकिन व्यक्ति एक किडनी के साथ भी स्वस्थ जीवन जी सकता है. एक किडनी भी उसके शरीर में वहीं काम करेगी जो दो किडनियां करती हैं.

इसलिए जिस व्यक्ति की दोनों किडनी खराब हो जाती हैं उसी के शरीर में नयी किडनी ट्रांसप्लांट की जाती है. एक किडनी के खराब होने के बाद किडनी ट्रांसप्लांट नहीं किया जाता क्योंकि एक किडनी के खराब होने के बाद दूसरी किडनी उसका काम करती है. इसलिए जो शख्स किडनी देता है उसको भी शारीरिक तौर पर कोई परेशानी नहीं होती केवल कुछ मेडिकल टेस्ट कराने होते हैं. अपने ब्लड प्रेशर को ध्यान रखना होता है, ताकि ये पता चल सके कि उसके मूत्र में प्रोटीन तो नहीं आ रहा. इसके लिए उसे हर 6 महीने से 1 साल में जांच करानी होती है..

देश में क्या है किडनी ट्रांसप्लांट के लिए कानून?
देश में किसी भी मरीज में कोई भी अंग ट्रांसप्लांट करने के लिए एक एक्ट हैं. इसका पालन करके अंगों का प्रत्यारोपण किया जा सकता है, जिसे मानव अंग और प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 (HUDA)का नाम दिया गया है. एचयूडीए 1994 के तहत ही सभी अस्पतालों में अंगों का ट्रांसप्लांट किया जाता है. देश के हर एक नागरिक को इसका पालन करना होता है और यदि कोई व्यक्ति या अस्पताल इस एक्ट का पालन नहीं करता तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

देश के सभी राज्यों में ये एक्ट लागू होता है, और देश के किसी भी अस्पताल में काई भी अंग ट्रांसप्लांट किया जाता है तो इसी नियम का पालन करना होता है. इस एक्ट के तहत ब्रेन डेड व्यक्ति के अंग किसी अन्य जरूरतमंद मरीज को ट्रांसप्लांट किए जा सकते हैं. इसके लिए ब्रेन डेड शख्स के परिजनों से अनुमति लेनी होती है. 

लालू प्रसाद यादव का किडनी ट्रांसप्लांट देश से बाहर सिंगापुर में होना है. जहां उनकी बेटी उनको किडनी डोनेट कर रही हैं. ऐसे में उस देश में इसे लेकर जो नियम और कानून हैं उसका पालन किया जाएगा, लेकिन क्योंकि वो भारत के नागरिक हैं तो उन्हें एचयूडीए 1994 एक्ट का भी पालन करना होगा.  

कौन कर सकता है मरीज को अंग दान?
इस एक्ट को लेकर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के हेड बताते हैं कि देश में अंग ट्रांसप्लांट के लिए बने कानून के मुताबिक किसी मरीज को उसके खून के रिश्तेदार अंग दान कर सकते हैं, जिसमें माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी और पत्नी शामिल हैं. 

इसके अलावा यदि कोई अन्य जीवित व्यक्ति अपने अंग डोनेट करता है, तो उसे ये सिद्ध करना होता है कि जिस शख्स को वो अंग डोनेट कर रहा है उसके साथ उसके भावनात्मक रिश्ते हैं. वो अपनी इच्छा से कर रहा है जिसके लिए उसे किसी तरीके का कोई आर्थिक लाभ नहीं मिल रहा.

अंग ट्रांसप्लांट में कितना आता है खर्चा?
एचयूडीए 1994 के तहत देश में अंग को खरीदा या बेचा नहीं जा सकता. केवल दान किया जा सकता है, इसलिए ये एक्ट लाया गया है. तो यदि किसी मरीज का कोई अंग काम करना बंद कर देता है तो इस एक्ट के तहत अंग ट्रांसप्लांटकिए जा सकते हैं. किसी भी अस्पताल में जहां अंग ट्रांसप्लांट की सभी मेडिकल सुविधाएं हैं वहां ट्रांसप्लांट किया जा सकता है. 

सरकारी अस्पतालों में इसके लिए डॉक्टर या अस्पताल कोई फीस नहीं लेते, लेकिन दवाईयों आदि को लेकर 3 से 4 लाख रुपये तक का खर्चा आता है, वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट अस्पतालों में भी अंग निशुल्क होता है, लेकिन उसे ट्रांसप्लांट करने में डॉक्टर की फीस और अस्पताल का खर्चा, ओपीडी की फीस, दवाइयों आदि का शुल्क लिया जाता है. जिसे कुल मिलाकर लाखों रुपये में किडनी ट्रांसप्लांट होता है एक मरीज के किडनी ट्रांसप्लांट में 30 से 35 लाख रुपये खर्च हो जाते हैं.

शरीर से निकलने के बाद कितनी देर में हो सकता है ट्रांसप्लांट? 
ब्रेन डेड शख्स की किडनी 24 से 48 घंटों के भीतर ट्रांसप्लांट की जाती है जबकि जीवित शख्स की किडनी उसकी कुछ मेडिकल जांच पूरी होने के बाद ट्रांसप्लांट की जा सकती है. कोई भी स्वस्थ व्यक्ति 65 साल की उम्र तक किडनी डोनेट कर सकता है.

इसके साथ जिस व्यक्ति को किडनी दी जानी है, इसके लिए उसके स्वास्थ्य को देखना होता है. कई लोग 80 साल की उम्र के बाद भी किडनी ट्रांसप्लांट कराते हैं.  इसलिए कई बार डॉक्टर सलाह देते हैं कि ट्रांसप्लांट से बेहतर डायलिसिस कराया जाए. क्योंकि उस उम्र में डायलिसिस भी उतना की काम करता है, जितना की किडनी ट्रांसप्लांट में नई किडनी करेगी. दो से तीन हफ्तों में रोजाना डायलिसिस कराना होता है. जिसमें शरीर में मौजूद रक्त को मशीन की मदद से साफ किया जाता है.

किन अस्पतालों में होता है किडनी ट्रांसप्लांट?
देश में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सरकारी और प्राइवेट दोनों ही तरह के बेहतर अस्पताल हैं जिसमें दिल्ली का एम्स, सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल और इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलिअरी साइंसेस है. इसके साथ ही देश भर में कई बड़े प्राइवेट अस्पताल भी हैं जहां बेहतर तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट किया जा सकता है.

लालू की बेटी ने कहा,"ये तो बस एक छोटा सा मांस का टुकड़ा"
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की छोटी बेटी रोहिणी आचार्य उन्हें किडनी डोनेट कर रही हैं, जिसको लेकर उन्होंने खुद ट्वीट करते हुए जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि "जिस पिता ने इस दुनिया में मुझे आवाज दी, जो मेरे सबकुछ हैं. उनके लिए अगर मैं अपने जीवन का छोटा सा भी योगदान दे पाती हूं, तो ये मेरा परम सौभाग्य होगा. धरती पर भगवान माता- पिता होते हैं इनकी पूजा, सेवा हर बच्चे का फर्ज है..."

इतना ही नहीं पिता को किडनी डोनेट करने के फैसले को लेकर बेटी रोहिणी ने कई भावनात्मक ट्वीट किए. एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि 'मेरा तो मानना है की ये तो बस एक छोटा सा मांस का टुकड़ा है जो मैं अपने पापा के लिए देना चाहती हूं..पापा के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूं, आप सब दुआ कीजिए कि सब बेहतर तरीके से हो जाए, और पापा सभी लोगों की आवाज बुलंद करे...

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Lok Sabha Elections: दिल्ली में चुनाव प्रचार खत्म, किस सीट पर किसके बीच मुकाबला? जानें सबकुछ
दिल्ली में चुनाव प्रचार खत्म, किस सीट पर किसके बीच मुकाबला? जानें सबकुछ
'जो लोग नाराज थे वो भी...', अखिलेश यादव ने मंच से राजा भैया की तरफ किया बड़ा इशारा
'जो लोग नाराज थे वो भी...', अखिलेश यादव ने मंच से राजा भैया की तरफ किया बड़ा इशारा
Cancer: कैंसर से जुड़ी बातों को मरीज को कभी नहीं बताते हैं डॉक्टर, जानें क्यों?
कैंसर से जुड़ी बातों को मरीज को कभी नहीं बताते हैं डॉक्टर, जानें क्यों?
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के पुराने इंटरव्यू का भ्रामक दावे के साथ क्लिप्ड वीडियो किया जा रहा वायरल
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के पुराने इंटरव्यू का भ्रामक दावे के साथ क्लिप्ड वीडियो किया जा रहा वायरल
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Socialise: Jitendra Kumar, Chandan Roy, Deepak Mishra ने बताई 'Panchayat-3' की अनसुनी कहानीRicky Ponting ने भारतीय टीम का हेड कोच बनने से किया मना, BCCI ने की थी बात | Sports LIVEAaj ka Rashifal 24 May 2024 : इन 3 राशिवालों पर बरसेगी लक्ष्मी जी की कृपाLok Sabha Election 2024: प्रचार धुआंधार... 4 जून को किसकी सरकार ? | India Alliance | NDA | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Lok Sabha Elections: दिल्ली में चुनाव प्रचार खत्म, किस सीट पर किसके बीच मुकाबला? जानें सबकुछ
दिल्ली में चुनाव प्रचार खत्म, किस सीट पर किसके बीच मुकाबला? जानें सबकुछ
'जो लोग नाराज थे वो भी...', अखिलेश यादव ने मंच से राजा भैया की तरफ किया बड़ा इशारा
'जो लोग नाराज थे वो भी...', अखिलेश यादव ने मंच से राजा भैया की तरफ किया बड़ा इशारा
Cancer: कैंसर से जुड़ी बातों को मरीज को कभी नहीं बताते हैं डॉक्टर, जानें क्यों?
कैंसर से जुड़ी बातों को मरीज को कभी नहीं बताते हैं डॉक्टर, जानें क्यों?
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के पुराने इंटरव्यू का भ्रामक दावे के साथ क्लिप्ड वीडियो किया जा रहा वायरल
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के पुराने इंटरव्यू का भ्रामक दावे के साथ क्लिप्ड वीडियो किया जा रहा वायरल
Go Digit IPO: गो डिजिट आईपीओ की लिस्टिंग ने विराट, अनुष्का को दिया तगड़ा रिटर्न, हुआ इतने करोड़ का मुनाफा
गो डिजिट आईपीओ की लिस्टिंग ने विराट, अनुष्का को दिया तगड़ा रिटर्न
Flower Moon 2024: बुद्ध पूर्णिमा पर आसमान में दिखेगा फ्लावर मून, जानिए क्या है इस दिन फूल और चंद्रमा का क्नेक्शन
बुद्ध पूर्णिमा पर आसमान में दिखेगा फ्लावर मून, जानिए क्या है इस दिन फूल और चंद्रमा का क्नेक्शन
नींबू बेचने वाला कैसे बना लखपति, 20 रुपये के लिए तरसा, आज 60 लाख महीने कमाता है ये यूट्यूबर
कभी 20 रुपये के लिए तरसा, आज 60 लाख महीने कमाता है ये यूट्यूबर
Patal Lok: पाताल लोक का रास्ता कहां से होकर जाता है,पंपापुर में कौन राज करता था?
पाताल लोक का रास्ता कहां से होकर जाता है,पंपापुर में कौन राज करता था?
Embed widget