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सुप्रीम कोर्ट ने सजा-ए-मौत को बरकरार रखते हुए कहा- 'कोई रियायत नहीं हो सकती'
![सुप्रीम कोर्ट ने सजा-ए-मौत को बरकरार रखते हुए कहा- 'कोई रियायत नहीं हो सकती' Know Why Supreme Court Confirmed Death Penalty Of All Accused Of Nirbhaya Rape Case सुप्रीम कोर्ट ने सजा-ए-मौत को बरकरार रखते हुए कहा- 'कोई रियायत नहीं हो सकती'](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2015/12/19170918/nirbhaya2.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: 16 दिसंबर 2012 की आधी रात को चलती बस में गैंगरेप की घटना ने नैतिक पतन में डूबे राष्ट्र को न सिर्फ झकझोरा बल्कि, नींद से जगाया और उसके बाद देश के चप्पे चप्पे में इस घटना के विरोध में आवाज़ें उठीं और सभी की यही मांग थी कि निर्भया के दोषियों को फांसी के फंदे पर लटका जाए.
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने दोषियों को पकड़ डाले, फास्ट ट्रैक कोर्ट में अदालती कार्रवाई शुरू. पहले निचली अदालत ने फिर दिल्ली हाईकोर्ट ने और अब देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के गुनाहगारों की मौत की सजा बरकरार रखी है. आपको बता दें कि भारत में उसे ही मौत की सजा दी जा सकती है, जो मामला रेयर ऑफ दे रेयरेस्ट हो. सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना को भी रेयर ऑफ दे रेयरेस्ट माना.
फैसले के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने क्या कुछ कहा:-
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस के सबूत और कानून के मुताबिक निर्भया के गुनाहगारों की मौत की सजा को बरकरार रखा, लेकिन इस घटना को पूरे समाज के विश्वास को हिलाने वाला करार दिया. सुप्रीम कोर्ट ने साफ साफ कहा कि कठोर सजा मिलेगी तभी समाज में भरोसा पैदा होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि गुनाहगारों के लिए किसी भी रियायत की गुंजाइश नहीं है, क्योंकि निर्भया के कत्ल में पूरी बर्बरता बरती गई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्भया ने मरने से पहले जो बयान दिया और उस वक़्त उसका जो साथी मौजूद था, उसके बयान को नकारने का कोई कारण नहीं हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों के माता-पिता के बीमार या या बूढ़े होने के एवज़ में रहम की अपील को खारिज कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया की घटना को लेकर कहा कि इसने समाज के विश्वास को हिला दिया था. इस घटना को सुनकर ऐसा लगता है कि हम किसी दूसर ग्रह की घटना के बारे में सुन रहे हैं. जहां मानवता पूरी तरह से खत्म हो गई हो. जिसे समाज स्वीकार नहीं कर सकता.
सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना को 'सुनामी ऑफ शॉक' करार दिया यानि इस घटना के बाद समाज को गहरा दुख हुआ.
निचली अदालत और हाई कोर्ट के फैसले
इस मामले में निचली अदालत और दिल्ली हाईकोर्ट ने चारों दोषियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को फांसी की सजा दी थी.
क्या थी घटना?
गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में चलती बस में निर्भया के साथ गैंगरेप हुआ था. इस दौरान उसे इतनी बुरी तरह से घायल कर दिया गया जिससे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. इस मामले में कुल 6 आरोपी थे जिसमें से एक आरोपी राम सिंह जेल में मौत हो गई थी जबकि एक आरोपी नाबालिग था जो बाल सुधार गृह से अब रिहा हो चुका है.
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