Terror Module: एक बार फिर चर्चा में आया अनीस इब्राहिम का नाम, जानिए दाऊद के सबसे खूंखार भाई के बारे में
Pakistan Organised Terror Module: अनीस का नाम बीते दो दशकों से खबरों से गायब था लेकिन दिल्ली पुलिस की ओर से किये गये खुलासे के बाद उसका नाम फिर एक बार चर्चा में आ गया है.
Pakistan Organised Terror Module: अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई अनीस का नाम फिर एक बार चर्चा में है. बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस हफ्ते जिस आतंकी मॉड्यूल का खुलासा किया उसे अनीस इब्राहिम ने तैयार किया था. ये कोई पहली बार नहीं है कि अनीस का नाम किसी आतंकी साजिश से जुडा हो. दाऊद के सभी भाईयों के बीच अनीस को सबसे खूंखार माना जाता है. आज जानेंगे इसी अनीस इब्राहिम की कहानी.
अंडरवर्ल्ड और आतंकवाद का कॉकटेल नया नहीं है. अगर किसी खुफिया एजेंसी को किसी दूसरे देश में घातपात की साजिश को अंजाम देना होता है तो सबसे पहले उस देश में सक्रीय आपराधिक गिरोहों की पहचान की जाती है और ऐसे संगठनों से संपर्क किया जाता है जिनका सरकार के साथ किसी न किसी तरह का संघर्ष हो रहा हो. दरअसल, ये तरीका अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने ईजाद किया था. बाद में कोल्ड वार के वक्त यही सीआईए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की गुरू बन गई. सीआईए ने पाकिस्तानियों को पैसा भी दिया और ट्रेनिंग भी.
ये सीआईए से सीखे गुर का नतीजा ही था कि आईएसआई ने भारत को दहलाने के लिये मुंबई के सबसे बडे डॉन दाऊद इब्राहिम से संपर्क किया. दाऊद 90 के दशक की शुरुआत में दुबई से मुंबई में अपना कालाकारोबार चला रहा था. आएसआई ने दाऊद को ऑफर दिया कि वो पाकिस्तान में उसके बसने और वहीं से अपना गैंग चलाने का पूरा इंतजाम कर सकती है. बदले में दाऊद को आईएसआई के भारत विरोधी मिशन को अंजाम देना होगा.
अनीस को दी जिम्मेदारी
दाऊद को पहला असाईनमेंट दिया गया मुंबई में बम धमाकों का. मुंबई में सोने-चांदी की स्मगलिंग का दाऊद का बना-बनाया नेटवर्क था, जिसका इस्तेमाल करके 1993 में आरडीएक्स मुंबई के करीब रायगढ़ के समुद्र तट पर उतारा गया. दाऊद ने इस मिशन को अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी अपने छोटे भाई अनीस पर. साजिश में शामिल बाकी लोगों से तालमेल का काम अनीस ने ही किया. यही वजह है कि सीबीआई की ओर से मुंबई की टाडा अदालत में दायर बमकांड की चार्जशीट में अनीस का नाम बतौर वांटेड आरोपी दर्ज है.
दाऊद इब्राहिम के कुल 6 भाई हैं लेकिन सभी भाई उसके गिरोह के कामकाज से नहीं जुडे हैं. दाऊद का बडा भाई साबिर 80 के दशक में पठान गैंग से हुए गैंगवार में मारा गया. उसका एक भाई नूर फिल्मों में गाने लिखता था, जिसकी कुछ साल पहले मौत हो गई. उसका एक भाई इकबाल 2003 में दुबई से डीपोर्ट करके मुंबई लाया गया और फिलहाल जेल में है. मुस्तकीम और हुमांयू नाम के बाकी दो भाई लॉ प्रोफाइल थे और दाऊद के काले कारोबार से खुद को दूर रखते थे. हुमांयू की 2016 में कैंसर से कराची में मौत हो गई. इन सभी भाईयों में एक अनीस ही था जो डी कंपनी के कारोबार में दखल रखता था.
दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने अपनी किताब डायल डी फॉर डॉन में अनीस से जुडा एक दिलचस्प किस्सा लिखा है. नीरज कुमार के मुताबिक दुबई में फिल्म यलगार की शूटिंग के दौरान संजय दत्त की जान पहचान अनीस इब्राहिम से हो गई थी. यहीं पर संजय दत्त ने अनीस से अपनी हिफाजत के लिये बंदूक भिजवाने की फरियाद की. अनीस ने अबू सलेम के जरिये भेजी गई हथियारों की खेप में से कुछ राईफलें संजय दत्त के पास भिजवा दीं. बाद में इन्हीं हथियारों को लेकर संजय दत्त की टाडा में गिरफ्तारी हुई और आर्म्स एक्ट में दोषी ठहराये जाने पर उन्हें 5 साल की जेल भी हुई. अनीस ने संजय दत्त को हथियार तो भिजवा दिये थे लेकिन इसकी जानकारी दाऊद को नहीं दी थी. जब दाऊद को ये बात पता चली तो उसने अनीस की खूब पिटाई कर दी. दाऊद ने खुद ये बात नीरज कुमार को फोन करके बताई.
कई मामले हैं दर्ज
90 के दशक में अनीस सबसे ज्यादा सक्रीय था. आये दिन कारोबारियों को धमकी भरे फोन उसकी ओर से किये जाते थे. शूटरों को हथियार पहुंचाने का काम और पैसों के हिसाब रखने का काम अनीस देखता था. मुंबई में उस पर हत्या, हत्या की कोशिश, जबरन उगाही और स्मगलिंग के 24 मामले दर्ज हैं. डी कंपनी में अनीस की हैसीयत नंबर दो की थी, लेकिन गिरोह में ही एक और शख्स उसके वर्चस्व को चुनौती दे रहा था और खुद को अनीस के बराबर मानता था. ये शख्स था छोटा शकील. छोटा शकील दाऊद का दाहिना हाथ माना जाता है. वो शूटरों की भर्ती तो करता ही था, डी कंपनी के प्रवक्ता के तौर पर भी काम करता था.
छोटा शकील और अनीस इब्राहिम के बीच की कड़वाहट अंडरवर्ल्ड में सबको पता थी. छोटा शकील कभी अनीस को ज्यादा सम्मान नहीं देता था. बताया जाता है कि मुंबई की पाकमोडिया स्ट्रीट में जब डी कंपनी के लोग क्रिकेट खेलते थे तब सभी लोग अनीस इब्राहिम को अनीस भाई कहकर पुकारते थे लेकिन शकील उसे सीधे अनीस कहकर संबोधित करता था. वो खुद को अनीस से कम नहीं समझता था.
अनीस का नाम बीते दो दशकों से खबरों से गायब था लेकिन दिल्ली पुलिस की ओर से किये गये खुलासे के बाद उसका नाम फिर एक बार चर्चा में आ गया है. हाल के सालों में डी कंपनी ने भारत में अपनी गतिविधियां बंद कर दी थीं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दाऊद का गिरोह फिर एक बार सक्रीय हो गया है.
यह भी पढ़ें:
क्या है दहशत का 1993 पैटर्न? जब दाऊद इब्राहिम बन गया था भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी
Delhi ISI Terror Module: पुलिस हिरासत में भेजे गए गिरफ्तार 6 कथित आतंकी, मददगारों की तलाश जारी
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets