जम्मू कश्मीरः जानें- आतंकियों के साथ पकड़े गए डीएसपी देवेंद्र सिंह का काला कारनामा
देवेंद्र सिंह स्थानीय व्यापारियों से उगाही करने, आतंकियों के परिजनों से पैसा वसूलने के कई मामलों मे लिप्त रहा है.

जम्मू कश्मीरः आतंकियों के साथ गठजोड़ के आरोप में पकड़ा गया डीएसपी देवेंद्र सिंह का शुरु से ही विवादों से नाता रहा है. वह 1992 में जम्मू कश्मीर पुलिस में भर्ती हुआ था. बताया जाता है कि वह प्रोबेशन पर था, उसी दौरान उस पर भ्रष्टाचार का आारोप लगा था. कहा जाता है कि उस समय वह नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में पकड़े गए नशीले पदार्थों को गायब कर दिया था.
मामले की जांच हुई तो उस समय संबधित प्रशासन ने उसे सेवामुक्त करने की सिफारिश की थी. लेकिन, वह किसी तरह बच गया था. एसओजी में रहते हुए उसने श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र में एक व्यापारी का मसलों व चाय पत्ती से लदा एक ट्रक गायब करा दिया था.
ट्र्क और ड्राइवर अपहरण में आया था देवेंद्र का नाम
उस घटना में ट्रक ड्राइवर का भी पता नहीं चल पाया था. व्यापारी उस समय जम्मू कश्मीर के तत्कालीन कार्यवाहक मुख्यमंत्री गुलाम मोहिउददीन शाह का निकट संबंधी था. गुलाम मोहिददीन शाह ने इस मामले में एमएलीस जावेद शाह की मदद ली थी.
जावेद शाह पूर्व पुलिसकर्मी थे जो आतंकवाद में शामिल हो गए थे. लेकिन, आतंकी हिंसा से तंग आकर मुख्यधरा में लौट आए थे. उन्होंने अपने तंत्र से पता किया और ट्रक को माल समेत दक्षिण कश्मीर से बरामद कर लिया था. उन्होंने ट्रक चालक को भी उन्होंने रिहा करावा लिया था. इस मामले में भी देवेंद्र सिंह का नाम सामने आया था.
उगाही का है आरोप
देवेंद्र सिंह स्थानीय व्यापारियों से उगाही करने, आतंकियों के परिजनों से पैसा वसूलने के कई मामलों मे लिप्त रहा है. उसने ही पूर्व पुलिस अधिकारी आशिक हुसैन बुखारी जो बाद में डीआईजी पद से रिटायर हुए और आजकल जेकेसीए के प्रशासक हैं, के कहने पर बडगाम में एक युवक को आतंकी होने के संदेह में पकडा था. बाद में इस युवक का शव मिला था.
इस मामले में उसके साथ सब इंस्पेक्टर शैली सिंह, एएसआई वारिस शाह और आशिक बुखारी के खिलाफ शिकायतें दी गई थी. मामला मानवाधिकार आयोग में पहुंचा था. मामला जम्मू कश्मीर अदालत में भी चल रहा है. वारिस शाह जेल में है और उसने अदालत को इस मामले में आशिक हुसैन बुखारी और देवेंद्र सिंह की भूमिका के बारे में बताया गया था.
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