मोदी सरकार का किसानों की 7 मांग मानने का दावा, नाखुश किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर जमाया डेरा
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम इस पर बातचीत करेंगे और फिर आगे के रुख पर फैसला करेंगे.

नई दिल्ली: अपनी मांगों को लेकर राजधानी दिल्ली में घुसने की कोशिश कर रहे किसानों की मोदी सरकार ने सात मांगे मान लेने का दावा किया है. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि किसानों की सात मांगें मान ली गई हैं. उन्होंने कहा कि रात भर बैठकों का दौर चला, तब जाकर इन मागों पर सहमति बनी है और हमने एलान भी कर दिया. लेकिन अगर अब भी धरना जारी रहता है तो बेमानी है.
एनजीटी के आदेश को लेकर कोर्ट जाएगी मोदी सरकार- शेखावत
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, ‘’मोदी सरकार किसानों की हितैषी सरकार है, इसलिए हमने किसानों के हित में कमद उठाए गए हैं. सरकार किसानों की बात को आगे बढ़ाने का भरोसा दिला रही है.’’ उन्होंने कहा कि हम एनजीटी के इस आदेश को लेकर अदालत में जाएंगे कि 10 साल से पुराने ट्रैक्टरों और वाहनों पर पाबंदी लगनी चाहिए.
खेतिहर मजदूरी के संबंध में किसानों की समस्या पर शेखावत ने कहा कि सरकार इस समस्या के समाधान के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के लिहाज से न्यूनतम वेतन के नियमों में कुछ बदलाव लाने पर विचार करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने खेतिहर मजदूरी के मुद्दे पर विचार के लिए छह मुख्यमंत्रियों की समिति बनाई है. समिति मनरेगा को खेती से जोड़ने पर बातचीत कर रही है.’’
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We held discussions with representatives of Bharatiya Kisan Union last night. Another meeting was held at Home Minister's house this morning. In the end, we reached agreements on some issues & they assured us that the agitation will be called off: MoS Agriculture GS Shekhawat pic.twitter.com/ztAKPtpSwy
— ANI (@ANI) October 2, 2018
मनरेगा को खेती से जोड़ने पर विचार- शेखावत
शेखावत ने किसानों से कहा, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि मैं इस समिति में किसानों के हितों की बात रखूंगा और मनरेगा को खेती से जोड़ने के लिए जो भी बदलाव जरूरी होंगे, किये जाएंगे.’’सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं- टिकैत
वहीं, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम इस पर बातचीत करेंगे और फिर आगे के रुख पर फैसला करेंगे. मैं अकेले कोई फैसला नहीं ले सकता. हमारी समिति फैसला करेगी.’’
आज अबतक क्या-क्या हुआ?
1- पूर्ण कर्जमाफी और बिजली की दरों में कमी सहित 9 मांगों को लेकर 'किसान क्रांति यात्रा' के बैनर तले हरिद्वार में 9 दिनों पहले किसानों ने यात्रा शुरू की थी. प्रदर्शनकारी किसान आज उत्तर प्रदेश -दिल्ली की सीमा गाजिपुर पर पहुंच गए.
2- इस दौरान दिल्ली में घुसने की कोशिश कर रहे किसानों को पुलिस बल ने रोकने की कोशिश की और और प्रदर्शन हिंसक हो गया, किसानों ने बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया और दिल्ली जाने के लिए उसपर ट्रैक्टर चढ़ा दिए. उन्हें रोकने के लिए पुलिस को पानी की बैछारें और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.
3- विरोध प्रदर्शन के दौरान कई किसान गंभीर रूप से घायल हो गए. इस घटना के बाद स्वाभिमानी सेतकारी संगठन नेता आर शेट्टी ने कहा कि किसान आतंकी और नक्सली नहीं है. वो अपनी मांगों को लेकर दिल्ली आए थे.
4- पुलिस की इस कार्रवाही के बाद कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ''विश्व अहिंसा दिवस पर बीजेपी का दो-वर्षीय गांधी जयंती समारोह शांतिपूर्वक दिल्ली आ रहे किसानों की बर्बर पिटाई से शुरू हुआ. अब किसान देश की राजधानी आकर अपना दर्द भी नहीं सुना सकते!''
5- इस आंदोलन को देखते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दावा किया कि मोदी सरकार ने किसानों की सात मांगें मान ली हैं. उन्होंने कहा कि रात भर बैठकों का दौर चला, तब जाकर इन मागों पर सहमति बनी है और हमने एलान भी कर दिया. लेकिन अगर अब भी धरना जारी रहता है तो बेमानी है.
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