'विवाहित महिला से शादी का वादा रेप का आधार नहीं'... बलात्कार के आरोपी को बरी करते हुए HC ने कहा
अभियोजन पक्ष का कहना है कि आरोपी ने शादी के झूठे वादे के तहत कई बार याचिकाकर्ता का यौन उत्पीड़न किया. याचिकाकर्ता ने कहा कि शादी का वादा करने के बाद वह यौन संबंध के लिए राजी हुई थी.

Kerala High Court: केरल हाईकोर्ट ने एक फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर कोई पुरुष किसी महिला से शादी करने के अपने वादे से मुकर जाता है तो सहमति से यौन संबंध आईपीसी की धारा 376 के तहत अपराध नहीं होगा. हाईकोर्ट ने बलात्कार के आरोपी को भी इसी तर्क पर बरी कर दिया. जस्टिस कौसर एडप्पागथ की पीठ आईपीसी की धारा 376, 417 और 493 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दर्ज अपराध में आगे की सभी कार्यवाही को रद्द करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
जस्टिस कौसर एडप्पागथ की एकल पीठ ने बलात्कार के मामले को खारिज करते हुए यह भी कहा कि अगर एक विवाहित महिला ने स्वेच्छा से पुरुष के साथ यौन संबंध बनाए, यह जानते हुए कि वह उसके साथ एक वैध विवाह में प्रवेश नहीं कर सकती है, तो यह बलात्कार नहीं हो सकता. वहीं अभियोजन पक्ष का कहना है कि आरोपी ने शादी के झूठे वादे के तहत ऑस्ट्रेलिया और देश में कई बार याचिकाकर्ता का यौन उत्पीड़न किया.
याचिकाकर्ता ने क्या कहा?
अभियोजन पक्ष ने अपनी याचिका में कहा है कि आरोपी ने बार-बार शादी का वादा करने के बाद वह यौन संबंध के लिए राजी हुई. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के विस्तृत बयान से यह स्पष्ट होता है कि यौन संबंध प्रकृति में सहमति से बने थे. इसमें कहा गया है कि शादी का वादा मामले में टिक नहीं पाएगा, क्योंकि महिला शादीशुदा है और वह अच्छी तरह जानती थी कि कानून के तहत कानूनी शादी संभव नहीं होगी.
अदालत ने क्या कहा?
अदालत ने मामले को खारिज करते हुए कहा, "इस तरह का एक अप्रवर्तनीय और अवैध वादा आईपीसी की धारा 376 के तहत अभियोजन का आधार नहीं हो सकता है. अभियुक्तों के लिए ऐसा कोई मामला नहीं है कि उन्होंने वैध विवाह के विश्वास को प्रेरित करने के बाद यौन संबंध बनाए. धोखाधड़ी के अपराध को आकर्षित करने के लिए कुछ भी नहीं है."
पिछले महीने भी कोर्ट ने दिया था ऐसा ही फैसला
पिछले महीने इसी तरह के एक मामले में इसी बेंच ने फैसला सुनाया था कि "शादी के झूठे वादे पर रेप बर्दाश्त नहीं होगा अगर महिला को पता हो कि वह शख्स पहले से शादीशुदा है और वह उसके साथ शारीरिक संबंध बनाती रही." अदालत ने राज्य की राजधानी के रहने वाले एक 33 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ मामले को खारिज कर दिया था.
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Source: IOCL























