केरल सरकार ने संविधान की प्रस्तावना को बनाया स्कूली पाठ्यपुस्तकों का हिस्सा, जानें क्यों किया ऐसा?
Kerala News: केरल में कक्षा एक से 10वीं तक संशोधित स्कूली पाठ्यपुस्तकों में संविधान की प्रस्तावना को शामिल करने का फैसला राज्य सरकार ने लिया है.

Kerala School Textbooks: केरल के इतिहास में पहली बार संशोधित स्कूली पाठ्यपुस्तकों में संविधान की प्रस्तावना शामिल होगी. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बुधवार (17 जनवरी) को आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि सीपीआई(एम) के नेतृत्व वाली वामपंथी सरकार ने बच्चों के मन पर संवैधानिक मूल्यों का प्रभाव डालने के अपने प्रयासों के तहत कक्षा 1 से 10वीं तक की पाठ्यपुस्तकों में प्रस्तावना सम्मिलित करने का फैसला लिया है.
सामान्य शिक्षा मंत्री और राज्य पाठ्यक्रम समिति के अध्यक्ष वी शिवनकुट्टी ने मंगलवार (16 जनवरी) तिरुवनंतपुरम में इस अहम फैसले की घोषणा की. राज्य पाठ्यक्रम संचालन समिति ने हाल में एक दशक के बाद लागू किए गए पाठ्यक्रम सुधारों के हिस्से के रूप में कक्षा I, III, V, VII और IX के लिए 173 नई पाठ्यपुस्तकों को मंजूरी दी है.
शिवनकुट्टी ने कहा कि यह पहली बार है कि संविधान की प्रस्तावना को हर पाठ्यपुस्तक की शुरुआत में शामिल और मुद्रित किया गया है. उन्होंने कहा कि एलडीएफ सरकार ने शुरू से ही यह स्पष्ट कर दिया है कि दक्षिणी राज्य संवैधानिक मूल्यों को कायम रखते हुए सुधार गतिविधियों को आगे बढ़ाएगा.
SCERT के निदेशक क्या बोले?
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के निदेशक जयप्रकाश आरके ने कहा कि एनसीईआरटी की कई पाठ्यपुस्तकों में पहले से ही संविधान की प्रस्तावना है लेकिन यह पहली बार है कि केरल इस तरह की पहल कर रहा है.
एससीईआरटी एक ऑटोनॉमस बॉडी है जिसे प्री-स्कूल से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्तर तक सभी शैक्षणिक कार्यक्रमों की योजना, कार्यान्वयन और मूल्यांकन का काम सौंपा गया है. प्रस्तावना राज्य की सभी संशोधित पाठ्यपुस्तकों का हिस्सा होगी. इसे शिक्षकों के प्रशिक्षण का भी हिस्सा बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे शिक्षकों और छात्रों दोनों को संविधान की प्रस्तावना के मूल को समझने में मदद मिलेगी.
किस भाषा में होगी प्रस्तावना?
जयप्रकाश आरके कहा कि अगर पाठ्यपुस्तक का माध्यम मलयालम है तो प्रस्तावना मलयालम में होगी. तमिल पाठ्यपुस्तकों में यह तमिल में और हिंदी पाठ्यपुस्तकों में हिंदी में होगी.
प्रस्तावना को पाठ्यपुस्तकों का हिस्सा बनाने के कारण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य युवाओं के बीच संविधान के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना है. सामान्य शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि संशोधित पाठ्यपुस्तकें अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए स्कूल फिर से खुलने से कुछ हफ्ते पहले छात्रों तक पहुंच जाएंगी.
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