कर्नाटक में कांग्रेस का 'गिफ्ट', इन उपभोक्ताओं को नहीं भरना होगा बकाया बिजली बिल, सरकार ने माफ किया 389 करोड़ का अमाउंट
Karnataka Government: कर्नाटक सरकार ने सूबे में बिजली की तीन योजनाओं के लाभार्थियों का 389 करोड़ रुपये का बकाया माफ करने का फैसला किया है. इन लाभार्थियों को बेहद कम कीमत पर बिजली मिल रही थी.

Karnataka Government Decision On power Waive: 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक की सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. सूबे में बिजली की तीन स्कीमों के लाभार्थियों का बकाया अमाउंट माफ करने का फैसला किया गया है. सरकार 389 करोड़ रुपया का बकाया माफ करेगी. इनमें कुटीरा भाग्य, भाग्य ज्योति और अमृता ज्योति योजना के बकाये शामिल हैं.
राज्य के बिजली मंत्री केजे जॉर्ज ने मंगलवार (21 नवंबर) को यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि कुटीरा भाग्य, भाग्य ज्योति और अमृता ज्योति के लाभार्थियों पर 389 करोड़ रुपये बकाया था. इस बारे में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से बातचीत हुई, जिसके बाद सीएम ने बकाया अमाउंट माफ कर देने का फैसला लिया है. उन्होंने यह भी कहा है कि तुमकुर जिले में पावगाडा के कई किसानों ने सोलर पावर के उत्पादन के लिए 8 हजार एकड़ जमीन देने की पेशकश की है.
"तीनों बिजली स्कीम का हो चुका है विलय"
जॉर्ज ने बताया कि सरकार पहले ही इन तीनों स्कीमों का विलय गृह ज्योति स्कीम में कर चुकी है. इसके तहत लोगों को अपने घरों के लिए 200 यूनिट्स बिजली मुफ्त दी जाती है. पहले कुटीर भाग्य और भाग्य ज्योति के लाभार्थियों को 40 यूनिट्स बिजली मुफ्त मिलती थी, जबकि अमृत ज्योति स्कीम के तहत 75 यूनिट्स बिजली फ्री दी जाती थी.
केजे जॉर्ज ने कहा, "हमने तय किया है कि पहले जिन लोगों को 40 यूनिट्स पावर मिल रहा था, उन्हें अब 50 यूनिट्स प्लस 10 यूनिट्स पावर मिलेगा. जिन लोगों को 75 यूनिट्स पावर मिलता था उन्हें अतिरिक्त 10 यूनिट पावर मिलेगा. "
सोलर सब स्टेशन बनाने के लिए टेंडर
जॉर्ज ने यह भी बताया कि सरकार ने सोलर सबस्टेशंस बनाने के लिए टेंडर जारी किया हैं. 7 बिडर्स को शॉर्टलिस्ट किया गया है, जो 750 मेगावॉट बिजली उपलब्ध कराएंगे. कर्नाटक इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने प्रति यूनिट 3.17 रुपये का रेट तय किया है.
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में सियासी जंग तेज हो गई है. बीजेपी और कांग्रेस के बीच मतदाताओं को अपने पाले में करने को लेकर लगातार बयानबाजी हो रही है. इस बीच कर्नाटक की कांग्रेस सरकार का यह फैसला सुर्खियों में है.
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