जम्मू-कश्मीर: राज्यपाल ने भंग की विधानसभा, राज्य में नए सिरे से होंगे चुनाव
पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने का फैसला किया है और राज्यपाल से मिलकर दावा भी पेश कर दिया है.

नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग कर दी है. अब राज्य में नए सिरे से चुनाव होंगे. कुछ देर पहले ही खबर आई थी कि पीडीपी ने जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. इसके लिए 56 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को भेज दी गई थी.
इसको लेकर उमर अबदुल्ला ने ट्वीट किया और लिखा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस पिछले 5 महीने से जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग करने की मांग कर रही थी और अब ये संयोग नहीं हो सकता कि जैसे ही महबूबा मुफ्ती ने सरकार बनाने का दावा पेश किया उसके मिनटों के भीतर विधानसभा भंग कर दी गई.Jammu and Kashmir governor Stya Pal Malik dissolves state assembly. pic.twitter.com/nVKwU2XxTk
— ABP News (@abpnewstv) November 21, 2018
अब विधानसभा भंग कर दी गई है और राज्य में किसी को सरकार बनाने का मौका नहीं मिलेगा. ऐसे में पीडीपी ने कहा है कि अगर उन्हें मौका मिलता तो वो सरकार बनाने के लिए जरूरी नंबर हासिल कर सकते थे. साथ ही महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया वह उमर अब्दुल्ला को समर्थन करने के लिए धन्यवाद करती हैं . उनके ट्वीट को रिट्विट करते हुए उमर अब्दुल्ला ने लिखा, ''मैने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी कुछ जो तुमने कहा वह रिट्विट करूंगा और उस बात से सहमत हो जाउंगा. राजनीति वास्तव में एक अजीब दुनिया है. आगे लड़ाई के लिए शुभकामनाएं.''JKNC has been pressing for assembly dissolution for 5 months now. It can’t be a coincidence that within minutes of Mehbooba Mufti Sahiba letter staking claim the order to dissolve the assembly suddenly appears.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 21, 2018
And I never thought I’d be retweeting anything you said while agreeing with you. Politics truly is a strange world. Good luck for the battle ahead. Once again the wisdom of the people will prevail. https://t.co/OcN9uRje1s
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 21, 2018
बताया जा रहा है कि सज्जाद लोन और महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखी थी. बता दें कि जेएंडके में सरकार बनाने के लिए कुल 44 विधायकों की जरूरत है और पीडीपी ने 56 विधायकों के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था.
Former J&K CM and President of PDP Mehbooba Mufti writes to J&K Governor Satya Pal Malik to stake the claim for forming govt in the state. The letter reads, "You might have gathered from media reports that Congress and NC have decided to extend support to our party to form govt." pic.twitter.com/F7coNfKO44
— ANI (@ANI) November 21, 2018
पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को भेजी चिट्ठी में सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इसमें उन्होंने लिखा कि आपको शायद मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला होगा कि राज्य में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हमारी पार्टी को समर्थन देने का फैसला किया है.
अभी शाम को ही खबर आई थी कि कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन हो रहा है. कल तक एक दूसरे के घोर दुश्मन रहे तीन विपक्षी दल एक साथ मिलकर सरकार बना रहे हैं. इस गठबंधन की घोषणा आज श्रीनगर में हुई. पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने का फैसला किया और राज्यपाल से दावा भी पेश किया.
पीडीपी नेता अल्ताफ बुखारी ने शाम को कहा था कि विपक्षी दलों के 60 विधायक साथ आ रहे हैं. हालांकि समर्थन की चिट्ठी में 56 विधायकों के ही नाम बताए गए. उन्होंने कहा था कि कश्मीर के स्पेशल स्टेटस, धारा 370 और 35 (ए) को बचाने के लिए सभी साथ आए हैं. बीजेपी को किनारे रखकर हम एक साथ मिलकर सरकार बनाएंगे. इसके लिए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला की पार्टी ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाया.
बता दें कि राज्य में बीजेपी ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया था, जिसकी वजह से महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई थी. कश्मीर घाटी के हालात में सुधार नहीं होने के लिए बीजेपी ने पीडीपी पर ठीकरा फोड़ा था.
Source: IOCL





















