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JET एयरवेज के कर्मचारियों की दर्द भरी दास्तां, कहीं दवाई के पैसे नहीं, कहीं फीस तक देने के लाले
जेट एयरवेज के कई कर्मचारियों के ऊपर घर की छत छिन जाने का खतरा मंडरा रहा है तो कई घरों में बीमार परिजनों की दवाई तक के लिए पैसे नहीं हैं.
![JET एयरवेज के कर्मचारियों की दर्द भरी दास्तां, कहीं दवाई के पैसे नहीं, कहीं फीस तक देने के लाले Jet Airways Employees Case study after temporary closure of Company JET एयरवेज के कर्मचारियों की दर्द भरी दास्तां, कहीं दवाई के पैसे नहीं, कहीं फीस तक देने के लाले](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/04/29170256/JET-AIRWAYS-CASE-STUDY-P2.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्लीः आर्थिक संकट से जूझ रही प्राइवेट सेक्टर की एयरलाइन जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को अपने विमान सेवा को अस्थाई तौर पर बंद करने का एलान किया. 8 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी जेट एयरलाइन के बंद होने से करीब 22 हजार से ज्यादा कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में लटक गया है. महीनों से जेट एयरवेज के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है और इसके चलते उनकी माली हालत बेहद खराब हो चली है. कई कर्मचारियों के ऊपर घर की छत छिन जाने का खतरा मंडरा रहा है तो कई घरों में बीमार परिजनों की दवाई तक के लिए पैसे नहीं हैं.
ऐशिक मुखर्जी द्वारका सेक्टर 2 में रहने वाले जेट एयरवेज के कर्मचारी ऐशिक मुखर्जी के घर में उनकी पत्नी के साथ उनकी सास भी रहती हैं. ऐशिक मुखर्जी की पत्नी संगीता मुखर्जी का कहना है कि मां रत्ना चटोपाध्याय को कैंसर की बीमारी है लेकिन पिछले कई महीनों से वेतन ना मिलने से मां की दवाइयां मजबूरन बंद कर दी गई हैं. सैलरी न मिलने के कारण जेट एयरवेज के कर्मचारियों के लिए हर तरफ से मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं.
जुबैर वारिस 34 साल के ज़ुबैर वारिस ने कुल 11 साल का अपना समय जेट एयरवेज के साथ गुजरा है. ज़ुबैर अपने कंपनी में एक बेहतरीन कर्मचारी में से एक रहे हैं. जेट एयरवेज के साथ रहते हुए इन्होंने के मेडल्स और अवार्ड्स भी हासिल किए हैं. आर्थिक तंगी के चलते जब 17 अप्रैल को कंपनी ने इसके बंद होने का एलान किया और 22 हज़ार कर्मचारी रातों रात बेरोज़गार हो गए जिनमें ज़ुबैर भी एक हैं. इस घटना के बाद जुबैर के पास नौकरी का कोई दूसरा विकल्प नही रह गया है. ज़ुबैर अपनो पत्नी सना के साथ मुम्बई में मीरा रोड में रहते हैं और आज भी यही उम्मीद लगाए बैठे है कि जेट एयरवेज फिरसे एक बार आसमान मैं उड़ान भरेगी। जुबैर का कहना है कि फिर यहां से कहीं ओर नौकरी की तलाश में जाना और एक नई जिंदगी की शुरुआत करना संभव नहीं है.
जुबैर का कहना है कि जिन्होंने 25 साल या उस से अधिक इस कंपनी को दिए है उनका क्या? आज हमारे एक कर्मचारी ने अपनी जान दे दी उसके परिवार को क्या अब कंपनी देखेगी, नहीं. इसी तरह हमारे लिए भी काफी दिक्कतें खड़ी हो गई हैं. मेरी केवल सरकार से और प्रधानमंत्री सहित सभी नेताओं से अपील है कि ये 22 हज़ार लोगों के परिवार का सवाल है. इनके लिए सरकार को कुछ करना चाहिए.
मोहम्मद सोहेब 30 साल की मोहम्मद सोहेब भी जेट एयरवेज के साथ 9 साल जुड़े रहे हैं. जेट एयरवेज में वो सीनियर कस्टमर असिस्टेंट के तौर पर काम कर रहे थे. कंपनी के बंद पड़ जाने से सोहेब के लिए भी चीज़ें काफी बिगड़ चुकी हैं. आज इनके लिए दूसरा कोई ओर विकल्प नही है जहां वे काम कर सकें. सोहेब का कहना है कि मुम्बई जैसे शहर में रहते हुए बिना किसी गलती के अपनी नौकरी अचानक से गंवा देना बेहद दुखद है. मुम्बई में बिना सैलरी के जीना ही एक सबसे बड़ी समस्या है. सभी कर्मचारी कंपनी के लिए रात दिन काम कर रहे थे. सभी लोग जेट एयरवेज के साथ काम करते हुए काफी खुश थे. आज 22 हज़ार लोग बेरोज़गार हो गए हैं. लेकिन आज भी हमें उम्मीद है कि कंपनी फिर से शुरु होगी. इसमें मैनेजमेंट की सबसे बड़ी लापरवाही है. मैं बस इतना चाहता हूं कि जल्द से जल्द कोई विकल्प निकाला जाए और हमें नौकरी दी जाए.
सूरज कुमार द्वारका सेक्टर 10 में रहने वाले जेट एयरवेज के कर्मचारी सूरज कुमार पिछले 22 सालों से जेट एयरवेज से जुड़े रहे हैं. अब जेट एयरवेज की ये हालत देखकर उन्हें अपना भविष्य अंधेरे में नजर आ रहा है. उनका कहना है कि मेरे बेटे की आगे की पढ़ाई के लिए पैसे कहां से आएंगे, लगता यही है कि अब बेटे को आगे पढ़ाना बहुत मुश्किल होगा. घर और गाड़ी लोन पर लिया था. लेकिन अब लग रहा है सर से छत भी हट जाएगी. सूरज कुमार वहीं प्रधानमंत्री से अभी भी उम्मीद लगाए हैं. उनका कहना है कि हमें पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी हम लोगों के लिए जरूर कुछ न कुछ करेंगे.
कांत प्रसाद सूरज कुमार के साथ उनके रिश्तेदार कांत प्रसाद भी जेट एयरवेज में काम करते थे. लेकिन पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिलने से घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है. उनकी पत्नी संगीता का कहना है कि हमें रात रात भर नींद नहीं आती है.
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