जम्मूः लश्कर-ए-तैयबा के टेरर फंडिंग नेटवर्क का भंडाफोड़, पुलिस ने गिरफ्तार किए 6 आतंकी
पुलिस के मुताबिक, इन आतंकियों ने जम्मू के उधमपुर में सेना की उत्तरी कमान और कश्मीर के उरी में सेना के ठिकानों की जानकारियां पकिस्तानी आकाओं से साझा की थी.

जम्मू: पुलिस ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तोइबा के टेरर फंडिंग नेटवर्क का भंडाफोड़ कर 6 आतंकियों को गिरफ्तार किया है. जम्मू पुलिस की मानें, तो लश्कर अब प्रदेश में सक्रिय आतंकियों तक पैसा पहुंचाने के लिए वाघा बॉर्डर से भारत आ रहे अपने नागरिको का भी इस्तेमाल करता है. जम्मू पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप (एसओजी) ने ये गिरफ्तारियां की हैं.
सक्रिय आतंकियों तक पैसा पहुंचाते थे
एसओजी गिरफ़्त में लश्कर-ए-तोइबा के वो 6 आतंकी आये हैं, जो जम्मू कश्मीर में सक्रिय अपने आतंकियों तक पाकिस्तान से आया पैसा पहुंचाते थे. जम्मू पुलिस ने लश्कर के जिन छह आतंकियों को पकड़ा है, उनकी पहचान मुबाशिर फ़ारूक़ भट्ट, तौक़ीर अहमद भट्ट, आसिफ भट्ट, खालिद लतीफ, गाज़ी इक़बाल और तारिक़ हसन मीर के रूप में हुई है. यह सभी आतंकी सीमा पार बैठे लश्कर के कमाण्डर हारुन उर्फ़ खुबाईब के संपर्क में थे.
जम्मू रेंज के आईजीपी मुकेश सिंह की मानें, तो गिरफ्तार आतंकियों को सीमा पार से जम्मू-कश्मीर में युवाओं को आतंकी संगठनों में शामिल करने, प्रदेश में सक्रिय आतंकियों को हर संभव मदद करने, सुरक्षा बलों के ठिकानों की जानकारियां साझा करने, आतंकियों और हथियारों को लाने-ले जाने और मारे गए आतंकियों के परिवारवालों तक पैसे पहुंचाने की ज़िम्मेदारी दी गयी थी.
सैन्य ठिकानों की जानकारी पाकिस्तानी आकाओं को दी
पुलिस के मुताबिक, इन आतंकियों ने जम्मू के उधमपुर में सेना की उत्तरी कमान और कश्मीर के उरी में सेना के ठिकानों की जानकारियां पकिस्तानी आकाओं से साझा की थी. मुकेश सिंह ने दावा किया है कि यह सभी आतंकी अपने पाकिस्तानी आकाओं से व्हाट्सएप समेत सभी एन्क्रिप्टेड एप्लिकेशन्स से संपर्क में थे और इन तक पाकिस्तान कई तरीकों से पैसे पहुंचाता था.
पाकिस्तान वाघा बॉर्डर के ज़रिये भारत आ रहे अपने नागरिकों के हाथ भी आतंकियों तक पहुंचाने वाला पैसा भेजता रहा है. इसके साथ ही मुंबई से भी हवाला के ज़रिये पैसे जम्मू-कश्मीर पहुंचाए गए हैं. जम्मू पुलिस की मानें, तो इस टेरर फंडिंग नेटवर्क के तार जम्मू-कश्मीर समेत पंजाब और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों से भी जुड़े हैं.
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Source: IOCL























