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Chota Amarnath Yatra: 9 साल बाद शुरू होगी 'छोटा अमरनाथ यात्रा', जानिए क्या है मान्यताएं?

Amarnath Yatra 2023: उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले में प्रशासन 31 अगस्त को शुरू होने वाली आगामी 'छोटा अमरनाथ यात्रा' की तैयारियों में व्यस्त है.

Chota Amarnath Yatra: 9 साल के अंतराल के बाद उत्तरी कश्मीर का बांदीपोरा जिला आगामी 'छोटा अमरनाथ यात्रा' की तैयारियों में व्यस्त है. छोटा अमरनाथ यात्रा 31 अगस्त से शुरू होने वाली है और भक्त गुफा के अंदर पवित्र बर्फ के लिंग के दर्शन करेंगे. 'छोटा महाराजा यात्रा' 2013 में पच्चीस साल के अंतराल के बाद शुरू हुई थी, लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते 2014 के बाद इसे दोबारा रोका गया था.

बांदीपुर की अरिन घाटी के घने जंगलों में पहाड़ की चोटी पर स्थित, महा दानेश्वर मंदिर, जिसे 'छोटा अमरनाथ' भी कहा जाता है, में प्राकृतिक रूप से बना बर्फ का शिवलिंग है. ऊपर से पानी की बूंदें धीरे-धीरे इस लिंगम पर गिरती हैं. इस गुफा की तीर्थयात्रा में केवल एक दिन लगता है, जिसके अंदर की संकीर्ण जगह में केवल 7 से 8 व्यक्तियों के रहने की जगह है. 

छोटा अमरनाथ के नाम से मशहूर है ये मंदिर

श्रीनगर से 75 किलोमीटर दूर बांदीपुर जिले के अजस गांव के मजबूत पहाड़ों में बना यह प्राकृत गुफा मंदिर कई घाटों की कठिन चढ़ाई के बाद घने जंगलों के बीच बसा है. मंदिर को स्थानीय लोग "दियानेश्वर मंदिर" के नाम से जानते थे और बाकी दुनिया छोटा अमरनाथ के नाम से.

इस मंदिर में शिव, पार्वती और गणेश के प्राकृतिक स्वरूप में बनी प्रतिमाओं के साथ कठोर पत्थरों को तराश कर बनाई गई मूर्तियां भी हैं. गुफा में शिवलिंग के ऊपर पानी की एक धारा भी बहती है जिसे दूर से देखने पर दूध जैसा दिखता है. यात्रा के लिए दर्शनार्थियों को 15 किलोमीटर लंबा मार्ग पैदल तय करना होता है. 

पहले लगा करता था बड़ा मेला

1989 में कश्मीर में हालात खराब होने से पहले यहां हर साल श्रावण पूर्णिमा (रक्षा बंधन) पर एक बार भव्य मेला लगता था जो तीन दिनों तक जारी रहता था. जिसमें न सिर्फ कश्मीर घाटी से बल्कि पूरे देश से भी भक्तजन आते थे. हर साल चार-पांच हजार यात्री यहां आया करते थे.

इस गुफा मंदिर के बारे में कोई दावा नहीं कर सकता कि इसे कब बनाया गया है और जब इसका पता बांदीपुर में रहने वाले लोगों को चला तो गांव के एक जमींदार आफताब कौल के पूर्वजों ने इस मंदिर को ढूंढ़ा.  

स्थानीय लोगों की सालभर की आमदनी का जरिया

पच्चीस साल पहले ये यात्रा इस क्षेत्र के लिए कितनी अहम थी इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यात्रा स्थानीय लोगों के लिए सालभर की आमदनी का एक मात्र स्रोत थी. जैसे पहलगाम के लोगों के लिए अमरनाथ यात्रा होती थी. अब यात्रा के फिर से शुरू होने से स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि पहले की तरह बुड्ढा अमरनाथ की यात्रा की भी शुरुआत होगी.

डीडीसी सदस्य (अरिन) गुलाम मोहिउद्दीन के अनुसार स्थानीय निवासियों ने इस पहल के लिए अपना समर्थन बढ़ाया है, लेकिन बुनियादी ढांचे में सुधार की जरूरत है. मोहिउद्दीन ने कहा, "हम छोटा अमरनाथ यात्रा को लेकर रोमांचित हैं. यह एक स्वागत योग्य कदम है जो हमारे समुदाय में भक्ति की भावना लाता है. हालांकि, यात्रा मार्ग पर मौजूदा सड़क संपर्क और बुनियादी सुविधाओं को लेकर चिंताएं व्यक्त की गईं." 

सुरक्षा को लेकर किए जा रहे बंदोबस्त

उन्होंने कहा, "हालांकि हम इस प्रयास की सराहना करते हैं, लेकिन अधिक आरामदायक तीर्थयात्रा के लिए उचित सड़क कनेक्टिविटी और सुविधाएं सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है." अधिकारी अमीर शफी राथर ने कहा, "सुरक्षा एक प्राथमिकता बनी हुई है. पुलिस विभाग सुरक्षा सुनिश्चित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त कर्मियों को तैनात करने के लिए तैयार है. पुलिस विभाग की संचार शाखा तीर्थयात्रियों को आवश्यक जानकारी और सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है."

इस बीच, प्रशासन दृश्यता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए यात्रा मार्ग पर सोलर लाइट लगाने पर भी काम कर रहा है. स्थानीय लोगों की इस आशा को ध्यान में रखते हुए, नौ साल के अंतराल के बाद अब स्वास्थ्य, वन, राजस्व और कई अन्य विभागों के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों, डीडीसी और पंचायत सदस्यों के साथ उस स्थान का दौरा किया.

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