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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2022: पहले दिन उठा असहिष्णुता का मुद्दा, नयनतारा सहगल ने कहा- गांधी और नेहरू के मुल्यों को खत्म किया जा रहा है
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2022 का आगाज आज हुआ और पहले ही दिन असहिष्णुता के मुद्दे पर चर्चा हुई.
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2022 का आगाज आज हो गया. आज उद्घाटन कार्यक्रम में कई मुद्दों पर अलग-अलग हस्तियों ने बात की. ऐसा ही एक मुद्दा रहा असहिष्णुता यानी इनटोलरेंस का मुद्दा. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2022 के वर्चुअल हाफ के पहले दिन पत्रकार और लेखिका गीता सहगल ने अपनी मां, 94 वर्षीय लेखिका नयनतारा सहगल के साथ बातचीत की.
नयनतारा सहगल ने गीता सहगल के साथ हुई चर्चा में कहा कि महात्मा गांधी व नेहरू युग के सार्वजनिक मूल्यों को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने एक खास विचारधारा के खिलाफ बोलने वालों पर हो रहे हमले की निंदा की और साथ ही मुसलमानों को प्रताड़ित किए जाने का मुद्दा भी उठाया.
नयनतारा सहगल ने कहा कि बीफ ले जाने के झूठे आरोप में एक गरीब की हत्या हुई, ईद मनाने जा रहे एक 15 साल के बच्चे को भीड़ ने मार दिया, तीन लेखकों की हत्या हुई, उस पर ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि बढ़ती असहिष्णुता ही वो वजह थी जिसके कारण साल 2014 में उन्होंने साहित्य अकाडमी अवॉर्ड वापस कर दिया था.
बता दें कि वह इंडियन राइटर्स फ़ोरम की एक सक्रिय सदस्य हैं. उन्होंने अंधविश्वास और कट्टरता और तीन लेखकों की हत्या के विरोध में 2014 में अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस कर दिया था. उन्होंने मुख्य रूप से मुसलमानों पर और सत्तारूढ़ हिंदुत्व की विचारधारा का विरोध करने वालों पर हो रहे बर्बर हमलों के खिलाफ जोरदार लिखा और बोला है.
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