Indian Army Chinar Corps: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बर्फीले तूफान की चपेट में आए दोनों जवान शहीद, चिनार कॉर्प्स ने क्या बताया?
भारतीय सेना के चिनार कोर के दो वीर जवान, लांस हवलदार पलाश घोष और लांस नायक सुजय घोष, कोकरनाग के किश्तवाड़ रेंज में आतंकवाद विरोधी अभियान में शहीद हुए. जानिए सेना ने कैसे दी श्रद्धांजलि.

जम्मू-कश्मीर के कोकरनाग के किश्तवाड़ रेंज में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान भारतीय सेना के दो वीर जवान शहीद हो गए. लांस हवलदार पलाश घोष और लांस नायक सुजय घोष दुर्गम पहाड़ी इलाके और खराब मौसम के बावजूद देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए. इस पर भारतीय सेना के चिनार कोर (Chinar Corps) ने इस अभियान की जानकारी साझा करते हुए अपने वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी.
भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर लिखा कि चिनार कोर, कोकरनाग के किश्तवाड़ रेंज में अत्यधिक मौसम की स्थिति से जूझते हुए अथक आतंकवाद विरोधी अभियान चलाते हुए बहादुर लांस हवलदार पलाश घोष और लांस नायक सुजय घोष के सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करता है. उनका साहस और समर्पण हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा. सेना ने आगे कहा कि हम शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और उनकी भलाई के लिए प्रतिबद्ध हैं.
Chinar Corps, Indian Army tweeted, "Chinar Corps honours the supreme sacrifice of Bravehearts Lance Havildar Palash Ghosh and Lance Naik Sujay Ghosh, while conducting relentless counter terror operations in the Kishtwar Range of Kokernag, battling extreme weather conditions.… pic.twitter.com/vyrPpd6sIz
— ANI (@ANI) October 11, 2025
कोकरनाग ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ जारी सख्त अभियान
किश्तवाड़ रेंज दक्षिण कश्मीर का बेहद कठिन और संवेदनशील इलाका है. पिछले कुछ महीनों में इस क्षेत्र में आतंकियों की आवाजाही और घुसपैठ की कई कोशिशें हुई हैं. भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अर्धसैनिक बल लगातार इन गतिविधियों को रोकने के लिए संयुक्त अभियान चला रहे हैं. सेना सूत्रों के मुताबिक, इस अभियान में मौसम और भूगोल दोनों ने चुनौतियां बढ़ा दी थीं. घने जंगल, बर्फीले रास्ते और ऊंचे-नीचे पहाड़ी इलाके के बावजूद सैनिकों ने असाधारण साहस का परिचय दिया.
शहीद पलाश घोष और सुजय घोष कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल
सेना के अनुसार, लांस हवलदार पलाश घोष कई सफल अभियानों का हिस्सा रह चुके थे. वहीं लांस नायक सुजय घोष युवा और उत्साही सैनिक थे, जिन्होंने हर ऑपरेशन में अदम्य साहस और समर्पण दिखाया. दोनों जवान कोकरनाग की बर्फीली चोटियों पर चल रहे एक विशेष अभियान दल का हिस्सा थे. दुर्गम इलाके और कड़ाके की ठंड के बावजूद सेना ने तलाशी अभियान को अंजाम दिया. दोनों कमांडो 5 पैरा यूनिट से थे और पश्चिम बंगाल के निवासी थे.
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Source: IOCL























