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LAC पर चीन के मिस-एडवेंचर के खिलाफ भारत की मोर्चाबंदी पूरी, जवाबी कार्रवाई के लिए की है ऐसी तैयारी
रिपोर्ट में कहा गया कि एलएसी के साथ-साथ भारतीय सेना ने पाकिस्तान से सटी एलओसी पर भी दुश्मन के इरादों को कामयाब नहीं होने दिया. इसके अलावा काउंटर-इनसर्जेंसी और काउंटर-टेरेरिस्ट ऑपरेशन्स को लगातार जारी रखा.
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नई दिल्ली: एलएसी पर भारतीय सैनिकों ने पूरी मोर्चाबंदी कर रखी है और चीन के किसी भी ‘मिस-एडवेंचर’ का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं. ये कहना है रक्षा मंत्रालय की सालाना समीक्षा रिपोर्ट का, जिसे शुक्रवार को जारी किया गया.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भले ही एलएसी पर विवाद सुलझाने के लिए बातचीत चल रही है, लेकिन भारतीय सेना किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, क्योंकि एलएसी पर सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई. इसके लिए सर्दियों की तैयार पूरी की जा चुकी है और एडवांस विंटर स्टोकिंग भी हो चुका है. अब भारतीय सैनिकों ने पूरी तरह से मोर्चाबंदी कर रखी है, ताकि चीन के किसी भी मिसएडवेंचर (करतूत) का जवाब दिया जा सके.
गलवान घाटी में देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हुए 20 सैनिकों का बलिदान, 2020 में हमारी सेना की बहादुरी का सबसे बड़ा उदाहरण है. इस दौरान चीनी सेना को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा और चीनी सैनिकों को भारतीय सीमा में घुसपैठ नहीं करने दिया गया.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, चीन ने एक-तरफा और उकसावे की कार्रवाई करते हुए पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ कंट्रोल यानी एलएसी पर एक से ज्यादा जगह पर स्टेट्स-क्यो बदलने की कोशिश की, जिसका भारत ने कड़ा जवाब दिया. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारत ने बिना विवाद को बढ़ाए पूर्वी एलएसी पर अपने दावों की ‘सेंकटेटी’ बनाए रखी.
अपनी सालाना रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जबकि भारतीय सेना ने दोनों देशों (भारत और चीन) के बीच हुए समझौतों और प्रोटोकॉल्स का पालन किया, चीनी सेना ने गैर-पांरपरिक हथियारों के साथ विवाद को बढ़ाने की कोशिश की और बड़ी संख्या में एलएसी पर सैनिकों को तैनात कर दिया, इसके बाद भारतीय सेना ने वायुसेना की मदद से कम समय में ही अपने सैनिकों को एलएसी पर मोबिलाइज़ किया और टैंक, तोप, गोला-बारूद सहित राशन और जरूरी यूनिफॉर्म को पहुंचाया. भारत के इंजीनियर्स ने सैनिकों की तैनाती के लिए सड़क और पुल बनाने के साथ-साथ रहने के लिए शेल्टर्स बनाए.
रक्षा मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में 29-30 अगस्त की रात भारत की ‘प्री-एम्पटिव कारवाई’ का जिक्र करते हुए कहा कि चीन की विस्तारवादी तरीकों के खिलाफ पैंगोंग-त्सो लेक के दक्षिण की पहाड़ियों पर भारतीय सेना ने अपने अधिकार-क्षेत्र में कर लिया.
रिपोर्ट में कहा गया कि एलएसी के साथ-साथ भारतीय सेना ने पाकिस्तान से सटी एलओसी पर भी दुश्मन के इरादों को कामयाब नहीं होने दिया. इसके अलावा काउंटर-इनसर्जेंसी और काउंटर-टेरेरिस्ट ऑपरेशन्स को लगातार जारी रखा.
रिपोर्ट में वायुसेना और नौसेना के ऑपरेशन्स और मित्र-देशों के साथ किए गए साझा युद्धभ्यास के साथ-साथ नए हथियार, लड़ाकू विमान और युद्धपोतों के जंगी बेड़े में शामिल होने के बारे में विस्तार से लिखा है.
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