एक्सप्लोरर

IN DETAIL: अमित शाह की उपलब्धियां और जेपी नड्डा की चुनौतियां, BJP की राह आसान नहीं

सवाल ये है कि क्या जेपी नड्डा स्वतंत्र फैसले कर पाएंगे या फिर उन्हें अमित शाह और मोदी की तय की हुई रणनीति पर ही चलना होगा? नड्डा जिस कुर्सी पर बैठे हैं वहां अमित शाह से पहले राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी भी रह चुके हैं.

नई दिल्ली: साल 1989 में एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री के तौर पर सफर शुरू करने वाले जेपी नड्डा कल दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के 11वें राष्ट्रीय अध्यक्ष बने. बीजेपी में अब अमित शाह की विरासत को जेपी नड्डा आगे बढ़ाएंगे. लेकिन जेपी नड्डा के लिए ये काम बिल्कुल आसान नहीं होने वाला.  जुलाई 2014 में जब अमित शाह ने बीजेपी अध्यक्ष की कमान संभाली थी तो पार्टी के सदस्यों की संख्या करीब 10 करोड़ थी. सिर्फ 5 सालों में अमित शाह के नेतृत्व में बीजेपी 18 करोड़ सदस्यों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गयी. अपने कार्यकाल में अमित शाह ने सफलता की जो लकीर खींची उसे आगे बढ़ाना जेपी नड्डा की सबसे बड़ी चुनौती होने वाली है. पढ़ें ये रिपोर्ट.

अमित शाह ने 16 राज्यों में दिलाई बीजेपी को जीत

अध्यक्ष रहते हुए अमित शाह ने 16 राज्यों में बीजेपी को जीत दिलाई. इसमें महाराष्ट्र, असम, हरियाणा, त्रिपुरा और अरूणाचल प्रदेश में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 303 सीटें जीतकर बीजेपी लगातार दूसरी बार केंद्र की सत्ता में आयी. जेपी नड्डा को अपनी कुर्सी पर बैठाने के साथ ही अमित शाह ने उनके आगे का रोडमैप भी सेट कर दिया. अमित शाह ने बता दिया कि अगले 3 सालों में नड्डा को कई बड़े राज्यों में बीजेपी की जीत की जमीन तैयार करनी है. इसकी शुरूआत दिल्ली से ही होती है.

अमित शाह का कार्यकाल, जेपी नड्डा की चुनौतियां

साल 2014 के बाद से लगातार जीत रही बीजेपी को पहली हार 2015 में दिल्ली में ही मिली थी. अब 2020 में नड्डा के नेतृत्व में दिल्ली का नतीजा सामने आएगा. 2015 में बिहार चुनाव में भी बीजेपी की हार हुई थी, हालांकि 2 साल बाद नीतीश कुमार के पलटने से वहां बीजेपी की सरकार बन गयी. लेकिन अब नड्डा पर बिहार में दोबारा बीजेपी की सरकार बनवाने की जिम्मेदारी होगी.

  • साल 2016 में अमित शाह ने असम में पहली बार बीजेपी की सरकार बनवाई, अब एनआरसी के बाद 2021 के चुनाव में असम में सरकार बचाना नड्डा की तीसरी चुनौती है.
  • साल 2016 में केरल, पुड्डुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में बीजेपी हारी. अब 2021 में नड्डा के नेतृत्व में बीजेपी इन राज्यों में चुनाव लड़ेगी. क्या नड्डा जीत दिला पाएंगे? खासतौर से पश्चिम बंगाल में? ये वैसे राज्य हैं जहां कभी बीजेपी सत्ता में नहीं आ पायी.

नड्डा की अगली चुनौती होगी उत्तर प्रदेश, जहां 2017 में बीजेपी ने इतिहास रच दिया था. अब 2022 में वो इतिहास दोहराना होगा. 2017 में बीजेपी ने पंजाब गंवाया था. नड्डा पर 2022 में वहां दोबारा बीजेपी का सत्ता में लाने की चुनौती होगी.

हाल ही में बीजेपी को मिली कड़ी टक्कर

अध्यक्ष बनने से पहले जेपी नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया. हालांकि ये वक्त उनके लिए अच्छा नहीं रहा क्योंकि इसी दौरान झारखंड में बीजेपी को हार मिली, महाराष्ट्र में सरकार नहीं बन पाई और हरियाणा में मुश्किल से गठबंधन वाली सरकार बनी. हालांकि बीजेपी का बुरा दौर उससे कुछ पहले से ही यानी अमित शाह के अध्यक्ष रहते ही शुरू हो गया था. 2018 में एक साथ मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी ने सत्ता गंवाई.

इसका मतलब ये हुआ कि नड्डा ऐसे वक्त पर पार्टी की कमान संभाल रहे हैं जब हालात पहले जैसे नहीं हैं. चुनौतियां बड़ी हो चुकी हैं. अगले 3 साल में 14 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं, जिनमें से 6 में बीजेपी की सरकार नहीं है. इसके अलावा राज्यसभा में बीजेपी को मजबूत करना है जो राज्यों की जीत पर निर्भर करेगा. नड्डा के सामने एक चुनौती बिखरते हुए एनडीए को फिर से मजबूत करने की भी है.

क्या स्वतंत्र फैसले कर पाएंगे जेपी नड्डा?

सवाल ये है कि क्या जेपी नड्डा स्वतंत्र फैसले कर पाएंगे या फिर उन्हें अमित शाह और मोदी की तय की हुई रणनीति पर ही चलना होगा? नड्डा जिस कुर्सी पर बैठे हैं वहां अमित शाह से पहले राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी भी रह चुके हैं. राजनाथ सिंह के करीब 4 साल के कार्यकाल में 7 राज्यों में बीजेपी को जीत मिली, जबकि 22 में हार. नितिन गडकरी 3 साल तक बीजेपी के अध्यक्ष रहे, उस वक्त 3 राज्यों में बीजेपी जीती और 8 में हारी.

लेकिन अब जे पी नड्डा का रिपोर्ट कार्ड सिर्फ इस जीत हार तक सीमित नहीं होगा बल्कि इसी 3 साल में उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए संगठन को मजबूत भी करना होगा.

यह भी पढ़ें-

केजरीवाल आज दाखिल करेंगे नामांकन, कल रोड शो में उमड़ी भीड़ के चलते नहीं कर पाए थे

मणिशंकर अय्यर ने BJP पर साधा निशाना, कश्मीर जा रहे केंद्रीय मंत्रियों को बताया 'कायर'

JNU में छात्र पर हुआ हमला, सफदरजंग अस्पताल में भर्ती, आइशी घोष ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप

आंध्र प्रदेश में तीन राजधानियों का प्रस्ताव पास, विरोध कर रहे चंद्रबाबू नायडू को हिरासत में लिया गया

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

Indigo CEO Summoned: DGCA के सामने पेशी से पहले इंडिगो के सीईओ ने मांगी एक दिन की मोहलत, इन सवालों के देने होंगे जवाब
DGCA के सामने पेशी से पहले IndiGo के CEO ने मांगी एक दिन की मोहलत, इन सवालों के देने होंगे जवाब
UP में शिक्षामित्रों के लिए खुशखबरी, गृह जिले में होगी वापसी, हजारों विवाहित महिलाओं को होगा फायदा
UP में शिक्षामित्रों के लिए खुशखबरी, गृह जिले में होगी वापसी, हजारों विवाहित महिलाओं को होगा फायदा
इस टीम के मेंटॉर और बैटिंग कोच बने दिनेश कार्तिक, जिम्मेदारी मिलने पर बोले- यह सपना सच होने जैसा
इस टीम के मेंटॉर और बैटिंग कोच बने दिनेश कार्तिक, जिम्मेदारी मिलने पर बोले- यह सपना सच होने जैसा
SIR पर जोरदार बहस, वकील ने चुनाव आयोग के अधिकारों पर उठाए सवाल तो सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती से पूछा- तो क्या संदिग्ध लोगों को...
SIR पर जोरदार बहस, वकील ने चुनाव आयोग के अधिकारों पर उठाए सवाल तो सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती से पूछा- तो क्या संदिग्ध लोगों को...

वीडियोज

Census 2027 High Tech: Real Time Monitoring से बदल जाएगा पूरा System | Paisa Live
IndiGo Crisis: इंडिगो पर सरकार का ताबड़तोड़ एक्शन, अब यात्रियों को नहीं होगी परेशानी! #indigoupdate
Aniruddhacharya Controversy: ज्ञानी बाबा पर कोर्ट लगाएगी क्लास, अब तो माफी मांगनी पड़ेगी!
Goa Nightclub Fire: लूथरा ब्रदर्स का थाईलैंड पार्टी पुलिस ने ऐसे किया EXPOSE
Aniruddhacharya Controversy: महिलाओं का अपमान करना कब बंद करेंगे बाबा?

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Indigo CEO Summoned: DGCA के सामने पेशी से पहले इंडिगो के सीईओ ने मांगी एक दिन की मोहलत, इन सवालों के देने होंगे जवाब
DGCA के सामने पेशी से पहले IndiGo के CEO ने मांगी एक दिन की मोहलत, इन सवालों के देने होंगे जवाब
UP में शिक्षामित्रों के लिए खुशखबरी, गृह जिले में होगी वापसी, हजारों विवाहित महिलाओं को होगा फायदा
UP में शिक्षामित्रों के लिए खुशखबरी, गृह जिले में होगी वापसी, हजारों विवाहित महिलाओं को होगा फायदा
इस टीम के मेंटॉर और बैटिंग कोच बने दिनेश कार्तिक, जिम्मेदारी मिलने पर बोले- यह सपना सच होने जैसा
इस टीम के मेंटॉर और बैटिंग कोच बने दिनेश कार्तिक, जिम्मेदारी मिलने पर बोले- यह सपना सच होने जैसा
SIR पर जोरदार बहस, वकील ने चुनाव आयोग के अधिकारों पर उठाए सवाल तो सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती से पूछा- तो क्या संदिग्ध लोगों को...
SIR पर जोरदार बहस, वकील ने चुनाव आयोग के अधिकारों पर उठाए सवाल तो सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती से पूछा- तो क्या संदिग्ध लोगों को...
पॉपुलर एक्ट्रेस कृतिका कामरा ने कंफर्म किया रिलेशनशिप, क्रिकेट होस्ट गौरव कपूर को कर रहीं डेट
पॉपुलर एक्ट्रेस कृतिका कामरा ने कंफर्म किया रिलेशनशिप, क्रिकेट होस्ट को कर रहीं डेट
Kidney Damage Signs: आंखों में दिख रहे ये लक्षण तो समझ जाएं किडनी हो रही खराब, तुरंत कराएं अपना इलाज
आंखों में दिख रहे ये लक्षण तो समझ जाएं किडनी हो रही खराब, तुरंत कराएं अपना इलाज
छात्रों के लिए बड़ा मौका, RBI में पा सकते हैं इंटर्नशिप; ये है अप्लाई करने की आखिरी तारीख
छात्रों के लिए बड़ा मौका, RBI में पा सकते हैं इंटर्नशिप; ये है अप्लाई करने की आखिरी तारीख
मौत के बाद हिंदुओं में की जाती है तेरहवीं, मुस्लिमों में क्या है रिवाज?
मौत के बाद हिंदुओं में की जाती है तेरहवीं, मुस्लिमों में क्या है रिवाज?
Embed widget