पीएम सहज बिजली हर घर योजना कितनी सफल? पढ़ें 2017 में लॉन्च हुई इस योजना के बारे में
पीएम सौभाग्य योजना यानि पीएम सहज बिजली हर घर योजना की शुरुआत 25 सितंबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. योजना का मकसद देश के उन बाकी बचे ग्रामीण घरों में बिजली कनेक्शन देना था जो बिजली की सुविधा से महरूम थे.

देश में करीब 2.77 करोड़ घर ऐसे थे जिनमें बिजली का कनेक्शन नहीं था. 31 दिसंबर 2018 तक इन घरों में मीटर के साथ मुफ्त कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था. लोकसभा में सरकार ने जवाब दिया था कि 31 मार्च 2020 तक छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों के करीब 18000 घरों को छोड़कर देश के सभी घरों में बिजली कनेक्शन दी जा चुकी है.
पिछड़े और दुर्गम इलाकों में बिजली कनेक्शन के साथ-साथ लाभार्थियों को 5 एलईडी बल्ब, एक पंखा, एक डीसी पावर प्लग और कुछ अन्य उपकरण भी देने का प्रावधान था. लाभार्थियों के चयन के लिए 2011 में सामाजिक आर्थिक जनगणना के आंकड़ों को आधार बनाया गया. अगर किसी का नाम इस जनगणना के आंकड़ों में नहीं है तो उसे भी 500 रुपए की रकम चुका कर बिजली कनेक्शन लेने की सुविधा दी गई.
केवल बिजली बिल का भुगतान करने के डिफॉल्टर ग्राहकों को इस योजना के बाहर रखा गया है. जानकार मानते हैं कि जिस उद्देश्य से योजना की शुरुआत की गई थी वो पूरा करने में लगभग पूरी तरह सफल रही है. हालांकि बिजली की निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति को जानकार ज्यादा महत्वपूर्ण मानते हैं. उनका कहना है कि निर्बाध आपूर्ति के अलावा बिजली की ऊंची दर और लोगों की मानसिकता कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती हैं. अगर लोगों को बिजली मीटर के चलते ज़्यादा पैसा देना पड़े तो उनके मन में संशय पैदा हो सकता है.
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