हाथरस कांड: योगी सरकार पर बरसीं ममता बनर्जी, कहा- अल्पसंख्यकों, दलितों, आदिवासियों पर हो रहा अत्याचार
ममता बनर्जी ने कहा, "अधिक शर्मनाक परिवार की उपस्थिति या सहमति के बिना जबरदस्ती अंतिम संस्कार है, जो नारों और बुलंद वादों का इस्तेमाल करने वालों को बेनकाब करता है."

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में युवती के साथ हुई हैवानियत के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है. इस मामले पर सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है. गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी योगी सरकार पर जमकर बरसीं. उन्होंने पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में एक सरकारी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा और मामले में पुलिस के रवैए पर भी गंभीर सवाल उठाए.
ममता बनर्जी ने कहा, "उत्तर प्रदेश में न केवल पीड़िता के साथ बलात्कार किया गया, उसके शरीर को जला भी दिया गया. अगर कोई अपराध है तो पुलिस को जांच करनी चाहिए. यह किस तरह का शासन है? कभी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किया जाता है, कभी 'दलितों' पर अत्याचार किया जाता है और कभी 'आदिवासियों' पर अत्याचार किया जाता है."
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि, "एक बार देवी सीता को 'अग्नि परीक्षा' से गुजरना पड़ा था. अब यूपी में महिला के साथ बलात्कार किया गया और बाद में उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए अग्नि पर रखा गया." उन्होंने कहा कि, "अगर कोई अपराध होता है, तो 72 घंटों के भीतर कार्रवाई की जानी चाहिए, जैसा कि हमने किया है. यह किस तरह का प्रशासन है, जहां रात में महिला के शव का अंतिम संस्कार किया गया, जबकि आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई." बनर्जी ने आरोप लगाया कि महिला की मां को भी धमकी दी गई थी कि उसे भी बेटी के साथ चिता पर जला दिया जाएगा.
इससे पहले ममता बनर्जी ट्वीट किया कि, "हाथरस में एक युवा दलित लड़की के साथ हुई बर्बर और शर्मनाक घटना की निंदा करने के लिए कोई शब्द नहीं है. परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना है." उन्होंने ट्वीट कर कहा, "अधिक शर्मनाक परिवार की उपस्थिति या सहमति के बिना जबरदस्ती अंतिम संस्कार है, जो नारों और बुलंद वादों का इस्तेमाल करने वालों को बेनकाब करता है."
ममता बनर्जी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग कहते कुछ हैं और करते कुछ और हैं. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि, "चुनावों के दौरान कुछ नेता बाहर से लाए गए भोजन के साथ उनके घर जाते हैं और वहां लंच या डिनर करने का नाटक करते हैं. चुनाव खत्म होने के बाद वे उन पर क्रूरता के कृत्यों को करते हैं."
गौरतलब है कि हाथरस कांड के बाद विपक्ष राज्य की योगी सरकार पर हमलावर है और मामले में आरोपियों को बचाने का आरोप लगा रहा है. इससे पहले समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बसपा के कई नेताओं ने योगी सरकार को इस मुद्दे पर घेरा औह योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की भी मांग की.
पुलिस का दावा गैंगरेप नहीं हुआ हाथरस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस सवालों के घेरे में है. इस बीच एक बार फिर पुलिस ने दावा किया है कि लड़की से रेप या गैंगरेप की घटना नहीं हुई थी. अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि हाथरस मामले की पीड़िता के साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार जैसी कोई घटना नहीं हुई है. उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला दिया है.
उन्होंने कहा, ''लड़की की मौत गर्दन में चोट लगने और मानसिक आघात के कारण हुई. सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और जातीय हिंसा भड़काने के लिए कुछ लोग तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं. हम देखेंगे कि ऐसा कौन कर रहा है.''
गौरतलब है कि गत 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव की रहने वाली 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था.
लड़की को रीढ़ की हड्डी में चोट और जीभ कटने की वजह से पहले अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. उसके बाद उसे दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था, जहां मंगलवार तड़के उसकी मौत हो गई थी.
इसके बाद पुलिस ने रात में करीब तीन बजे लड़की का अंतिम संस्कार किया. परिवार वालों का दावा है कि उन्हें लड़की का चेहरा तक नहीं देखने दिया गया. इसी को लेकर प्रशासन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
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Source: IOCL























