हरियाणा: कांग्रेस का संकट और गहराया, गुलाम नबी आजाद का फोन नहीं उठा रहे नाराज नेता
पिछले हफ्ते कांग्रेस ने बड़ा बदलाव करते हुए अशोक तंवर को अध्यक्ष पद से हटा दिया था. पार्टी के इस फैसले से वह नाराज हैं.

नई दिल्ली: हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने से ठीक पहले राज्य कांग्रेस का संकट गहराता जा रहा है. पिछले हफ्ते भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा को कमान मिलने के बाद पार्टी के दूसरे नेताओं में नाराजगी बढ़ गई है. इतना ही नहीं पार्टी महासचिव गुलाम नबी आज़ाद कांग्रेस को एकजुट करने मे नाकाम साबित हो रहे हैं.
शनिवार को कुमारी शैलजा ने राज्य कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभाला है. कुमारी शैलजा ने जब कार्यभार संभाला उस वक्त पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर, दिग्गज नेता किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई चण्डीगढ़ नहीं पहुंचे. इसके बाद जब राज्य प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने जब इन नेताओं को फोन लगाया तो किसी ने भी उसका जवाब नहीं दिया.
अशोक तंवर और किरण चौधरी इसलिए भी नाराज़ हैं क्योंकि जब उन्हें पद से हटाया गया तो प्रभारी गुलाब नबी आज़ाद ने उनके लिए एक शब्द नहीं बोला. इसके अलावा अशोक तंवर को इस बात की खबर नहीं दी गई कि उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया जा रहा है. जिस वक्त तंवर को हटाया गया उस समय वह एक रैली में कार्यकर्ताओं से कह रहे थे कि आप चिंता मत करें पद मेरे पास ही रहेगा.
सूत्रों की माने तो इस बात को लेकर काफ़ी चर्चा है कि ग़ुलाम नबी आज़ाद ने भूपेंद्र हुड्डा का ज़्यादा समर्थन किया. इससे पहले छह साल तक जब अशोक तंवर हरियाणा के अध्यक्ष थे तो भूपेंद्र हुड्डा भी उनके कार्यक्रम में शामिल नहीं होते थे. अशोक तंवर के नज़दीकी सूत्रो ने कहा कि सहयोग न करना तो हमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ही सिखाया है. सूत्र ने बताया जब से अशोक तंवर अध्यक्ष बने हुड्डा साहब हमारे किसी कार्यक्रम मे नहीं आए तो ऐसे मे हम कैसे जा सकते हैं.
इसी नाराज़गी को दूर करने के लिए भूपेंद्र हुड्डा रविवार को किरण चौधरी के घर पहुंचे और उन्हें मनाने की कोशिश की. वहीं कांग्रेस अभी भी उसी गुटबाज़ी में फंसी है और प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को रोहतक से हरियाणा विधानसभा चुनाव का आग़ाज़ कर दिया.
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Source: IOCL























