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गुजरात ओपिनियन पोल: जानें किसके साथ जाएंगे पटेल, कांग्रेस या बीजेपी?
गुजरात में पटेलों की आबादी करीब 15% है. राज्य की करीब 80 सीटों पर पटेल समुदाय का प्रभाव है. पटेल बीजेपी के मुख्य वोट बैंक माने जाते रहे हैं.
नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव में सियासी संग्राम का पारा चढ़ा हुआ है. सूबे और केंद्र दोनों ही जगहों पर सत्ता के शिखर पर बैठी बीजेपी अपनी सफलता पर इठला रही है. सभी राजनीतिक दल अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. लेकिन इस बार जीत का सेहरा किसके सर बंधेगा, कौन बाजी मारेगा, इस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं.
गुजरात ओपिनियन पोल LIVE UPDATE: किसके सर बंधेगा जीत का सेहरा?
यह चुनाव देश के दो बड़े सियासी दलों के साख का ही सवाल नहीं है, बल्कि इसके नतीजे 2019 लोकसभा चुनाव का पटकथा भी लिखेगा. इसीलिए इस चुनाव को सियासी गलियारे में 2019 का सेमीफाइनल कहा जा रहा है. भारतीय राजनीति की दिशा करने वाले इस चुनावी नतीजे से पहले जनता के मूड को भांपने के लिए एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस ने ओपिनियन पोल किया है.
पटेल वोटर किसके साथ?
इस बार 24 साल के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने गुजरात में चुनावी तस्वीर को बदलकर रख दिया है. बता दें कि इसी साल अगस्त में 58 फीसदी पटेल बीजेपी के साथ थे, लेकिन अब सिर्फ 20 फीसदी पटेल ही बीजेपी के साथ हैं. यानी दो महीनों में 38 फीसदी का भारी अंतर आय़ा है. जाहिर है इससे कांग्रेस को सीधे-सीधे फायदा मिलता नज़र आ रहा है.
अपने समुदाय में कौन कितना लोकप्रिय ?
हार्दिक पटेल- पसंद 64% (+3)- नापंसद 30% (+3)
अल्पेश ठाकोर- पसंद 46% (-7) - नापंसद 34 % (+15)
जिग्नेश मेवाणी- पसंद 37%(+6) - नापंसद 31% (+10)
क्या हार्दिक ने पटेलों का इस्तेमाल किया ?
कड़वा पटेल- हां 20% (-11) - नहीं- 70 % (+9)
लेउवा पटेल- हां 30%(-14) - नहीं- 55% (+9)
गुजरात में क्या है पटेल समुदाय का प्रभाव
गुजरात में पटेलों की आबादी करीब 15% है. राज्य की करीब 80 सीटों पर पटेल समुदाय का प्रभाव है. पटेल बीजेपी के मुख्य वोट बैंक माने जाते रहे हैं. बीजेपी के 182 में से 44 विधायक पटेल जाति से आते हैं, लेकिन वर्तमान समय में पाटीदार बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. ऐसी स्थिति में अगर कांग्रेस पाटीदारों को अपने पक्ष में कर लेती है तो गुजरात चुनाव में उसे इसका बड़ा फायदा मिल सकता है.
बीजेपी से क्यों नाराज हैं पाटीदार?
गुजरात में कड़वा, लेउवा और आंजना तीन तरह के पटेल हैं. आंजना पटेल ओबीसी में आते हैं. जबकि कड़वा और लेउवा पटेल ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे हैं. आरक्षण ना मिलने से अब पटेल बीजेपी से नाराज हैं.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
Opinion