Gujarat Election 2022: राहुल गांधी का मिशन गुजरात, राजस्थान के बेणेश्वरधाम से दिए ये संकेत
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस आदिवासियों का इतिहास मिटाना नहीं चाहती. यूपीए ने जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए कानून बनाया. कांग्रेस सबको साथ लेकर चलती है जबकि बीजेपी कुचलने का काम करती है.

Rahul Gandhi Rajasthan Visit: राजस्थान में अगले साल के अंत में चुनाव हैं लेकिन उदयपुर चिंतन शिविर (Chintin Shivir 2022) खत्म होने के अगले ही दिन राहुल गांधी (Rahul Gandhi) राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाके डूंगरपुर-बांसवाड़ा पहुंचे. यहां उन्होंने आदिवासियों की आस्था के केंद्र बेणेश्वर धाम में दर्शन किया और फिर एक पुल का शिलान्यास कर सभा को संबोधित किया.
यह जगह गुजरात से सटी हुई है ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान के आदिवासियों के जरिए राहुल गुजरात के आदिवासियों तक संदेश देना चाहते हैं जहां कुछ महीनों में ही चुनावी बिगुल बजने वाला है. दक्षिण राजस्थान में स्थित डूंगरपुर-बांसवाड़ा में बड़ी संख्या में भील जनजाति रहती है. बेणेश्वर धाम इनकी आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है.
बेणेश्वर धाम में किन नदियों का संगम है ?
दक्षिण राजस्थान से सटे गुजरात और मध्य प्रदेश के इलाकों में रहने वाली जनजाति भी यहां दर्शन करने के लिए आती है. यहां तीन नदियों जाखम, सोम और माही का संगम है. कुछ लोग इसे आदिवासियों का प्रयाग बताते हैं तो कुछ आदिवासियों का हरिद्वार. फरवरी में यहां एक बड़ा मेला लगता है जिसे आदिवासियों का कुंभ कहा जाता है.
यहीं पर सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ पहुंचे जहां उन्होंने बेणेश्वर धाम तक आसानी से पहुंचने के लिए पुल का शिलान्यास किया. ऊंचे पुल की कमी से बरसात के समय श्रद्धालुओं को धाम तक आने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है.
किसको साथ लेकर चलती है कांग्रेस ?
आदिवासियों के दिल मे जगह बनाने के लिए राहुल ने कहा कि वो बेणेश्वर धाम में अगले साल के मेले में आना चाहते हैं. राहुल ने कहा कि कांग्रेस आदिवासियों का इतिहास मिटाना दबाना नहीं चाहती. यूपीए सरकार ने आदिवासियों के जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए ऐसा कानून बनाया. कांग्रेस सबको साथ लेकर चलती है जबकि बीजेपी कुचलने का काम करती है. बीजेपी आदिवासियों की पहचान को मिटाने का काम करती है.
राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कितनी सीटें हैं आरक्षित ?
राजस्थान विधानसभा की 25 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए सुरक्षित हैं. जिनमें से ज्यादातर दक्षिण राजस्थान में हैं. वहीं गुजरात विधानसभा में जनजातियों के लिए सुरक्षित सीटों की संख्या 27 है. इन 27 सीटों पर कांग्रेस की खास नजर है. हाल में गुजरात चुनाव के लिए राहुल गांधी ने पहली सभा आदिवासी बहुल दाहोद में की थी और कुछ दिनों बाद ही राजस्थान के आदिवासी आस्था के केंद्र को पुल का तोहफा दिया.
भीषण गर्मी के बावजूद राहुल की सभा में लोग आए हुए थे. गर्मी से राहत देने के लिए मंच में एसी तो लोगों के बीच पानी के फुहारों की व्यवस्था की गई थी. इस इलाके के विधायक रामलाल मीणा भी मानते हैं कि राजस्थान का संदेश गुजरात तक जाएगा. इलाके के लोग भी इस तोहफे से काफी खुश नजर आए. देखना यह है कि बेणेश्वर धाम का 'पुल' कुछ महीनों में गुजरात और अगले साल राजस्थान और मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल इलाकों में कांग्रेस के काम आता है या नहीं?
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Source: IOCL























