ग्राउंड रिपोर्ट: कोरोना के खतरे के बीच रोज़गार के लिए मुंबई लौट रहे मज़दूर, ट्रकों और बसों से हो रही वापसी
मुंबई के पास कल्याण भिवंडी नाका से आगे नासिक रोड पर उत्तर प्रदेश और बिहार से गाड़ियां आ रही हैं और मजदूरों को वहीं उतार रही हैं. ऐसे ही कुछ मजदूरों से हमारी मुलाकात हुई जो उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से बस के जरिए आए हैं.

महाराष्ट्र: मुंबई समेत महाराष्ट्र में कोरोना के मामले भले ही लगातार बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन मुंबई में रिवर्स पलायन का सिलसिला भी भारी तादाद में शुरू हो गया है. अप्रैल-मई महीने में मुंबई से मजदूरों ने जिस तरह से पलायन किया था, अब उसी का उल्टा फिर देखने को मिल रहा है. कोरोना संकट खत्म नहीं हुआ, लेकिन मजदूर उत्तर प्रदेश और बिहार से लगातार बसों ट्रकों और छोटी गाड़ियों में भरकर मुंबई आ रहे हैं, जिसकी तस्वीरें मुंबई और उसके आसपास के इलाकों के बॉर्डर पर देखने को मिल रही हैं.
मुंबई के पास कल्याण भिवंडी नाका से आगे नासिक रोड पर उत्तर प्रदेश और बिहार से गाड़ियां आ रही हैं और मजदूरों को वहीं उतार रही हैं. ऐसे ही कुछ मजदूरों से हमारी मुलाकात हुई जो उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से बस के जरिए आए हैं. मजदूरों का कहना है कि कब तक गांव में बैठेंगे, रोजी रोटी के लिए तो बाहर निकलना ही पड़ेगा. इन मजदूरों के मुताबिक उत्तर प्रदेश से आने के लिए ट्रेन का टिकट नहीं मिल रहा है. ट्रेनें पूरी बुक हैं, जिसकी वजह से उन्हें बस और ट्रकों का सहारा लेना पड़ रहा है. हमने उत्तर प्रदेश से मजदूरों की बस लेकर आने वाले ड्राइवर से भी बात की जिनके मुताबिक करीब 110000 में यह बस बस्ती से मुंबई के लिए बुक हुई थी. करीब 55 मजदूर इस बस में मौजूद थे. जिन्हें मुंबई पहुंचाया गया है.
कानपुर से करीब 50 से ज्यादा मजदूरों को लेकर आने वाली एक और बस ड्राइवर से हमारी बात हुई, जिसने बताया कि उत्तर प्रदेश से मुंबई तक पहुंचने में उन्हें कई जगहों पर पुलिस वालों को घूस देनी पड़ी, तब उनकी बस और उनमें बैठे मजदूर मुंबई पहुंचे. उनका आरोप था कि पैसे लेकर पुलिस वाले बसों और ऐसी गाड़ियों को मुंबई की तरफ आने दे रहे हैं, जिनमें मजदूर बैठे हैं.
कल्याण भिवंडी नाका के पास हमें मजदूरों का एक और जत्था छोटे गाड़ी में बैठा दिखा. हमारे कैमरे को देखते ही वह डर गए और उस छोटी गाड़ी से उतर कर इधर उधर जाने लगे. ड्राइवर भी हमसे बात करने से कतराने लगा. सभी मजदूर बिहार के दरभंगा से 5 दिन सफर करके मुंबई पहुंचे थे. इनके मुताबिक किसी कंपनी मालिक ने इन्हें बुलाया है.
कल्याण भिवंडी नाका पर रहने वाले लोकल लोगों की मानें तो सैकड़ों की तादाद में रोज मजदूर यूपी बिहार से आ रहे हैं, लेकिन इन लोगों को महाराष्ट्र बॉर्डर पर रोका क्यों नहीं जा रहा है. इनका कोरोना टेस्ट क्यों नहीं सरकार करा रही है. मुंबई और महाराष्ट्र में लगातार कोरोना के और मामले बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में यह मजदूर खतरे का सबब बन सकते हैं. इसलिए सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और महाराष्ट्र पुलिस को पैसे लेकर मजदूरों की इन गाड़ियों को आने नहीं देना चाहिए. पुलिस पैसे लेकर लापरवाही कर रही है.
आपको बता दें कि मुंबई समेत महाराष्ट्र में कोरोना संकट फिर से गहराता जा रहा है. 1 दिन में महाराष्ट्र के अंदर 500 से ज्यादा लोगों की मौत का आंकड़ा दर्ज हो चुका है. हजारों लोग रोज कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. ऐसे में इन मजदूरों का रिवर्स पलायन मुंबई के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. अगर समय रहते सरकार नहीं जागी.
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Source: IOCL






















