एक्सप्लोरर

सामान्य वर्ग कोटा: आरक्षण की सीमा 50% तय करने वाले पूर्व जस्टिस ने कहा- SC की व्यवस्था के खिलाफ है नया प्रावधान

General category quota: आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला 7 जनवरी को मोदी सरकार ने लिया था. जिसके बाद कल संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन लोकसभा में इसे पेश किया गया. जिसे लंबी बहस के बाद मंजूरी मिली. आज बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा.

नई दिल्ली: आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के फैसले को भले ही राजनीतिक समर्थन मिला हो लेकिन उसके बाद सबसे बड़ा सवाल उभर रहा है कि क्या सुप्रीम कोर्ट में यह प्रावधान टिक पाएगा? दरअसल, सामान्य वर्ग को आरक्षण दिए जाने के फैसले के बाद आरक्षण की सीमा 60 प्रतिशत हो गई है. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के फैसलों के अनुसार, 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण का प्रावधान नहीं किया जा सकता है. पूर्व जस्टिस एएम अहमदी ने इसी आधार पर बिल पर आशंकाए जताई है और कहा है कि सरकार का कदम सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था के खिलाफ है.

पूर्व जस्टिस एएम अहमदी 1992 में मंडल कमीशन पर फैसला देने वाले जजों में से एक हैं. इन्होंने आरक्षण सीमा 50 फीसदी निर्धारित की थी. पूर्व जस्टिस अहमदी ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि बीजेपी की नेतृत्व वाली सरकार का यह कदम आरक्षण पर दिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बिल्कुल उलट है. पूर्व जस्टिस अहमदी ने कहा कि 50 प्रतिशत की सीमा नहीं बढ़ाई जा सकती है. केवल चुनावी उद्देश्यों के लिए यह कदम उठाया गया है.

उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से साफ है कि संविधान के अनुच्छेद 16 के मुताबिक पिछड़ा वर्ग का निर्धारण आर्थिक आधार पर बिल्कुल नहीं हो सकता. इसी के मद्देनज़र हमने बहुमत वाले फैसले मे इसी बात का निर्णय लिया. मैं मानता हूं कि सरकार का फैसला सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के बहुमत वाले विचार से बिल्कुल उलटा है.”

उन्होंने आगे कहा, “मैं समझता हूं कि इसमें और गहराई से अध्ययन की जरूरत है. मैं नहीं जानता कि यह कदम उठाने से पहले उन्होंने अटॉर्नी जनरल से सुझाव लिए हैं या नहीं. यह एक महत्वपूर्ण संवैधानिक फैसला है. वह (अटॉर्नी जनरल) एक स्वतंत्र आदमी हैं. मुझे याद है कि जब हम लोग इस मामले (आरक्षण) पर सुनवाई कर रहे थे उन्होंने बहस में हिस्सा लिया था.”

कानूनी विशेषज्ञ

वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी, राजीव धवन और अजित सिन्हा ने भी मोदी कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए संविधान (124वां संशोधन) विधेयक, 2019 के कानूनी परीक्षा में पास होने को लेकर संदेह जाहिर किया.

द्विवेदी ने इसे ‘चुनावी पैंतरा’ करार दिया जबकि धवन ने इस विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए इसे ‘असंवैधानिक’ करार दिया. सिन्हा ने कहा कि इस विधेयक को लेकर संविधान के अनुच्छेद 15 में संशोधन करना होगा. उन्होंने कहा कि इंदिरा साहनी मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी इस विधेयक की राह में कानूनी अड़चन साबित हो सकता है.

द्विवेदी ने कहा कि असल सवाल तो यह है कि आरक्षण के प्रावधान से रोजगार की समस्याएं किस हद तक सुलझेंगी. उन्होंने कहा, ‘‘यह चुनावी वक्त है, इसलिए सरकारें कदम उठा रही हैं. अगर लोगों को इससे फायदा होता है तो ठीक है. लेकिन असल सवाल है कि आरक्षण के प्रावधान से रोजगार की समस्याएं किस हद तक सुलझेंगी.’’

द्विवेदी ने यह भी कहा कि इंदिरा साहनी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की समग्र सीमा 50 फीसदी तय कर दी थी, लेकिन इसे ‘अकाट्य नियम’ के तौर पर नहीं लेना चाहिए कि किसी भी हालात में यह सीमा इससे आगे नहीं बढ़ सकती.

उन्होंने कहा, ‘‘दूर-दराज के कुछ इलाकों के बाबत उन्होंने पहले ही कह दिया है कि यदि विशेष कारण हों तो आप (सीमा) बढ़ा सकते हैं. अदालत को इस बात का परीक्षण करना होगा कि इस 10 फीसदी की बढ़ोतरी की अनुमति दी जा सकती है कि नहीं और इसकी अनुमति देना तार्किक होगा कि नहीं.’’

सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय पीठ ने 1992 में इंदिरा साहनी मामले में प्रमोशन में अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए आरक्षण की अनुमति 16 नवंबर 1992 से अगले पांच वर्षों के लिए की थी.

सामान्य वर्ग आरक्षण: लोकसभा जैसा ही रहा कांग्रेस, NCP-SP का रुख तो आसानी से राज्यसभा में पास हो जाएगा बिल

बहरहाल, धवन ने इस विधेयक पर कड़ा विरोध जाहिर करते हुए इसे कानूनी रूप से असंवैधानिक करार दिया. धवन ने कहा, ‘‘कानूनी तौर पर यह विधेयक निम्नलिखित आधार पर असंवैधानिक है. पहला आधार यह है कि इंदिरा साहनी मामले में फैसले के बाद ‘आर्थिक रूप से पिछड़ा तबका’ आरक्षण का आधार नहीं हो सकता, क्योंकि इसमें 9 न्यायाधीशों में से छह न्यायाधीशों ने एससी-एसटी को नौकरियों में तरक्की के लिए आरक्षण की अनुमति दी थी. शेष तीन ने कहा कि आरक्षण के लिए पैमाना सिर्फ आर्थिक ही होना चाहिए, लेकिन फिर एससी-एसटी और ओबीसी जैसा कोई मापदंड नहीं होना चाहिए.’’

जानेमाने वकील धवन ने यह भी कहा कि 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करने से आरक्षण की कुल सीमा बढ़कर 60 फीसदी हो जाएगी और इसकी ‘इजाजत नहीं दी जा सकती.’ वरिष्ठ वकील अजित सिन्हा ने कहा कि इस विधेयक को लेकर अनुच्छेद 15 में संशोधन करना होगा, जिसमें कहा गया है कि राज्य धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्म-स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि इंदिरा साहनी मामले में अदालत का फैसला भी कानूनी अड़चन का काम करेगा.

सिन्हा ने कहा, ‘‘इसमें कानूनी अड़चन भी है, क्योंकि इंदिरा साहनी मामले में फैसला है. फिर सवाल यह है कि आरक्षण 50 फीसदी की सीमा से अधिक होना संवैधानिक तौर पर टिकेगा कि नहीं. जहां तक अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का सवाल है, तो आरक्षण के लिए यदि आर्थिक स्थिति एक आधार है तो ठीक है.’’

उन्होंने कहा कि आर्थिक पिछड़ेपन का पैमाना यदि जाति, धर्म, संप्रदाय आदि से परे है तो संशोधन में समस्या नहीं होगी. उन्होंने कहा कि यदि आरक्षण की सीमा 50 फीसदी के पार चली जाती है तो निश्चित तौर पर इसे अदालत में चुनौती दी जाएगी. धवन ने कहा कि यदि यह विधेयक पारित होता है तो इसे अदालतों का सामना करना होगा, लेकिन यदि यह नाकाम हो जाता है तो ‘राजनीतिक हथियार’ बन जाएगा.

सामान्य वर्ग आरक्षण बिल लोकसभा में पास, विरोध में पड़े मात्र 3 वोट, आज राज्यसभा की बारी

आपको बता दें कि आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला 7 जनवरी को मोदी सरकार ने लिया था. जिसके बाद कल संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन लोकसभा में इसे पेश किया गया. जिसे लंबी बहस के बाद मंजूरी मिली. आज बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा. राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ाई गई है. यहां से मंजूरी मिलने के बाद बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

आंधी-तूफान संग पूर्वी यूपी, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत उत्तर भारत में आ रहा मानसून! 72 घंटों का काउंटडाउन शुरू
आंधी-तूफान संग पूर्वी यूपी, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत उत्तर भारत में आ रहा मानसून! 72 घंटों का काउंटडाउन शुरू
Pakistan Privatization: पाकिस्तान में सबकुछ होगा प्राइवेट, सरकार बेच देगी सभी कंपनियां, मीडिया में मचा बवाल
पाकिस्तान में सबकुछ होगा प्राइवेट, सरकार बेच देगी सभी कंपनियां, मीडिया में मचा बवाल
Arvind Kejriwal Bail Live: आज बेल ऑर्डर पहुंचेगा तिहाड़ जेल, दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल आएंगे बाहर
आज बेल ऑर्डर पहुंचेगा तिहाड़ जेल, दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल आएंगे बाहर
International Yoga Day 2024: योग करने से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं ठीक, इस पर क्या कहता है विज्ञान
योग करने से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं ठीक, इस पर क्या कहता है विज्ञान
Advertisement
metaverse

वीडियोज

NEET-NET Paper Leak: नेट हो या नीट..छात्रों की मांग पेपर लीक ना हो रिपीट | ABP NewsArvind Kejriwal Gets Bail: अरविंद केजरीवाल को मिली बेल, राउज एवेन्यू कोर्ट ने दी जमानत | BreakingSuspense: Assam में फिर से बारिश से हाहाकार..दांव पर लगी 2 लाख जिंदगियां | ABP NewsHeatwave Alert: श्मशान में लाशों की कतार..कोरोना के बाद गर्मी से हो रही इतनी मौतें | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
आंधी-तूफान संग पूर्वी यूपी, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत उत्तर भारत में आ रहा मानसून! 72 घंटों का काउंटडाउन शुरू
आंधी-तूफान संग पूर्वी यूपी, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत उत्तर भारत में आ रहा मानसून! 72 घंटों का काउंटडाउन शुरू
Pakistan Privatization: पाकिस्तान में सबकुछ होगा प्राइवेट, सरकार बेच देगी सभी कंपनियां, मीडिया में मचा बवाल
पाकिस्तान में सबकुछ होगा प्राइवेट, सरकार बेच देगी सभी कंपनियां, मीडिया में मचा बवाल
Arvind Kejriwal Bail Live: आज बेल ऑर्डर पहुंचेगा तिहाड़ जेल, दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल आएंगे बाहर
आज बेल ऑर्डर पहुंचेगा तिहाड़ जेल, दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल आएंगे बाहर
International Yoga Day 2024: योग करने से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं ठीक, इस पर क्या कहता है विज्ञान
योग करने से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं ठीक, इस पर क्या कहता है विज्ञान
Monsoon in India: हीटवेव का कहर या बारिश देगी राहत? अगले 5 दिनों कैसा रहेगा मौसम, पढ़ें IMD का ताजा अपडेट
हीटवेव का कहर या बारिश देगी राहत? अगले 5 दिनों कैसा रहेगा मौसम, पढ़ें IMD का ताजा अपडेट
International Yoga Day 2024: 'योग करो या नौकरी से हाथ धो! J&K में प्रेग्नेंट कर्मचारियों को यूं डराया गया- महबूबा मुफ्ती का बड़ा आरोप
'योग करो या नौकरी से हाथ धो! J&K में प्रेग्नेंट कर्मचारियों को यूं डराया गया- महबूबा मुफ्ती का बड़ा आरोप
बरसात के टाइम पर कर लेंगे इन फसलों की खेती तो हो जाएंगे मालामाल, तेजी से बढ़ेंगी ये सब्जियां
बरसात के टाइम पर कर लेंगे इन फसलों की खेती तो हो जाएंगे मालामाल, तेजी से बढ़ेंगी ये सब्जियां
यूपी में आंधी-तूफान से भीषण गर्मी से मिली राहत, प्रयागराज सबसे गर्म जिला, नोएडा-गाजियाबाद में हाल ठीक नहीं!
यूपी में आंधी-तूफान से भीषण गर्मी से मिली राहत, प्रयागराज सबसे गर्म जिला, नोएडा-गाजियाबाद में हाल ठीक नहीं!
Embed widget