एक्सप्लोरर

India G20 Presidency: दुनिया का नया सिरमौर बनने की राह पर भारत, G20 अध्यक्ष के तौर पर क्या होगी भूमिका, जानें हर पहलू

G20 INDIA: भारत का मानना है कि छोटे-छोटे गरीब और अल्पविकसित देशों की बातें अक्सर अनसुनी कर दी जाती हैं. भारत G20 की प्राथमिकताओं को तय करने में कम विकसित देशों की राय और हितों को भी जगह देगा.

India G20 Presidency: भारत दुनिया का नया सिरमौर बनने की राह पर है. दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत हाल के वर्षों में बड़ी वैश्विक शक्ति के रूप में उभरा है. वो बिना किसी लाग-लपेट के वैश्विक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए भी पूरी तरह से तैयार है. भारत में हर बड़े मुद्दे पर वैश्विक बिखराव को सामूहिक सहयोग में बदलने की क्षमता है. अगले एक साल तक भारत दुनिया के सबसे ताकतवर आर्थिक समूह G20 की अगुवाई करेगा. 

G20 समूह की अध्यक्षता संभालते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरी दुनिया के लिए स्पष्ट संदेश दे दिया है. उन्होंने कहा है कि भारत दुनिया में एकता की सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा. भारत ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ेगा. इस मंत्र के साथ ही भारत ने अपने इरादे जता दिए हैं कि वो दुनिया की अगुवाई करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

बाली घोषणापत्र में दिखा भारत का दम

15-16 नवंबर को इंडोनेशिया के बाली में हुए G20 के 17वें शिखर सम्मेलन में भारत ने मजबूती के साथ हर मुद्दे पर अपनी बात रखी. इस शिखर सम्मेलन में दुनिया के शीर्ष नेताओं ने यूक्रेन में रूस के युद्ध की निंदा करते हुए जो साझा बयान जारी किया, उसमें एक वाक्य था कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है. ये वही वाक्य है जिसे भारत ने दो महीने पहले ही कह दिया था.

उज्बेकिस्तान के समरकंद में सितंबर में हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी भावना को बाली के G20 के सम्मेलन में भी दोहराया था. उन्होंने कहा था कि हमें यूक्रेन में युद्ध विराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना होगा. उनकी इस भावना को दुनिया के शीर्ष नेताओं ने G20 के ऑफिशियल दस्तावेज में जगह दी. इससे जाहिर होता है कि चाहे मुद्दा कोई भी हो, हालात कितने भी मुश्किल हों, समाधान के लिए दुनिया की नजर भारत पर जरूर टिकी होती है. 

G20 को मजबूत संगठन बनाने पर ज़ोर

भारत ने हमेशा ही G20 को एक मजबूत संगठन बनाने और सदस्य देशों के बीच आर्थिक के साथ ही मानवीय सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है. 2018 में अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में हुए G20 के 13वें सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुरजोर तरीके से कहा था कि पूरी दुनिया के हित में है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था, टिकाऊ विकास, जलवायु परिवर्तन, और भगोड़ा आर्थिक अपराधियों जैसे मुद्दों पर सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़े. 

सबको साथ लेकर चलने की क्षमता

भारत का हमेशा से मानना रहा है कि दुनिया के शीर्ष ताकतों को सिर्फ अपने बारे में नहीं सोचना चाहिए. आर्थिक रूप से संपन्न देशों को छोटे-छोटे देशों के हितों का भी उतना ही ख्याल रखना होगा. प्रधानमंत्री के एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का मंत्र इस बात की ओर ही संकेत है.

भारत में वैश्विक विकास को फिर से पटरी पर लाने, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य और डिजिटल परिवर्तन जैसे वैश्विक चिंता के प्रमुख मुद्दों पर दुनिया की अगुवाई करने की क्षमता है. इस पहलू को अब दुनिया की तमाम बड़ी शक्तियां भी स्वीकार करने लगी हैं.

अंतर्राष्ट्रीय मंचों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बार-बार कहा है भारत “वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना से काम करता है, जिसमें छोटे-छोटे देशों के हितों को पूरा करने के लिए समान विकास और साझा भविष्य का संदेश भी निहित है.

क्या हो G20 के भविष्य की दिशा ?

अध्यक्षता ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने G20 के भविष्य की दिशा भी स्पष्ट कर दी है. उन्होंने कहा है कि क्या जी20 अब भी और आगे बढ़ सकता है? क्या हम समूची मानवता के कल्याण के लिए मानसिकता में मूलभूत बदलाव ला सकते हैं. भारत की ये सोच ही बताती है कि वो सिर्फ चुनिंदा देशों को लेकर चलने वाला नहीं है. उसके लिए पूरी मानवता महत्वपूर्ण है. 

टकराव और संघर्ष मानवता के लिए खतरा

भारत का मानना है कि आज हमारे पास दुनिया के सभी लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त उत्पादन के साधन हैं. ये भारत की आशावादी सोच को दर्शाता है. टकराव और संघर्ष को मानवता के लिए खतरा बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि मौजूदा दौर में हमें अपने अस्तित्व के लिए लड़ने की जरूरत नहीं है. भारत ने अपनी विदेश नीति के जरिए हमेशा ही ये संदेश दिया है कि आज दुनिया जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और महामारी जैसी जिन सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है, उनका समाधान आपस में लड़कर नहीं बल्कि मिलकर काम करके ही निकाला जा सकता है.

G20 की अध्यक्षता के Logo और थीम का अनावरण करते हुए 8 नवंबर को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समूह के प्रति भारत की सोच को दुनिया के सामने रख दिया था. इस मौके पर उन्होंने कहा था कि G20 शिखर सम्मेलन सिर्फ राजनयिक बैठक नहीं है. भारत इसे एक नई जिम्मेदारी और दुनिया के भरोसे के तौर पर लेता है.

विकासशील देशों की आवाज है भारत 

भारत के पास सबसे मजबूत लोकतंत्र, डायवर्सिटी, इंडीजीनस अप्रोच, इंक्लूसिव सोच, लोकल लाइफस्टाइल, ग्लोबल थॉट है और दुनिया इन्हीं आइडियाज में अपनी सभी चुनौतियों का समाधान देख रही है.

भारत विकसित देशों से तो मजबूत रिश्ते रखता ही है, विकासशील देशों के हितों को भी अच्छी तरह से समझता है. भारत अपने ग्लोबल साउथ के सभी दोस्तों के दु:ख-दर्द को समझते हुए उनकी मदद के लिए हमेशा आगे रहता है. ग्‍लोबल साउथ का इस्‍तेमाल विकासशील और कम विकसित लैटिन अमेरिकी, एशियाई, अफ्रीकी और ओशियानिया क्षेत्र के देशों के लिए किया जाता है. भारत हमेशा इस बात को उठाते रहा है कि दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्तियों ने अपने हितों के लिए इन देशों की अनदेखी की है. 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के मंत्र के जरिए भारत इन देशों को भी समानता के धरातल पर लेकर चलने की बात करता है. 
 
'फर्स्ट वर्ल्ड या थर्ड वर्ल्ड नहीं, सिर्फ वन वर्ल्ड'

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी बार-बार इस बात को दुनिया के सामने रखा है कि विश्व में कोई भी फर्स्ट वर्ल्ड या थर्ड वर्ल्ड नहीं हो, सिर्फ और सिर्फ वन वर्ल्ड हो. इसी नजरिए से भारत.. वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड के मंत्र के साथ विश्व में रिन्यूएबल एनर्जी में रिवोल्यूशन लाने की अगुवाई कर रहा है.

रूस-यूक्रेन युद्ध में बन सकता है शांतिदूत 

अगले कुछ दिनों में रूस-यूक्रेन के जारी बीच युद्ध के 10 महीने हो जाएंगे. इन दोनों ही देशों की ओर से पीछे हटने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं. इस युद्ध से कच्चे तेल और गैस की कीमतों में तेजी से इजाफा हो रहा है. इस वजह से दुनिया पर आर्थिक मंदी का खतरा भी बढ़ते जा रहा है. रूस, अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों की सख्त चेतावनी और पाबंदी के बावजूद अपने रुख पर अड़ा है.

ऐसे में युद्ध को खत्म कराने के नजरिए से दुनिया की नजर भारत पर टिकी है. भारत की अनूठी जियो-पॉलिटिकल स्थिति की वजह से ये उम्मीद और बढ़ गई है. भारत ऐसा देश है जो पश्चिम और रूस दोनों के करीब है. जी 20 की अध्यक्षता मिलने के बाद इस मसले पर भारत दुनिया के सामने ज्यादा प्रभावी भूमिका निभाने की स्थिति में है. आर्थिक महाशक्तियों के साथ ही विदेश मामलों के ज्यादातर जानकारों का भी मानना है कि रूस और पश्चिमी देशों के बीच खाई पाटने की क्षमता सिर्फ भारत में ही है. G20 में भारत का बढ़ता प्रभाव भी इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कारण है.

वैश्विक एजेंडे को तय करेगा भारत 

भारत रूस और पश्चिमी देशों के साथ अपने संबंधों में बेहद ही कूटनीतिक तरीके से संतुलन बनाकर चल रहा है. भारत की विदेश नीति वैश्विक मंच पर नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए विकसित हो रही है.

G20 की अध्यक्षता भारत के लिए वैश्विक एजेंडा तय करने के नजरिए से अगुवा बनने का एक अनूठा मौका है. दुनिया में ज़बरदस्त उथल-पुथल मची है, ऐसे दौर में भारत G20 की अध्यक्षता की जिम्मेदारी निभाने जा रहा है. भारत के पास बड़ी सोच और बेहतर नतीजे देने की कला है. लंबे वक्त से दुनिया के अधिकांश देश भारत से वैश्विक चुनौतियों से निपटने में पहल की आस में हैं. 

क्या है G20 और क्यों पड़ी जरुरत

G20 दुनिया का सबसे ताकतवर आर्थिक समूह है. यह यूरोपीय संघ और दुनिया की 19 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का समूह है. यह समूह अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक सोच को आकार देने और मजबूत बनाने का काम करता है. एशियाई वित्तीय संकट के बाद 1999 में G20 की स्थापना की गई थी. शुरुआत में ये वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए एक मंच था. इसकी पहली बैठक दिसंबर, 1999 में बर्लिन में हुई. 

2008 में G20 का हुआ अपग्रेडेशन 

2007 के वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संकट को ध्यान में रख कर इस मंच को अपग्रेड किया गया. 2008 से इस समूह का वार्षिक शिखर वार्ता आयोजित होने लगा जिसमें सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष या सरकारी प्रमुख शामिल होने लगे. नवंबर 2008 में अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में G20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों की पहली शिखर वार्ता हुई. उसके बाद से अब तक बाली को मिलाकर 17 शिखर वार्ता का आयोजन हो चुका है. G20 का 18वां शिखर वार्ता अगले साल सितंबर में दिल्ली में होना है.

क्यों इतना महत्वपूर्ण है G20 का मंच

दुनिया की सभी बड़ी आर्थिक शक्तियां G20 के सदस्य हैं. वैश्विक जीडीपी में जी20 का हिस्सा करीब 85 प्रतिशत है. वैश्विक व्यापार में इस समूह का योगदान 75 फीसदी से भी ज्यादा है. मानव संसाधन के नजरिए से भी ये बेहद महत्वपूर्ण है. इस समूह के सदस्य देशों में विश्व की कुल आबादी का 67 प्रतिशत हिस्सा रहता है. यही सारे देश वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिशा और दशा तय करते हैं. हम कह सकते हैं कि The Group of Twenty यानी G20 अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का सबसे महत्वपूर्ण  और ताकतवर मंच है. इसमें विकसित देश भी हैं और विकासशील देश भी. अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना में सुधार के साथ ही ये समूह वैश्विक वित्तीय संकट को टालने के उपाय खोजता है. 
  
कौन-कौन देश हैं G20 के सदस्य

जी20 के सदस्यों में यूरोपीय संघ के अलावा 19 देश शामिल हैं. G-20 में उत्तर अमेरिका से कनाडा, मेक्सिको और संयुक्त राज्य अमेरिका है. दक्षिण अमेरिका  अर्जेंटीना और ब्राज़ील शामिल हैं. अफ्रीका महाद्वीप से दक्षिण अफ्रीका है. पूर्व एशिया से तीन देश चीन, जापान और दक्षिण कोरिया शामिल हैं. दक्षिण एशिया से भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया से इंडोनेशिया शामिल हैं. वहीं मध्य-पूर्व एशिया से सऊदी अरब शामिल हैं. यूरेशिया से रूस और तुर्की के अलावा यूरोप से फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूनाइटेड किंगडम इसके सदस्य हैं. ओशियानिया से ऑस्ट्रेलिया G20 का सदस्य है. इनके अलावा यूरोपीय संघ भी इसका सदस्य है. 

ये भी पढ़ें: India G20 Presidency: भारत को जी-20 अध्यक्षता मिलने पर अमेरिका की तरफ से आया ये बयान, जानें क्या कहा

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

वंदे मातरम् पर संसद में बोल रहे थे रक्षामंत्री, किसी ने बीच में टोका तो भड़क गए राजनाथ, देखें Video
वंदे मातरम् पर संसद में बोल रहे थे रक्षामंत्री, किसी ने बीच में टोका तो भड़क गए राजनाथ, Video
आदित्य ठाकरे के दावे ने बढ़ाई शिंदे गुट की टेंशन! कहा- '22 विधायक CM फडणवीस के...'
आदित्य ठाकरे के दावे ने बढ़ाई शिंदे गुट की टेंशन, 22 विधायकों को लेकर कही ये बड़ी बात
'ऐसा एक्शन होगा, जो भविष्य के लिए नज़ीर बनेगा', इंडिगो संकट पर संसद में नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू की दो टूक
'ऐसा एक्शन होगा, जो भविष्य के लिए नज़ीर बनेगा', इंडिगो संकट पर संसद में राम मोहन नायडू की दो टूक
IND vs SA 1st T20I: 'वो डिजर्व करते हैं...', ओपनिंग पोजीशन को लेकर सूर्यकुमार यादव का बड़ा बयान, प्लेइंग 11 पर दिया बड़ा हिंट
'वो डिजर्व करते हैं...', ओपनिंग पोजीशन को लेकर सूर्यकुमार यादव का बड़ा बयान, प्लेइंग 11 पर दिया बड़ा हिंट

वीडियोज

Khabar Filmy Hain: Dharmendra को याद कर क्यो रोए सलमान
Saas Bahu Aur Saazish: मंगल- कुसुम जा रहें है जोर्जिया
IT Refund Delay का असली कारण! हजारों Taxpayers के Refund क्यों रुके हैं? |Paisa Live
Amritsar पहुंचीं Cm Rekha Gupta,  दरबार साहिब जाकर टेका  माथा | Breaking | ABP News
Kiyosaki का बड़ा दावा: BRICS ने बनाई Gold Currency! असली सच्चाई क्या है ? Paisa Live

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
वंदे मातरम् पर संसद में बोल रहे थे रक्षामंत्री, किसी ने बीच में टोका तो भड़क गए राजनाथ, देखें Video
वंदे मातरम् पर संसद में बोल रहे थे रक्षामंत्री, किसी ने बीच में टोका तो भड़क गए राजनाथ, Video
आदित्य ठाकरे के दावे ने बढ़ाई शिंदे गुट की टेंशन! कहा- '22 विधायक CM फडणवीस के...'
आदित्य ठाकरे के दावे ने बढ़ाई शिंदे गुट की टेंशन, 22 विधायकों को लेकर कही ये बड़ी बात
'ऐसा एक्शन होगा, जो भविष्य के लिए नज़ीर बनेगा', इंडिगो संकट पर संसद में नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू की दो टूक
'ऐसा एक्शन होगा, जो भविष्य के लिए नज़ीर बनेगा', इंडिगो संकट पर संसद में राम मोहन नायडू की दो टूक
IND vs SA 1st T20I: 'वो डिजर्व करते हैं...', ओपनिंग पोजीशन को लेकर सूर्यकुमार यादव का बड़ा बयान, प्लेइंग 11 पर दिया बड़ा हिंट
'वो डिजर्व करते हैं...', ओपनिंग पोजीशन को लेकर सूर्यकुमार यादव का बड़ा बयान, प्लेइंग 11 पर दिया बड़ा हिंट
वायरल हुआ 'रहमान डकैत' का FA9LA , इसके आगे 'अबरार' का स्वैग रह गया फीका?
वायरल हुआ 'रहमान डकैत' का FA9LA , इसके आगे 'अबरार' का स्वैग रह गया फीका?
पायलट बनने के लिए 12वीं के बाद क्या करना होता है, जानिए नौकरी लगते ही कितना मिलता है पैसा?
पायलट बनने के लिए 12वीं के बाद क्या करना होता है, जानिए नौकरी लगते ही कितना मिलता है पैसा?
Jaggery Side Effects: सर्दियों में क्या आप भी फायदेमंद समझ भर-भरकर खाते हैं गुड़, ज्यादा गुड़ खाने से क्या होती हैं दिक्कतें?
सर्दियों में क्या आप भी फायदेमंद समझ भर-भरकर खाते हैं गुड़, ज्यादा गुड़ खाने से क्या होती हैं दिक्कतें?
पहली बार मां बनने वालों को सरकार देती है इतने हजार, योजना में ऐसे कर सकते हैं आवेदन
पहली बार मां बनने वालों को सरकार देती है इतने हजार, योजना में ऐसे कर सकते हैं आवेदन
Embed widget