Rameshwaram Cafe blast: 'कहीं बांग्लादेश से तो कोई मदद नहीं कर रहा', रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले में गिरफ्तारी पर कर्नाटक के मंत्री का दावा
Rameshwaram Cafe blast: कर्नाटक के मंत्री जी परमेश्वर ने राज्य की पुलिस की ओर एनआईए को दिए गए इनपुट का भी जिक्र किया, जिससे आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. सभी आरोपी 10 दिन की पुलिस कस्टडी में हैं.
Karnataka Cafe Blast: कर्नाटक के रामेश्वर कैफे में हुए बम विस्फोट की जांच को लेकर राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने शनिवार (13 अप्रैल) को पुलिस और एनआईए के काम की तारीफ की. उन्होंने कहा, "जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या रामेश्वरम कैफे विस्फोट में एनआईए की ओर से गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों के तार अन्य आतंकी संगठनों से जुड़े थे?"
उन्होंने इनपुट उपलब्ध कराने के लिए राज्य पुलिस की भी सराहना की, जिस वजह से आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. इस बीच कोर्ट ने आरोपियों को 10 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है.
'कर्नाटक पुलिस ने एनआई को दिए कई इनपुट'
मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि हमें शुरुआत में कई सीसीटीवी फुटेज मिले, जिससे आरोपी की गिरफ्तारी में मदद मिली. इस दौरान मंत्री ने खुलासा किया कि कैसे पुलिस की ओर से एनआईए को दी गई सूचना से उन्हें आरोपियों को पकड़ा गया. उन्होंने बताया, "हमारी पुलिस ने एनआईए को कई इनपुट दिए. कर्नाटक पुलिस ने आरोपी के टोपी पहनने और उसे चेन्नई से खरीदा, इसके अलावा उसने दुकान में जो फोन नंबर दर्ज काराया था, इस तरह के इनपुट एनआईए को दिए गए.
#WATCH | Tumakuru: On NIA arrested two accused in Bengaluru café blast case, Karnataka Home Minister Dr G Parameshwara says, "...We started investigating. All inputs were shared with NIA. Our police have shared very good inputs. In fact, the cap that he (the accused) was wearing… pic.twitter.com/pjmHVOFh9b
— ANI (@ANI) April 13, 2024
कर्नाटक के मंत्री जी परमेश्वर ने कहा, "जांच एजेंसियां आतंकवाद से जुड़े अन्य क्राइम को लेकर भी पता लाने की कोशिश कर रही है. आरोपी शायद पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश भागने की कोशिश कर रहा होगा, जहां एनआईए ने उसे पकड़ लिया."
'कहीं बंग्लादेश से कोई मदद तो नहीं कर रहा'
मंत्री जी परमेश्वर ने कहा, "हम विस्फोट के पीछे के असली मकसद और अन्य आतंकी संगठनों (आईएसआईएस) के साथ उनकी संलिप्तता की जांच कर रहे हैं. क्योंकि माना जाता है कि ये दोनों आरोपी पहले शिवमोग्गा विस्फोट में शामिल थे. यह संभव है कि आरोपी देश छोड़कर भागना चाहते थे, क्योंकि वे पश्चिम बंगाल में पकड़े गए थे, जो बांग्लादेश के साथ एक सीमावर्ती राज्य है. क्या कोई उस तरफ (बांग्लादेश) से मदद कर रहा है, समय आने पर इस बात का भी पता चल जाएगा."
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