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J&K: शोपियां में शहीद हुए मेजर पांडे का अंतिम संस्कार, पिता बोले- यु्द्ध ही पाकिस्तान का इलाज
मेजर पांडे की शहादत से उनका पूरा परिवार गम में डूबा है, लेकिन उनके पिता को उनकी शहादत पर गर्व है. मेजर पांडे के पिता मोहन चंद्र पांडे भी रिटायर्ड फौजी हैं.

हलद्वानी: जम्मू-कश्मीर के शोपिंया में कल आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए मेजर कमलेश पांडे का अंतिम संस्कार किया गया. पांडे का अंतिम संस्कार उत्तराखंड में हलद्वानी के रानीबाग में किया गया. J&K: अनंतनाग में रातभर मुठभेड़ के बाद सेना ने ढेर किया हिजबुल का संदिग्ध आतंकी मेजर कमलेश पांडे उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के कनालीछीना गांव रहने वाले थे, लेकिन पिछले कुछ अरसे से उनका परिवार हलद्वानी के ऊंचा पुल इलाके में रह रहा है. मेजर पांडे की शहादत से उनका पूरा परिवार गम में डूबा है, लेकिन उनके पिता को उनकी शहादत पर गर्व है. मेजर पांडे के पिता मोहन चंद्र पांडे भी रिटायर्ड फौजी हैं.
एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में शहीद मेजर के पिता ने कहा, ''अब युद्ध ही पाकिस्तान का इलाज है. अब हम और बच्चों को शहीद होते हुए नहीं देख सकते. जो काम बेटे को करना चाहिए था वह आज बाप कर रहा है.'' उन्होंने कहा, ''नेता कहते हैं पत्थरबाजों पर गोली मत चलाओ, उनके मानवाधिकार की बात होती है. अब पत्थरबाजों को भी गोली से ही सबक सिखाना चाहिए.'' मेजर कमलेश पांडे के छोटे भाई धीरेश पांडे भी आर्मी में हैं. मेजर पांडे के चचेरे भाई पंकज ने कहा कि पाकिस्तान जिस तरह भारत में आतंकवाद फैला रहा है, उसे खत्म करने के लिए एक बार आरपार की लड़ाई हो जानी चाहिए. एनकाउंटर में मौत से पहले बोला दुजाना, कश्मीर में बिगड़े हालात के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार महज 28 साल की उम्र में देश के लिए जान कुर्बान करने वाले मेजर कमलेश पांडे की पत्नी गाजियाबाद में नौकरी करती हैं. जबकि उनकी बेटी अभी महज दो साल की है. मेजर पांडे की शहादत से उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. बता दें कि सेना ने शोपियां जिले के जायपोरा इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद रात को इलाके की घेराबंदी कर एक खोज अभियान शुरू किया था. खोज अभियान के दौरान आतंकवादियों ने दल पर गोलीबारी शुरू कर दी जिसमें मेजर कमलेश पांडे और जवान तेनजिन चुलतिम शहीद हो गए थे.
एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में शहीद मेजर के पिता ने कहा, ''अब युद्ध ही पाकिस्तान का इलाज है. अब हम और बच्चों को शहीद होते हुए नहीं देख सकते. जो काम बेटे को करना चाहिए था वह आज बाप कर रहा है.'' उन्होंने कहा, ''नेता कहते हैं पत्थरबाजों पर गोली मत चलाओ, उनके मानवाधिकार की बात होती है. अब पत्थरबाजों को भी गोली से ही सबक सिखाना चाहिए.'' मेजर कमलेश पांडे के छोटे भाई धीरेश पांडे भी आर्मी में हैं. मेजर पांडे के चचेरे भाई पंकज ने कहा कि पाकिस्तान जिस तरह भारत में आतंकवाद फैला रहा है, उसे खत्म करने के लिए एक बार आरपार की लड़ाई हो जानी चाहिए. एनकाउंटर में मौत से पहले बोला दुजाना, कश्मीर में बिगड़े हालात के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार महज 28 साल की उम्र में देश के लिए जान कुर्बान करने वाले मेजर कमलेश पांडे की पत्नी गाजियाबाद में नौकरी करती हैं. जबकि उनकी बेटी अभी महज दो साल की है. मेजर पांडे की शहादत से उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. बता दें कि सेना ने शोपियां जिले के जायपोरा इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद रात को इलाके की घेराबंदी कर एक खोज अभियान शुरू किया था. खोज अभियान के दौरान आतंकवादियों ने दल पर गोलीबारी शुरू कर दी जिसमें मेजर कमलेश पांडे और जवान तेनजिन चुलतिम शहीद हो गए थे. हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
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