अनिल अंबानी केस में Yes Bank के पूर्व सीईओ राणा कपूर से पूछताछ, ED बोली- दोनों में लेन-देन की साजिश थी
जांच में पता चला कि इन निवेशों का बड़ा हिस्सा बाद में नॉन-परफॉर्मिंग इन्वेस्टमेंट (NPI) बन गया. यानी पैसा डूब गया. इन सौदों की वजह से Yes Bank को करीब 3300 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान हुआ.

अनिल अंबानी से जुड़े मामले में आज Yes Bank के पूर्व सीईओ राणा कपूर से ED की टीम पूछताछ कर रही है. जांच में सामने आया है कि राणा कपूर और अनिल अंबानी के बीच एक तरह की क्विड-प्रो-को यानी लेन-देन की साजिश थी, जिसकी वजह से Yes Bank को भारी नुकसान उठाना पड़ा.
ED ने दी ये जानकारी
ED के मुताबिक, जब राणा कपूर Yes Bank के प्रमुख थे, उस दौरान बैंक का रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप (ADAG) पर करीब 6000 करोड़ रुपये का एक्सपोजर था. जो 31 मार्च 2018 तक बढ़कर करीब 13000 करोड़ रुपये हो गया. इसी दौरान Yes Bank ने अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) में 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया.
जांच में ये भी सामने आया है कि इन निवेशों का बड़ा हिस्सा बाद में नॉन-परफॉर्मिंग इन्वेस्टमेंट (NPI) बन गया. यानी पैसा डूब गया. इन सौदों की वजह से Yes Bank को करीब 3300 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान हुआ.
'सामान्य बिजनेस फैसले नहीं थे, पूरी प्लानिंग थी'
ED का कहना है कि ये सौदे सामान्य बिजनेस फैसले नहीं थे. बल्कि इसके पीछे क्विड-प्रो-को की पूरी प्लानिंग थी. आरोप है कि Yes Bank द्वारा निवेश के बदले, अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों ने राणा कपूर के परिवार से जुड़ी कंपनियों को लोन दिए.
राणा कपूर और अनिल अंबानी ने कई बार प्राइवेट मीटिंग की है
जांच में ये भी आरोप है कि राणा कपूर और अनिल अंबानी ने कई बार निजी तौर पर बैठकें की. जिनमें Yes Bank के दूसरे सीनियर अधिकारी शामिल नही होते थे. इन बैठकों में कथित तौर पर गैरकानूनी समझौते तय किए गए. इसके बाद राणा कपूर ने बैंक के अधिकारियों को ऐसे प्रस्ताव पास करने के निर्देश दिए, जो असल में सही नहीं थे. फिलहाल मामले की जांच जारी है.
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