एक्सप्लोरर

Farm Laws To Be Repealed: कृषि कानूनों की वापसी! क्या आगामी विधानसभा चुनाव में हार का डर

Farm Laws To Be Repealed: पंजाब में BJP को फायदा हो सकता है. कैप्टन के साथ समझौता मजबूती के साथ हो सकता है. उत्तराखंड के मैदानी इलाकों का किसान भी BJP के पक्ष में आ सकता है.

Agriculture Laws: मोदी सरकार किसानों के मुद्दे पर दूसरी बार झुकी है. साल 2014 में मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून का नया रूप सामने रखा था जिसका किसानों ने पुरजोर विरोध किया था और मोदी सरकार को कानून वापस लेना पड़ा था. मनमोहन सिंह सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून को ही हूबहू लागू करना पड़ा था. और अब तीन कृषि कानून सरकार ने वापस ले लिए हैं. गुरु नानक देवजी के जन्मदिन के मौके पर प्रधानमंत्री ने यह ऐलान करके एक तीर से कई कई शिकार किए हैं. 

पंजाब, उत्तराखंड और यूपी के चुनाव इससे प्रभावित होना तय है. खासतौर पर यूपी में बीजेपी को पश्चिम यूपी में पिछड़ते हुए बताया जा रहा था. यह भी कहा जा रहा था कि लखीमपुर खीरी कांड के बाद किसान आंदोलन का विस्तार तराई के इलाकों में हो गया है. कुल मिलाकर 160 के करीब सीटें प्रभावित हो रही है. तो क्या यूपी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लेना पड़ा. प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि किसानों को समझाने में सफल नहीं हुए इसलिए कानून वापस लिए जा रहे हैं. क्या वास्तव में ऐसा ही है या फिर सरकार को लगा कि किसानों का आंदोलन विधानसभा चुनावों में उल्टा पड़ सकता है.

आंकड़ों से समझिए
पश्चिमी यूपी की जाट बेल्ट में 110 सीटें आती हैं. बीजेपी को पिछली बार 88 सीटें मिली थी लेकिन इस बार कहा जा रहा था कि बीजेपी की सीटें एक तिहाई से ज्यादा  कम हो सकती हैं. आखिर बीजेपी को 2012 में यहां से सिर्फ 38 सीटें ही मिली थी. इसी तरह तराई बेल्ट में विधानसभा की 42 सीटें आती हैं. इसमें से बीजेपी ने पिछली बार 37 सीटें जीती थी. जबकि अखिलेश को तीन और मायावती को दो सीटें मिली थी. इसी बेल्ट में बीजेपी को 2012 में सिर्फ पांच सीटें मिली थी. तब समाजवादी पार्टी को 25 और मायावती को दस सीटें मिली थी. तो कुल मिलाकर 152 सीटों में से बीजेपी को पिछली बार 125 सीटें मिली थी. क्या यहां सीटों को खोने का डर हावी रहा.

कुल मिलाकर नए कानून  बनाने का फैसला आर्थिक था लेकिन वापस लेने का फैसला राजनीतिक है, चुनावी है. ऐसा इसलिए भी कहा जा सकता है क्योंकि एबीपी सी वोटर का नवंबर महीने का सर्वे बताता है कि बीजेपी का वोट सिर्फ 0.7 फीसदी कम हो रहा है लेकिन उसकी सीटें 108 कम हो रही हैं. पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 41.4 फीसदी वोट और 325 सीटें मिली थी. इस बार सी वोटर कह रहा था कि बीजेपी को 217 सीटें ही मिल सकती हैं. अभी चुनाव 100 दिन दूर है. तब तक क्या सीटों में कमी की आशंका सता रही थी.

अब यूपी में सत्ता की वापसी?
यूपी में दो करोड़ 41 लाख किसान हैं जिन्हें पीएम किसान सम्मान निधि से छह हजार रुपये सालाना मिलते हैं. इसके अलावा 28 लाख किसानों ने अर्जी लगा रखी है. यानि कुल हुए दो करोड़ 70 लाख किसान. अब अगर माना जाए कि एक किसान परिवार में तीन वोटर है तो वोटरों की संख्या आठ करोड़ पार करती है. अब अगर इसमें से 25 फीसदी भी नाराज है तो यह संख्या दो करोड़ बैठती है. इतने बड़े वर्ग की नाराजगी का जोखिम स्वभाविक है कि बीजेपी नहीं उठा सकती थी. आखिर बीजेपी को पिछली बार कुल मिलाकर साढ़े तीन करोड़ वोट मिला था. वैसे भी अमित शाह कह चुके हैं कि अगर 2024 में मोदी को फिर से जिताना है तो 2022 में योगी को जिताना है.

योगी की जीत में किसानों की नाराजगी आड़े आ सकती थी. तीनों कानूनों को वापस लेकर बीजेपी इस नाराजगी को दूर करने में किस हद तक कामयाब होती है यह देखना बाकी है लेकिन तय है कि कानून वापस लेने से किसानों का एक वर्ग बीजेपी के पास लौट कर आ सकता है. पंजाब में भी बीजेपी को फायदा हो सकता है. कैप्टन के साथ समझौता मजबूती के साथ हो सकता है. उत्तराखंड के मैदानी इलाकों का किसान भी बीजेपी के पक्ष में आ सकता है. बीजेपी यह उम्मीद कर सकती है.

अब कानून बनाने से पहले समझाने पर ज्यादा जोर देगी सरकार?
किसानों का आंदोलन एक साल से चल रहा है. 700 किसान शहीद हुए हैं. किसान सर्दी गर्मी बरसात में बैठे रहे हैं. ऐसे किसानों ने दिखा दिया है कि अगर आप में हिम्मत है, आपका आंदोलन अहिंसक है तो आप बड़ी से बड़ी सरकार को झुका सकते हैं. झुकने के लिए मजबूर कर सकते हैं. पीएम मोदी कह रहे हैं कि वह किसानों को समझाने में कामयाब नहीं हुए. तो क्या यह माना जाए कि आगे से जिसके लिए कानून बनाया जाएगा उस पक्ष का पहले समझाने पर ज्यादा जोर दिया जाएगा. एक सवाल यह भी है कि इन कानूनों को हाबड़ तोड़ अंदाज में पास करवाया गया था खासतौर से राज्यसभा में. अगर इस बिल को प्रवर समिति या स्थाई समिति में रख दिया गया होता तो वहां कुछ संशोधन सामने आते जिन्हें लागू करने के बाद यह कानून बीजेपी का नहीं होकर पूरी संसद का होता. क्या आगे से विवादास्पद बिल चर्चा के बिना पास नहीं करवाए जाएंगे. इस सवाल पर भी गौर किया जाना चाहिए

तीन कानून तो वापस हो जाएंगे लेकिन एमएसपी को लीगल राईट बनाने की दिशा में भी क्या काम होगा. क्या इस मुद्दे पर किसानों को समझाया जाएगा कि क्यों सरकार लीगल राइट तो नहीं बना सकती लेकिन आश्वासन जरुर दे सकती है कि एमएसपी को किसी भी कीमत पर खत्म नहीं किया जाएगा. कुल मिलाकर यह लोकतंत्र की जीत है.

ये भी पढ़ें-
Farm Laws Repeal: कृषि कानून रद्द करने के एलान के बाद क्या अब खत्म हो जाएगा किसान आंदोलन? जानिए संगठन ने क्या कहा

Xplained: कृषि कानून रद्द करने की क्या है संवैधानिक प्रक्रिया, यहां समझिए

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

दिल्ली में फिर छाया घना कोहरा, जहरीली हवाओं ने बढ़ाई मुश्किलें, AQI 430 के करीब, येलो अलर्ट जारी
दिल्ली में फिर छाया घना कोहरा, जहरीली हवाओं ने बढ़ाई मुश्किलें, AQI 430 के करीब, येलो अलर्ट जारी
Under-19 Asia Cup: अफगानिस्तान को करीबी मुकाबले में हराकर सेमीफाइनल में श्रीलंका, पढ़िए मैच के अपडेट्स
Under-19 Asia Cup: अफगानिस्तान को करीबी मुकाबले में हराकर सेमीफाइनल में श्रीलंका, पढ़िए मैच के अपडेट्स
Dhurandhar BO Day 11: नहीं थम रही 'धुरंधर', दूसरे मंडे भी काट दिया गदर, 'छावा' का हिला डाला सिंहासन बना दिया ये रिकॉर्ड, जानें- 11 दिनों का कलेक्शन
'धुरंधर' ने दूसरे मंडे भी काट दिया गदर, 'छावा' का हिला डाला सिंहासन बना दिया ये रिकॉर्ड
नीतीश कुमार पर भड़कीं सपा सांसद इकरा हसन, महिला का हिजाब खींचने पर कहा- 'कोई मुख्यमंत्री ऐसा करे...'
नीतीश कुमार पर भड़कीं सपा सांसद इकरा हसन, महिला का हिजाब खींचने पर कहा- 'कोई मुख्यमंत्री ऐसा करे...'

वीडियोज

Crime News: यमुनानगर में सिर कटी लाश की गुत्थी सुलझी, आरोपी बिलाल गिरफ्तार | Haryana
दिलजले आशिक की खौफनाक दस्तक
'नबीन' अध्यक्ष.. बंगाल है लक्ष्य? | Nitin Nabin | BJP | PM Modi | Janhit With Chitra
Vodafone Idea में तूफानी तेजी! AGR Moratorium की खबर से शेयर 52-Week High पर| Paisa Live
क्या Delhi छोड़कर ही सांसें सुरक्षित हैं? Pollution से परेशान राजधानी | Bharat Ki Baat With Pratima

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
दिल्ली में फिर छाया घना कोहरा, जहरीली हवाओं ने बढ़ाई मुश्किलें, AQI 430 के करीब, येलो अलर्ट जारी
दिल्ली में फिर छाया घना कोहरा, जहरीली हवाओं ने बढ़ाई मुश्किलें, AQI 430 के करीब, येलो अलर्ट जारी
Under-19 Asia Cup: अफगानिस्तान को करीबी मुकाबले में हराकर सेमीफाइनल में श्रीलंका, पढ़िए मैच के अपडेट्स
Under-19 Asia Cup: अफगानिस्तान को करीबी मुकाबले में हराकर सेमीफाइनल में श्रीलंका, पढ़िए मैच के अपडेट्स
Dhurandhar BO Day 11: नहीं थम रही 'धुरंधर', दूसरे मंडे भी काट दिया गदर, 'छावा' का हिला डाला सिंहासन बना दिया ये रिकॉर्ड, जानें- 11 दिनों का कलेक्शन
'धुरंधर' ने दूसरे मंडे भी काट दिया गदर, 'छावा' का हिला डाला सिंहासन बना दिया ये रिकॉर्ड
नीतीश कुमार पर भड़कीं सपा सांसद इकरा हसन, महिला का हिजाब खींचने पर कहा- 'कोई मुख्यमंत्री ऐसा करे...'
नीतीश कुमार पर भड़कीं सपा सांसद इकरा हसन, महिला का हिजाब खींचने पर कहा- 'कोई मुख्यमंत्री ऐसा करे...'
सोते समय मुंह खोलकर लेते हैं सांस तो जल्दी हो जाएगी ये दिक्कत, ऐसे दूर करें यह समस्या
सोते समय मुंह खोलकर लेते हैं सांस तो जल्दी हो जाएगी ये दिक्कत, ऐसे दूर करें यह समस्या
सांप का जहर सिर्फ जानलेवा ही नहीं, जान बचाने के भी आता है काम; जानें कैसे?
सांप का जहर सिर्फ जानलेवा ही नहीं, जान बचाने के भी आता है काम; जानें कैसे?
IIT मद्रास का बड़ा फैसला, BTech अधूरा रहने पर भी मिलेगी BSc की डिग्री
IIT मद्रास का बड़ा फैसला, BTech अधूरा रहने पर भी मिलेगी BSc की डिग्री
Video: बगैर हेलमेट घूमता है ये शख्स, पुलिस चाहकर भी नहीं काट पाती चालान, वीडियो देख समझ आएगी सच्चाई
बगैर हेलमेट घूमता है ये शख्स, पुलिस चाहकर भी नहीं काट पाती चालान, वीडियो देख समझ आएगी सच्चाई
Embed widget