LOXAM ऐप घोटाला: भूपेश अरोड़ा फ्रॉड मामले में PMLA कोर्ट का एक्शन, आरोपी की जमानत याचिका खारिज
देश के सबसे बड़े साइबर इन्वेस्टमेंट फ्रॉड में से एक भूपेश अरोड़ा फ्रॉड केस को लेकर दिल्ली की स्पेशल PMLA कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया.

दिल्ली की स्पेशल PMLA कोर्ट ने 20 सितंबर 2025 को बड़ा फैसला सुनाते हुए भूपेश अरोड़ा की जमानत याचिका खारिज कर दी. भूपेश अरोड़ा को देश के सबसे बड़े साइबर इन्वेस्टमेंट फ्रॉड में से एक का मुख्य आरोपी माना जाता है.
अरोड़ा को ED ने 11 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया था. वो साल 2022 की शुरुआत में अपने साथियों के साथ दुबई भाग गया था, ताकि साइबर फ्रॉड की जांच से बच सके. हाल ही में वो नेपाल बॉर्डर के रास्ते गुपचुप तरीके से भारत लौटा, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया
LOXAM App से कैसे हुआ बड़ा घोटाला?
ED ने Xindai Technologies Pvt. Ltd., भूपेश अरोड़ा, रोहित विज और अन्य पर PMLA के तहत केस दर्ज किया. जांच की शुरुआत 26 जुलाई 2022 को हुई थी, जब हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने FIR दर्ज की थी. आरोप है कि कुछ चीनी नागरिकों ने भारतीय सहयोगियों के साथ मिलकर LOXAM नाम की इन्वेस्टमेंट ऐप चलाई.
इस ऐप को एक बड़ी फ्रेंच कंपनी का हिस्सा बताकर लोगों को झूठे वादों से भारी-भरकम रिटर्न्स देने का लालच दिया गया. हजारों लोगों ने इसमें पैसे लगाए, लेकिन निवेश की रकम को विदेश भेज दिया गया. ED ने पांच ठिकानों पर छापेमारी कर डिजिटल डिवाइस और 2.01 करोड़ की संपत्ति जब्त की.
मनी लॉन्ड्रिंग तरीकों मिलता-जुलता फ्रॉड
इसके अलावा 500 से ज्यादा बैंक अकाउंट खंगाले गए, जिनसे सामने आया कि करीब 311 करोड़ की रकम धोखाधड़ी से घुमाई गई. ये पैसा Xindai Technologies Pvt. Ltd. और उससे जुड़े अन्य खातों में गया और फिर Ranjan Moneycorp Pvt. Ltd. और KDS Forex Pvt. Ltd. में ट्रांसफर किया गया.
इन पैसों को फॉरेन करेंसी में बदलकर हवाला के जरिए विदेश भेजा गया. जांच में ये भी सामने आया कि करीब 903 करोड़ की विदेशी लेन-देन फर्जी कंपनियों और पेमेंट गेटवे से कराई गई. ये पैटर्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसी FATF (Financial Action Task Force) की ओर से चिन्हित मनी लॉन्ड्रिंग तरीकों से मिलता-जुलता है.
बिचौलियों के साथ मिलकर चलाया सिस्टम
भूपेश अरोड़ा को इस पूरे नेटवर्क का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है. जांच में मिले सबूत और गवाहियों से साबित हुआ है कि उसने कैश विदड्रॉल, फॉरेक्स कन्वर्जन और हवाला के जरिए पैसे विदेश भेजने की व्यवस्था की. उसने कई मनी चेंजर और बिचौलियों के साथ मिलकर ये पूरा सिस्टम चलाया.
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Source: IOCL






















