करोड़ों रुपये की विदेशी सिगरेट भारत कौन लाया? जब कंटेनर खुला तो अधिकारियों के उड़ गए होश
DRI Seized Foreign Cigarettes: अधिकारियों ने बताया कि ये विदेशी सिगरेट आमतौर पर COTPA अधिनियम में तय pictorial warning और सामग्री जानकारी जैसे स्वास्थ्य मानकों की अवहेलना करती हैं.

नवी मुंबई के न्हावा शेवा पोर्ट पर राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) की मुंबई यूनिट ने विदेशी सिगरेटों की तस्करी की एक बड़ी कोशिश को नाकाम किया. सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर की गई इस कार्रवाई में अधिकारियों ने एक कंटेनर से “TOP GUN” ब्रांड की 1,014 पेटियों को जब्त किया, जिसमें कुल 1,01,40,000 सिगरेट थी.
DRI द्वारा बरामद की गई इस विदेशी सिगरेट की बाजार में कीमत करीब 13.18 करोड़ रुपये आंकी गई है. इस तस्करी को लीगल इंपोर्ट दिखाने के इरादे से विदेशी सिगरेट को “कोटेड कैल्शियम कार्बोनेट” के रूप में घोषित किया गया था, ताकि अधिकारियों को गुमराह किया जा सके. DRI ने इस मामले को लेकर जिम्मेदार एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसे कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने क्या बताया ?
इस तरह विदेशी सिगरेट का आयात करना कस्टम्स एक्ट 1962 और सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद (पैकेजिंग और लेबलिंग) नियम, 2008 (स्वास्थ्य मंत्रालय की 26 मार्च 2018 की अधिसूचना के अनुसार) का स्पष्ट उल्लंघन था. राजस्व खुफिया निदेशालय की टीम ने पूरे कंटेनर को कस्टम्स अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत जब्त कर लिया है.
युवाओं पर होता है इनका खतरनाक प्रभाव- DRI
DRI के अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की अवैध तस्करी सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान पहुंचाती है, साथ ही घरेलू तंबाकू उद्योग में सही प्रतिस्पर्धा को बिगाड़ती है और जन स्वास्थ्य के लिए खतरा बनती है.
अधिकारियों ने बताया कि ये विदेशी सिगरेट आमतौर पर COTPA अधिनियम में तय pictorial warning और सामग्री जानकारी जैसे स्वास्थ्य मानकों की अवहेलना करती हैं, जिससे विशेषकर युवाओं और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को अनियमित और संभावित रूप से ज्यादा हानिकारक उत्पादों का खतरा रहता है.
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Source: IOCL