NEET की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए खुशखबरी, इस साल बढ़ सकती हैं 8000 सीटें
MBBS Admission: डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले छात्रों के लिए बड़ी राहत की खबर है. देशभर के मेडिकल कॉलेजों में 8000 नई सीटें जोड़ी जाएंगी. आइए जानते हैं डिटेल्स…

मेडिकल अभ्यर्थियों के लिए यह जरूरी खबर है. नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने वर्ष 2025 में एमबीबीएस और पीजी पाठ्यक्रमों के लिए लगभग 8000 नई सीटें जोड़ने की संभावना बताई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनएमसी के चेयरपर्सन डॉ. अभिजीत शेट ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण कार्य तेजी से चल रहा है और शीघ्र ही इन अतिरिक्त सीटों को उपलब्ध कराया जाएगा. ऐसे में नीट-यूजी या पीजी की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए यह शानदार अवसर हो सकता है.
कब होगी काउंसलिंग?
एनएमसी के मुताबिक मेडिकल यूजी और पीजी में करीब 8000 सीटें बढ़ सकती हैं. नीट यूजी 2025 की काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और पहला राउंड पूरा हो गया है. अब दूसरा राउंड 25 अगस्त से शुरू होने की संभावना है.
पीजी काउंसलिंग सितंबर से शुरू होने की संभावना है क्योंकि मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण जारी है. इसलिए यदि आप काउंसलिंग का इंतजार कर रहे हैं तो तैयार रहें, क्योंकि सीटों में बढ़ोतरी से चयन की संभावनाएं बढ़ जाएंगी.
भारत में अभी कितनी सीटें हैं?
वर्तमान में देश में 1 लाख से ज्यादा मेडिकल सीटें हैं. MBBS में कुल 1,18,098 सीटें, जिनमें से 59,782 सरकारी कॉलेजों में और 58,316 निजी कॉलेजों में हैं. PG में कुल 53,960 सीटें, जिनमें 30,029 सरकारी और 23,931 निजी कॉलेजों की हैं. इस साल CBI जांच की वजह से कुछ यूजी सीटें कम हुई थीं लेकिन NMC का कहना है कि निरीक्षण पूरा होने के बाद सीटों की संख्या बढ़कर 8,000 या उससे अधिक हो सकती है.
क्यों की गई सीबीआई जांच
जुलाई में CBI ने स्वास्थ्य मंत्रालय NMC अधिकारियों और कुछ निजी मेडिकल कॉलेजों पर भ्रष्टाचार और नियम उल्लंघन का मामला दर्ज किया था इसी कारण नए कोर्स शुरू करने और सीटें बढ़ाने की प्रक्रिया रोक दी गई थी हालांकि अब NMC ने निरीक्षण की गति तेज कर दी है NMC चेयरमैन डॉ. अभिजीत शेट के अनुसार जल्द ही करीब 8,000 नई सीटें जोड़ी जाएंगी. यह खबर उन छात्रों के लिए बड़ी राहत है जो सीटें कम होने की आशंका से चिंतित थे.
मेडिकल एजुकेशन में बदलाव
नई सीटें जुड़ेंगी. क्वालिटी पर फोकस रहेगा. पिछले कुछ सालों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. 2014 से अब तक कॉलेजों की तादाद लगभग दोगुनी हो गई है. हालांकि सिर्फ संख्या बढ़ाना काफी नहीं है, पढ़ाई की क्वालिटी भी उतनी ही जरूरी है. इसी कारण NMC अब कॉलेजों में फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर और क्लिनिकल सुविधाओं की जांच कर रहा है.
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Source: IOCL





















