'जैश के मॉड्यूल के जरिए PAK खुफिया एजेंसी...', दिल्ली ब्लास्ट पर जम्मू-कश्मीर के Ex-DGP ने कही बड़ी बात
Delhi Blast: लाल किले के बाहर मेट्रो स्टेशन के गेट के पास हुए धमाके में दिल्ली पुलिस ने 12 लोगों की मौत की पुष्टि कर दी. वहीं, सभी जांच एजेंसियां इस हमले की तह तक पहुंचने के लिए गहन जांच कर रहे हैं.

दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार (10 नवंबर, 2025) को हुए कार धमाके को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने मंगलवार (11 नवंबर, 2025) को बड़ा बयान दिया है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी ने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह जैश (आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद) के मॉड्यूल के जरिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की साजिश थी. साल 2014 के बाद से वे भारत के अंदर कुछ बड़ा करने में असफल रहे, इसलिए वे कुछ करने के लिए बेचैन थे.’
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एस. पी. वैद ने मंगलवार (11 नवंबर, 2025) को कहा, ‘यह बहुत बड़ी साजिश थी, लेकिन इसके विफल होने के बावजूद बड़ा धमाका हुआ. मुझे लगता है कि इन सभी डॉक्टरों के मॉड्यूल जब दबा दिए गए, उसके बाद डॉ. उमर ने आत्मघाती हमलावर बनना चुना. बताया जा रहा है कि वह जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला था. उसने लाल किले के बाहर इस आत्मघाती हमले को अंजाम दिया, जिसमें 10 से ज्यादा लोगों की जान गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए.’
कई महीनों की साजिश के बाद हमले को दिया अंजाम- वैद
#WATCH | Jammu, J&K: On blast near Red Fort in Delhi, former J&K DGP SP Vaid says, "...I think after the module of all these doctors (arrested/suspects in explosives seizure and blast case) was busted, Dr Umar became a suicide bomber. It is being said that he is a resident of… pic.twitter.com/8mIUJypN5a
— ANI (@ANI) November 11, 2025
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह जैश (जैश-ए-मोहम्मद) के मॉड्यूल के जरिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की साजिश थी. 2014 के बाद वे भारत के अंदर कुछ बड़ा हादसा कर नहीं पा रहे थे, इसलिए वे कुछ करने के लिए बेचैन थे. इस हमला कोई एक दिन की साजिश नहीं है, बल्कि मेरा मानना है कि इसे अंजाम देने के लिए कई महीनों तक साजिश रची गई है.’
पढ़े-लिखे लोगों में बढ़ रही कट्टरता, तो यह बड़ी चुनौती- वैद
पूर्व डीजीपी ने कहा, ‘कश्मीर घाटी के युवा-युवतियों का डॉक्टर बनना सबसे बड़ा सपना होता है, लेकिन डॉक्टर बनने के बावजूद भी अगर कोई कट्टरवादी बनकर अपने ही देशवासियों को मारने और अपने ही देश को तोड़ने के लिए तैयार हो जाता है, तो सोचिए वहां किस तरह की कट्टरता फैलाई जा रही है.’ उन्होंने कहा, ‘देश को यह देखना होगा कि हम इस मोर्चे पर क्या कर रहा है. अगर पीएचडी, MBBS करने वाले डॉक्टर्स, इंजीनियरों को भी कट्टरवादी बनाया जा रहा है, तो यह एक बड़ी चुनौती है और हमें इस मोर्चे पर काम करने की जरूरत है.’
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