Delhi Jal Board Case: 8000 पन्नों की चार्जशीट, टेंडर के बदले घूस का आरोप, जानिए दिल्ली जल बोर्ड मामले में ED ने किसे किसे बनाया आरोपी
Delhi Jal Board Case Chargesheet: दिल्ली जल बोर्ड टेंडर भ्रष्टाचार के मामले में जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 8 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. इसमें 140 पेज ऑपरेटिव पार्ट हैं.
Delhi Jal Board Case: दिल्ली जल बोर्ड के टेंडर से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में ED ने राउज ऐवन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. ईडी ने चार्जशीट में जगदीश अरोड़ा, अनिल अग्रवाल, जगदीश अरोड़ा के करीबी और चार्टेड अकाउंटेड तजेंद्र सिंह समेत NBCC के पूर्व अधिकारी देवेंद्र कुमार मित्तल और एक कंपनी NKG को आरोपी बनाया है.
ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड मामले में 8 हजार पेज के दस्तावेज दाखिल किया, जिसमें 140 पेज ऑपरेटिव पार्ट है. राउज ऐवन्यू कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 1 अप्रैल को होगी. ईडी ने कहा कि NKG कंपनी को आरोपी बनाया है. वजह है कि उसके डायरेक्टर की मौत हो गई इसलिए उनको आरोपी नहीं बनाया.
ऐसे अंजाम दिया गया भ्रष्टाचार
ईडी ने कहा कि एनबीसीसी के अधिकारी मित्तल ने जो सर्टिफिकेट जारी किया उसी के आधार पर NKG कंपनी को टेंडर मिला था, एनकेजी ने मित्तल के लिए प्लेन का टिकट बुक करा था. ईडी ने कहा कि मामले में जांच अभी जारी है. ईडी ने कोर्ट को बताया कि बिना दस्तखत किया गया एक नोट शीट तैयार किया गया था, जो डीजीपी समेत दूसरे लोगों के पास भी मौजूद था.
ईडी ने कहा कि एनकेजी ने कोई काम नहीं किया था लेकिन उसको टेंडर मिला था, हालांकि एनबीसीसी के रिकॉर्ड में एनकेजी के बारे में कुछ नहीं था. ईडी ने कहा कि जगदीश अरोड़ा, अनिल अग्रवाल, तजेंद्र सिंह चार्टेड अकाउंटेड हैं जो जगदीश अरोड़ा के करीबी है. मित्तल एनबीसीसी के अधिकारी है, मित्तल ने एनकेजी कम्पनी को फर्जी दस्तावेज मुहैया कराया था.
कितने का हुआ है भ्रष्टाचार ?
ईडी ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने एनकेजी को 38 करोड़ का टेंडर दिया था. इसमें से 24 करोड़ रुपये जारी हुआ, 24 में एनकेजी ने 6 करोड़ 36 लाख रिटेन किया. इडी ने कहा कि 6 करोड़ 36 लाख रिटेन किया गया यह प्रोसीड ऑफ क्राइम है, इसमें से 56 लाख रुपए तजेंद्र सिंह के ज़रिए जगदीश अरोड़ा को मिला था, 36 करोड़ मे से सिर्फ 14 करोड़ रुपये का इस्तेमाल हुआ. ईडी ने कहा कि एनकेजी और इंटीग्रल ग्रुप से पैसे जगदीश अरोड़ा को गया था क्योंकि उनसे ही टेंडर जारी किया था, टेंडर के बदले घुस ली गई थी. ईडी ने कहा कि जगदीश कुमार अरोड़ा को कुल 3.19 करोड़ रुपया मिला था, जिसमे 56 लाख एनकेजी और बाकी इंटीग्रल ग्रुप से मिला था.
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