विजय माल्या ने HC से कहा- भगोड़ा अपराधी घोषित करना आर्थिक मृत्युदंड देने जैसा
पिछले साल अगस्त में वजूद में आए भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के कई प्रावधानों को चुनौती देने वाली माल्या की याचिका के दौरान वकील ने यह दलील दी. माल्या के वकील ने कहा, इस तरह मुझे आर्थिक मृत्युदंड दिया गया है.

मुंबई: संकट का सामना कर रहे शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को बांबे हाईकोर्ट से कहा कि विशेष अदालत द्वारा उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करना और उसकी संपत्ति को कुर्क करने की अनुमति देना आर्थिक रूप से मृत्युदंड देने जैसा है. माल्या ने अपने वकील अमित देसाई के जरिए जस्टिस रंजीत मोरे और जस्टिस भारती डांगरे की पीठ के समक्ष यह बयान दिया. पिछले साल अगस्त में वजूद में आए भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के कई प्रावधानों को चुनौती देने वाली माल्या की याचिका के दौरान वकील ने यह दलील दी.
माल्या ने अपने वकील के जरिए कहा, ''ऐसे कर्ज पर मेरा ऋण और ब्याज बढ़ रहा है. मेरे पास इन कर्जों को चुकाने के लिए संपत्ति है लेकिन सरकार ने कर्ज चुकाने के लिए इन संपत्तियों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी. मेरी संपत्ति पर मेरा नियंत्रण नहीं है.'' माल्या के वकील ने कहा, ''इस तरह मुझे आर्थिक मृत्युदंड दिया गया है.''
देसाई ने अदालत से देश भर में माल्या की संपत्ति जब्त करने संबंधी कार्रवाई के खिलाफ आदेश जारी करने का अनुरोध किया. हालांकि, अदालत ने याचिका पर कोई अंतरिम राहत देने से मना कर दिया. एक विशेष अदालत ने जनवरी में माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के प्रावधानों के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था.
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