Cyrus Mistry Death: 54 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए साइरस मिस्त्री, जानिए उनसे जुड़ी अहम बातें
Cyrus Mistry: साइरस मिस्त्री की रविवार को सड़क हादसे में मौत हो गई. उनके निधन से हर कोई स्तब्ध है. पीएम मोदी ने कहा कि उनके निधन से उद्योग जगत को बड़ा नुकसान पहुंचा है.

Cyrus Mistry News: टाटा संस (Tata Sons) के चेयरमैन के रूप में नियुक्त होने के साथ 2012 में भारतीय उद्योग जगत में अचानक से उभरे साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की महाराष्ट्र के पालघर जिले में कार दुर्घटना में मौत हो गई. वह 54 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गए. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह दुर्घटना उस वक्त हुई जब मिस्त्री की लग्जरी कार मुंबई से सटे पालघर जिले में एक डिवाइडर से टकरा गई.
उस समय मिस्त्री अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे. पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल ने कहा, 'दुर्घटना दोपहर के लगभग 3.15 बजे हुई. मिस्त्री अहमदाबाद से मुंबई की तरफ जा रहे थे. यह हादसा सूर्या नदी पर बने पुल पर हुआ.'
कार में बैठे ये दो लोग हुए घायल
इस हादसे में मिस्त्री और जहांगीर पंडोले नामक एक अन्य व्यक्ति की मृत्यु हो गई. वहीं जानीमानी स्त्रीरोग विशेषज्ञ अनाहिता पंडोले और उनके पति डेरियस पंडोले की जान बच गई. जहांगीर के भाई डेरियस टाटा समूह के पूर्व स्वतंत्र निदेशक थे, जिन्होंने चेयरमैन पद से मिस्त्री को हटाए जाने का विरोध किया था.
साइरस मिस्त्री ने ली थी रतन टाटा की जगह
जन्म से आयरिश नागरिक और शापूरजी पलोनजी समूह के उत्तराधिकारी मिस्त्री वर्ष 2012 में जब 44 साल की उम्र में टाटा संस के चेयरमैन बनाए गए तो वह शापूरजी पलोनजी ग्रुप की कंपनियों की अगुवाई कर रहे थे. इतनी कम उम्र में उन्होंने 100 अरब डॉलर से अधिक कारोबार वाले टाटा समूह के मुखिया के तौर पर रतन टाटा जैसे दिग्गज की जगह ली थी.
'ओवरटेक करने के चक्कर में हुआ हादसा'
एक पुलिस अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि प्रारंभिक जानकारी से पता चलता है कि अनाहिता तेज रफ्तार में गाड़ी चला रहीं थीं और उन्होंने गलत दिशा से एक दूसरी गाड़ी से आगे निकलने की कोशिश की थी. एक चश्मदीद ने पहले बताया था, 'कार एक महिला चला रही थी, जिसने बायीं तरफ से दूसरी गाड़ी से आगे निकलने की कोशिश की, लेकिन नियंत्रण खोकर कार सड़क पर डिवाइडर से टकरा गई.' अधिकारी ने बताया कि मिस्त्री और जहांगीर पिछली सीट पर बैठे थे.
एसपी बालासाहेब पाटिल ने कहा कि डेरियस और अनाहिता को आगे इलाज के लिए गुजरात के वापी में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने कहा कि इस हादसे में जान गंवाने वाले मिस्त्री और जहांगीर पंडोले के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए कासा ग्रामीण अस्पताल भेज दिया गया.
पीएम मोदी, डिप्टी सीएम फडणवीस और राहुल गांधी ने क्या कहा?
मिस्त्री के निधन पर राजनीति और उद्योग जगत के लोगों ने दुख व्यक्त किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे वाणिज्य और उद्योग जगत के लिए बड़ी क्षति बताया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने ट्वीट किया, "साइरस मिस्त्री का असामयिक निधन हैरान करने वाला है. वह एक अग्रणी उद्योगपति थे, जो भारत की आर्थिक शक्ति में विश्वास करते थे."
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने बताया कि उन्होंने राज्य पुलिस से सड़क दुर्घटना की विस्तृत जांच करने को कहा है. साइरस मिस्त्री की मौत उनके प्रभावशाली परिवार के लिए कुछ महीने के भीतर ही दूसरा बड़ा झटका है. बता दें कि उनके पिता और दिग्गज उद्योगपति शापूरजी पलोनजी शापूरजी का करीब दो महीने पहले ही निधन हो गया था.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "टाटा संस के पूर्व प्रमुख साइरस मिस्त्री के असामयिक निधन से दुखी हूं. वह देश के उद्योग जगत के बहुत ही शानदार व्यक्तित्व थे, जिन्होंने भारत की विकास गाथा में महत्वूपर्ण योगदान दिया. उनके परिवार, मित्रों और चाहने वालों के प्रति मेरी संवेदना."
'मिस्त्री को जिंदगी से प्यार था'
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखर ने मिस्त्री के सड़क हादसे में निधन पर शोक जताते हुए कहा कि मिस्त्री को जिंदगी से प्यार था. चंद्रशेखर ने एक बयान में कहा, "साइरस मिस्त्री के असमय एवं अचानक निधन से मैं बहुत दुखी हूं. उन्हें जीवन से प्यार था और यह बहुत ही दुख की बात है कि वह इतनी कम उम्र में चल बसे. इस कठिन समय में उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं."
रतन टाटा ने साइरस मिस्त्री को मनाया था!
ऐसी चर्चा थी कि टाटा समूह की प्रतिनिधि कंपनी टाटा संस की बागडोर संभालने को लेकर मिस्त्री अनिच्छुक थे, लेकिन खुद रतन टाटा (Ratan Tata) ने उन्हें इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए मना लिया था. टाटा संस के चेयरमैन के तौर पर वह चार साल तक पद पर रहे और अक्टूबर 2016 में उन्हें अचानक ही पद से हटा दिया गया. अंदरूनी मतभेदों के बाद न सिर्फ मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाया गया, बल्कि खुद रतन टाटा ने कुछ समय के लिए इसकी कमान संभाली. बाद में एन चंद्रशेखरन को टाटा संस का चेयरमैन बना दिया गया.
चेयरमैन पद से क्यों हटाया गया?
'बॉम्बे हाउस के फैंटम' कहे जाने वाले शापूरजी पलोनजी मिस्त्री भी उस समय अपने बेटे साइरस की मदद नहीं कर पाए थे. साइरस ने टाटा संस के निदेशक मंडल पर गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि, इस मामले ने उस समय तीखा मोड़ ले लिया, जब साइरस मिस्त्री ने चेयरमैन पद से अपनी बर्खास्तगी को अदालत में चुनौती दी. उनका कहना था कि टाटा संस का निदेशक मंडल कुछ महीने पहले तक उनके काम की तारीफ कर रहा था, लिहाजा उन्हें अचानक हटाए जाने के कारण बताए जाएं. हैरानी की बात है कि उन्हें अचानक हटाए जाने के पीछे के कारण स्पष्ट रूप से अभी तक सामने नहीं आए हैं.
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Source: IOCL






















