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केंद्र ने कहा- कई राज्यों में कोरोना के ग्राफ में आ रही गिरावट, पर 382 जिलों में संक्रमण दर अब भी 10 फीसदी से ज्यादा

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी. के. पॉल ने स्पष्ट किया कि बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिलाओं का भी टीकाकरण कराया जा सकता है.

नई दिल्ली: देश के अधिकतर हिस्से में कोविड-19 की स्थिति में स्थिरता आ रही है, लेकिन इस लहर से लड़ाई में अभी लंबा सफर तय करना है, क्योंकि संक्रमण की दर 382 जिलों में अब भी 10 फीसदी से ऊपर है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी. के. पॉल ने कहा कि सामाजिक एवं आर्थिक गतिविधियों पर पाबंदियां लगाकर और कंटेनमेंट ज़ोन और देखभाल के उपायों को अपनाकर भारत इस महामारी पर अभी तक लगाम कसने में सफल रहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘देश के बड़े हिस्से में महामारी की स्थिति में सुधार आ रहा है, संक्रमण की दर और उपचाराधीन मामलों की संख्या कम हो रही है और मरीजों के ठीक होने की दर बढ़ रही है. यह भी देखा जा रहा है कि दूसरे राज्यों में बढ़ोतरी भी हुई है, इसलिए यह मिला-जुला परिदृश्य है लेकिन इस लहर से निपटने में हमें लंबा सफर तय करना है और यह भी सुनिश्चित करना है कि हम जो कदम उठाते हैं, उनमें कोई ढिलाई नहीं हो.’’

उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति में सुधार आ रहा है लेकिन हमें सुनिश्चित करना होगा कि संचरण की श्रृंखला टूटी रहे. संक्रमण की दर 382 जिलों में अब भी 10 फीसदी से ऊपर है, इसलिए इस लहर से लड़ने में अभी लंबा सफर तय करना है.’’

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पिछले 20 दिनों में कोविड-19 के उपचाराधीन मामलों की संख्या में लगातार कमी आई है. उन्होंने कहा, ‘‘तीन मई को 17.13 फीसदी मामले सामने आए थे और अब देश में कुल संक्रमण का 11.12 फीसदी मामला उपचाराधीन है. मरीजों के ठीक होने की दर भी सुधर रही है. तीन मई को ठीक होने की दर, जहां 81.7 फीसदी थी, वहीं वह अब बढ़कर 87.76 फीसदी हो गई है.’’

अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 की संक्रमण दर दस मई को 24.83 प्रतिशत से कम होकर 22 मई को 12.45 फीसदी रह गई है. उन्होंने कहा, ‘‘मौतों के मामले में भी धीमे लेकिन अपेक्षाकृत बेहतर रूख दिख रहा है और अधिकतर मौतें छह राज्यों --महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पंजाब और दिल्ली में सामने आ रही हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘आठ राज्यों में उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक लाख से अधिक है जबकि 18 राज्यों में संक्रमण दर 15 फीसदी से अधिक है.’’

टीके की बर्बादी पर उन्होंने कहा कि कोविशील्ड की बर्बादी की दर एक मार्च को आठ प्रतिशत से कम होकर अब एक प्रतिशत रह गई है, वहीं कोवैक्सीन की बर्बादी दर इसी अवधि में 17 फीसदी से घटकर चार फीसदी रह गई है.

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी. के. पॉल ने स्पष्ट किया कि बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिलाओं का भी टीकाकरण कराया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की खबरें थीं कि टीका लगवाने वाली माताओं को कुछ दिनों के लिए अपने बच्चों को स्तनपान नहीं कराना चाहिए लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि स्तनपान नहीं रोकना चाहिए और इसे जारी रखना चाहिए.’’

पॉल ने कहा, ‘‘किसी भी हालत में एक घंटे के लिए भी स्तनपान नहीं रोका जाना चाहिए.’’

बच्चों में कोविड-19 के बारे में पॉल ने कहा कि 10 से 17 वर्ष के बच्चों में सीरोपॉजिटिविटी की दर अमूमन वही है जो 30 से 40 वर्ष के लोगों के बीच है और बच्चों में भी संक्रमण हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘जब बच्चों में संक्रमण होता है तो लक्षण न्यूनतम होते हैं, बहुत मध्यम स्तर का संक्रमण होता है या लक्षण नहीं के बराबर होते हैं और संक्रमण बहुत कम होने के कारण उनमें मृत्यु दर भी बहुत कम है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘बच्चों में कोविड बीमारी को लेकर प्रोटोकॉल है. बच्चों को संक्रमण से बचाना भी काफी जरूरी है ताकि वे संचरण श्रृंखला का हिस्सा नहीं बनें.’’ 

म्यूकरमाइकोसिस या काला कवक (ब्लैक फंगस) पर पॉल ने कहा कि दवाओं की उपलब्धता बढ़ाई जा रही है. मधुमेह, स्टेरॉयड के कारण प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना, लंबे समय तक अस्पताल में रूकना और कोविड-19 रोगियों में अन्य गंभीर बीमारी होने के कारण म्यूकरमाइकोसिस संक्रमण बढ़ सकता है.

उन्होंने कहा, ‘‘स्टेरॉयड जीवन रक्षक है. यह शानदार दवा है लेकिन इसके बेतरतीब इस्तेमाल से म्यूकरमाइकोसिस हो सकता है. इसलिए यह महामारी और नहीं फैले और इससे ज्यादा नुकसान नहीं हो, यह हमारी जिम्मेदारी है.’’

एक सवाल के जवाब में अग्रवाल ने कहा कि डब्ल्यूएचओ टीका पासपोर्ट के मुद्दे पर अभी किसी सहमति पर नहीं पहुंचा है ताकि कोरोना वायरस संक्रमण के टीके की पूरी खुराक लगवा चुके लोगों की अंतरराष्ट्रीय यात्रा को अनुमति दी जा सके.

उन्होंने कहा, ‘‘इस बात पर अभी तक चर्चा जारी है कि क्या टीका लगवा चुके लोगों को अनुमति दी जाए अथवा नहीं. फिलहाल डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के मुताबिक और दूसरे देशों के दिशानिर्देशों के अनुसार नेगेटिव कोविड रिपोर्ट वाले लोगों को अनुमति दी जा रही है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम विश्व और डब्ल्यूएचओ स्तर (टीका पासपोर्ट मुद्दे) पर आम सहमति बना सकेंगे तब हम आवश्यक कदम उठाएंगे.’’ वह एक खबर पर सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या कोवैक्सीन टीका लेने वाले लोगों को अंतरराष्ट्रीय यात्रा की अनुमति मिलेगी क्योंकि डब्ल्यूएचओ ने इसे टीकों की सूची में शामिल नहीं किया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी इस तरह की खबर को ‘‘भ्रामक एवं काल्पनिक’’ बताया.

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस के रोजाना मामलों की संख्या लगातार छठे दिन तीन लाख से कम रही और एक दिन में 2.57 लाख नए मामले सामने आए.

सुबह आठ बजे जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोविड-19 के मामले बढ़कर 2,62,89,290 हो गए. 4194 और लोगों की मौत के साथ मृतकों की संख्या 2,95,525 हो गई है.

टीका की बर्बादी के बारे में अग्रवाल ने कहा कि कोविशील्ड की बर्बादी की दर एक मार्च को आठ प्रतिशत से कम होकर अब एक प्रतिशत रह गई है, वहीं कोवैक्सीन की बर्बादी दर इसी अवधि में 17 फीसदी से घटकर चार फीसदी रह गई है.

CM केजरीवाल की केंद्र से अपील- दिल्ली को वैक्सीन उपलब्ध कराएं, युवाओं का टीकाकरण आज से बंद 

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