एक्सप्लोरर

मनमोहन सरकार में वकीलों की बोलती थी तूती, अब लीगल सेल पर सवाल; कानूनी लड़ाई में क्यों पिछड़ी कांग्रेस?

मनमोहन सरकार में वकीलों को खूब तरजीह मिली. पार्टी के बड़े फैसले वकील से मंत्री बने लोग ही लेते थे, लेकिन सत्ता जाने के बाद पिछले 9 सालों में कांग्रेस अपना लीगल सेल ठीक से एक्टिव नहीं कर पाई है.

मानहानि केस में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से मिली सजा के बाद कांग्रेस लीगल सेल पर सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने भी लीगल टीम पर मजबूती से केस नहीं लड़ने को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. 2017 में कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं पर राजनीतिक एक्शन को देखते हुए इस सेल का गठन किया था. 

6 साल बाद भी लीगल सेल पूरे देश में जिला स्तर पर एक्टिव नहीं हो पाई है. राष्ट्रीय स्तर पर भी पदाधिकारी सक्रिय नहीं हैं. लीगल सेल के चेयरमैन विवेक तन्खा 2019 और 2021 में अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. तन्खा सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील हैं और कांग्रेस से राज्यसभा सांसद हैं. 

2021 में कांग्रेस लीगल सेल से इस्तीफा देते हुए विवेक तन्खा ने कहा था कि लीगल सेल में नए लोगों को मौका देने के लिए मैंने यह कदम उठाया है. सोनिया गांधी जी ने मेरा इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है. उन्होंने इस्तीफा देते हुए 4 पन्नों की एक चिट्ठी लिखी थी. हालांकि, कांग्रेस के वेबसाइट पर अब भी विवेक तन्खा ही लीगल सेल के अध्यक्ष हैं. 

राहुल गांधी मानहानि केस को लेकर कांग्रेस ने रणनीति बदल ली है और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी के नेतृत्व में एक टीम केस की पैरवी करेगी. इसमें वरिष्ठ वकील आरएस चीमा, वकील किरीट पनवाल और वकील तरन्नुम चीमा शामिल हैं. कांग्रेस ने केस की मेरिट पर सवाल उठाया है और केस को खारिज करने की मांग की है.

2017 में लीगल सेल का किया गया था पुनर्गठन
2017 में राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से पहले कांग्रेस ने कानूनी प्रकोष्ठ का पुनर्गठन किया था. उस वक्त इस प्रकोष्ठ के साथ आरटीआई को भी जोड़ा गया था. मकसद था कि आरटीआई का उपयोग कर बड़े-बड़े मुद्दे को उजागर करना. 

लेकिन पिछले 6 साल से कानूनी प्रकोष्ठ यह करने में विफल रही. इतना ही नहीं, जमीन तक संगठन का विस्तार भी ठीक ढंग से नहीं हो पाया. कांग्रेस का विधि प्रकोष्ठ सोशल मीडिया पर भी एक्टिव नहीं है. 

कानूनी प्रकोष्ठ की जरूरत क्यों, 3 वजह...

1. पार्टी कार्यकर्ताओं को राजनीतिक एक्शन से बचाना- किसी मसले पर सरकार के खिलाफ जब विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ता विरोध-प्रदर्शन करते हैं तो पुलिस की ओर से उन पर राजनीतिक केस लाद दिया जाता है. कानूनी प्रकोष्ठ उसी केस से कार्यकर्ताओं को बचाने का काम करती है.

कानूनी प्रकोष्ठ जमानत दिलाने से लेकर राजनीतिक केसों में बरी कराने तक का काम करती है. कांग्रेस ने जिला स्तर पर इसकी संरचना तैयार करने के लिए ही 2017 में इस प्रकोष्ठ का पुनर्गठन किया था.

2. अपने नेता के खिलाफ अफवाह पर कानूनी एक्शन लेना- पार्टी नेता के खिलाफ अगर कोई अफवाह फैलाता है या राजनीतिक द्वेष के लिए गलत बयानी करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई करने का काम लीगल सेल का होता है. 

लीगल सेल पहले नोटिस भेजती है और फिर उस पर आगे की कार्रवाई करती है, लेकिन कांग्रेस लीगल सेल अब तक यह करने में असफल रही है. कई मौकों पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी को लेकर अफवाह फैलाई गई, लेकिन सेल कोई एक्शन नहीं ले पाई. 

2022 में ईडी की जांच के बीच विवेक तन्खा ने गृहमंत्री और वित्त मंत्री को एक नोटिस जरूर भेजा था, लेकिन उस पर आगे की कार्रवाई नहीं हो पाई थी. 

3. चुनाव में मदद करना, ताकि पर्चा खारिज न हो- चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों के नामांकन की देखरेख लीगल सेल के जिम्मे होता है. लीगल सेल कानूनी वैधता की जांच कर प्रत्याशियों का पर्चा दाखिल करवाने का काम करता है. 

चुनाव आयोग में जब भी कोई शिकायत दर्ज करानी होती है तो लीगल सेल के लोग ही राजनेता के साथ जाते हैं, जिससे धांधली पर लगाम लगाया जा सके. यानी निष्पक्ष चुनाव कराने में अगर कोई गड़बड़ी हो रही हो तो वहां कानूनी प्रकोष्ठ की भूमिका बड़ी हो जाती है. 

मुख्य कांग्रेस से ज्यादा एक्टिव युवा कांग्रेस का लीगल सेल
दिलचस्प बात है कि मुख्य कांग्रेस से ज्यादा एक्टिव युवा कांग्रेस का लीगल सेल है. देश से लेकर कई राज्यों के जिला स्तर तक पर युवा कांग्रेस का लीगल सेल एक्टिव है. अफवाह फैलाने के कई मामलों में युवा कांग्रेस का लीगल सेल सत्ताधारी नेताओं और पत्रकारों को नोटिस तक भेज चुका है.

युवा कांग्रेस का लीगल सेल सोशल मीडिया पर भी एक्टिव है. हाल ही में इंदिरा गांधी के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने वाले एक पत्रिका पर युवा कांग्रेस का लीगल सेल ने कानूनी एक्शन लिया था. 

वकीलों की पार्टी में कानूनी प्रकोष्ठ निष्क्रिय क्यों?
मनमोहन सरकार के वक्त कांग्रेस को वकीलों की पार्टी कहा जाता था. सरकारी फैसलों में वकील से राजनेता बने लोगों का दबदबा होता था. सरकार और पार्टी में बड़े-बड़े वकीलों की तूती बोलती थी. मगर सत्ता जाने के बाद 9 साल में ही कांग्रेस कानूनी मोर्चे पर फिसलने लगी है. आखिर वजह क्या है, इसे विस्तार से जानेंगे, लेकिन पहले जानते हैं किन वकीलों को मनमोहन सरकार में खास तवज्जो मिली?

1. पी चिदंबरम- सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम को मनमोहन सरकार में सबसे ज्यादा तरजीह मिली. चिदंबरम वित्त और गृह जैसे विभाग के मंत्री रहे. 10 जनपथ के करीबी माने जाने वाले चिदंबरम वर्तमान में कांग्रेस से राज्यसभा सांसद हैं. चिदंबरम 

चिदंबरम मई 2022 में तब सुर्खियों में आए थे, जब बंगाल सरकार के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ कोलकाता हाई कोर्ट में पैरवी करने जा रहे थे. चिदंबरम को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाईकोर्ट परिसर में ही विरोध कर दिया. 

2. कपिल सिब्बल- साल 2022 में कांग्रेस छोड़ने वाले कपिल सिब्बल की मनमोहन सरकार में तूती बोलती थी. सिब्बल 2004 से 2014 तक सरकार में कई विभागों की कमान संभाल चुके थे. इनमें कानून और शिक्षा जैसा अहम महकमा भी शामिल था.

2022 में कांग्रेस आलाकमान से खटपट के बाद सिब्बल ने पार्टी छोड़ दी. हालांकि, सिब्बल कानूनी तौर पर अब भी विपक्षी नेताओं के लिए मोर्चा संभाले रहते हैं.

3. अश्विनी कुमार- अश्विनी कुमार भी मनमोहन सरकार में मंत्री रह चुके हैं. कुमार राजीव गांधी के वक्त में कांग्रेस में राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. फरवरी 2022 में पंजाब चुनाव से पहले कुमार ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था.

कुमार सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं और भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भी रह चुके हैं. 2002 से 2016 तक कुमार पंजाब से राज्यसभा सांसद थे. 

4. सलमान खुर्शीद- 70 साल के सलमान खुर्शीद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं. खुर्शीद मनमोहन सिंह के दूसरे कार्यकाल में काफी पावरफुल रहे. खुर्शीद को विदेश, कानून जैसे विभागों के मंत्री बनाए गए. इतना ही नहीं, एक विवाद में आने के बाद भी कांग्रेस हाईकमान ने उन पर कोई एक्शन नहीं लिया था. 

खुर्शीद कांग्रेस के बड़े मसलों में जरूर शामिल रहते हैं, लेकिन अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में भी रहते है. हाल ही में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लेकर एक विवादित बयान दिया था. 

5. हंसराज भारद्वाज- सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील रहे हंसराज भारद्वाज मनमोहन सरकार में 2004 से 2009 तक कानून मंत्री थे. भारद्वाज को पार्टी ने हरियाणा से राज्यसभा का सांसद भी बनाया था. 

2009 के बाद भारद्वाज को पार्टी ने राजभवन भेज दिया और उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया. वहां पर येदियुरप्पा सरकार को बर्खास्त की सिफारिश करने को लेकर सुर्खियों में रहे. भारद्वाज का 2020 में हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया. 

6. विवेक तन्खा- मध्य प्रदेश की राजनीति में शिवराज सिंह चौहान के दोस्त के नाम से जाने वाले विवेक तन्खा 2012 में निर्दलीय राज्यसभा का चुनाव हार गए. उसके बाद तन्खा कांग्रेस में शामिल हो गए. 

कांग्रेस सरकार में उन्हें एडिशनल सॉलिसिटर जनरल बनाया गया. तन्खा को कांग्रेस ने 2016 में राज्यसभा भेजा. तन्खा 2 बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन दोनों बार उन्हें हार मिली. 

कानूनी प्रकोष्ठ को क्यों नहीं जिंदा कर पा रही कांग्रेस?
एक वक्त देश में बड़े वकीलों की फौज रखने वाली कांग्रेस अब कानूनी प्रकोष्ठ का सही तरीके से संचालन क्यों नहीं कर पा रही है, यह सवाल उठ रहा है. दरअसल, सत्ता में जब कांग्रेस थी तो उसके पास वकीलों को देने के लिए कई तरह के पद थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. 

साथ ही अगर कोई वकील प्रकोष्ठ से जुड़कर काम करता है तो उसे कोई पैसा नहीं मिलेगा, जबकि अलग केस लड़ने पर वकीलों को पूरी फीस मिलेगी. 

इन 2 वजहों के अलावा कांग्रेस हाईकमान का कानूनी प्रकोष्ठ के प्रति उदासीनता भी निष्क्रियता की बड़ी वजह है. विवेक तन्खा के इस्तीफा दिए 2 साल हो गए, लेकिन अब तक इस विभाग में नए चेयरमैन की नियुक्ति नहीं हो पाई है. 

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

बीजेपी ने संसद में ई-सिगरेट पीते हुए TMC सांसद कीर्ति आजाद का वीडियो किया शेयर, ममता बनर्जी से मांगा जवाब
बीजेपी ने संसद में ई-सिगरेट पीते हुए TMC सांसद का वीडियो किया शेयर, ममता बनर्जी से मांगा जवाब
नीतीश कुमार के वीडियो पर संजय निषाद का विवादित बयान, अपर्णा यादव भड़कीं, 'किसी को...'
नीतीश कुमार के वीडियो पर संजय निषाद का विवादित बयान, अपर्णा यादव भड़कीं, क्या कहा?
'आखिरकार भारत ने माना कि ऑपरेशन सिंदूर में...', चव्हाण का बयान सुनकर इतराने लगे पाकिस्तानी
'आखिरकार भारत ने माना कि ऑपरेशन सिंदूर में...', चव्हाण का बयान सुनकर इतराने लगे पाकिस्तानी
IPL 2026 के बाद संन्यास ले लेंगे एमएस धोनी, पूर्व CSK खिलाड़ी ने की पुष्टि; आई दिल तोड़ देने वाली खबर
IPL 2026 के बाद संन्यास ले लेंगे एमएस धोनी, पूर्व CSK खिलाड़ी ने की पुष्टि; आई दिल तोड़ देने वाली खबर

वीडियोज

NPS में ऐतिहासिक बदलाव Lock-in खत्म, 80% तक Withdrawal | Retirement Planning Update| Paisa Live
Stock Market Update: Sensex-Nifty आया Flat Start के साथ, अब Investors Cautious Mode में | Paisa Live
China का Silver Export Ban: 2026 से Silver की Global Shortage और Price Explosion की आहट| Paisa Live
HDFC Bank का बड़ा दांव: IndusInd Bank में 9.5% हिस्सेदारी, RBI से मिली हरी झंडी| Paisa Live
PM Modi Ethiopia Visit: इथियोपिया में पीएम को मिला सर्वोच्च सम्मान.. जताया आभार | PM Modi

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
बीजेपी ने संसद में ई-सिगरेट पीते हुए TMC सांसद कीर्ति आजाद का वीडियो किया शेयर, ममता बनर्जी से मांगा जवाब
बीजेपी ने संसद में ई-सिगरेट पीते हुए TMC सांसद का वीडियो किया शेयर, ममता बनर्जी से मांगा जवाब
नीतीश कुमार के वीडियो पर संजय निषाद का विवादित बयान, अपर्णा यादव भड़कीं, 'किसी को...'
नीतीश कुमार के वीडियो पर संजय निषाद का विवादित बयान, अपर्णा यादव भड़कीं, क्या कहा?
'आखिरकार भारत ने माना कि ऑपरेशन सिंदूर में...', चव्हाण का बयान सुनकर इतराने लगे पाकिस्तानी
'आखिरकार भारत ने माना कि ऑपरेशन सिंदूर में...', चव्हाण का बयान सुनकर इतराने लगे पाकिस्तानी
IPL 2026 के बाद संन्यास ले लेंगे एमएस धोनी, पूर्व CSK खिलाड़ी ने की पुष्टि; आई दिल तोड़ देने वाली खबर
IPL 2026 के बाद संन्यास ले लेंगे एमएस धोनी, पूर्व CSK खिलाड़ी ने की पुष्टि; आई दिल तोड़ देने वाली खबर
Dhurandhar की फैन हुईं प्रीति जिंटा, बोलीं- 'ये हर देशभक्त के लिए लव लेटर है'
Dhurandhar की फैन हुईं प्रीति जिंटा, बोलीं- 'ये हर देशभक्त के लिए लव लेटर है'
Habits That Harm The Liver: कहीं आप भी तो सुबह-सुबह नहीं करते यह गलती? तुरंत कर लें सुधार, वरना खराब हो जाएगा लिवर
कहीं आप भी तो सुबह-सुबह नहीं करते यह गलती? तुरंत कर लें सुधार, वरना खराब हो जाएगा लिवर
एक भी पैसा नहीं लगेगा और लाखों में होगी कमाई, ये बिजनेस किए तो हो जाएंगे मालामाल
एक भी पैसा नहीं लगेगा और लाखों में होगी कमाई, ये बिजनेस किए तो हो जाएंगे मालामाल
लहंगा चुनरी पहन गरबा करने लगी डॉगी, डांडिया वाले मूव्स देख आप भी हो जाएंगे फैन
लहंगा चुनरी पहन गरबा करने लगी डॉगी, डांडिया वाले मूव्स देख आप भी हो जाएंगे फैन
Embed widget