P Chidambaram: संविधान संशोधन बिल पर फायर हुए पी चिदंबरम, बोले- 'कोई आरोप नहीं, कोई मुकदमा नहीं, कोई दोषसिद्धि नहीं, लेकिन...'
P Chidambaram: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि आजकल निचली अदालतें जमानत कम ही देती हैं और हाई कोर्ट भी इसमें आनाकानी कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में हर महीने हज़ारों जमानत याचिकाएं आती हैं.

संसद के मानसून सत्र के दौरान बुधवार (20 अगस्त, 2025) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 3 बिल पेश किए, जिन पर विपक्ष ने भारी बवाल काटा. इसी को लेकर गुरुवार (21 अगस्त 2025 ) को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद पी. चिदंबरम ने भी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने इन बिलों को असाधारण और स्पष्ट रूप से असंवैधानिक बताया है.
पी चिदंबरम ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि अगर किसी गिरफ्तार मुख्यमंत्री को 30 दिनों में जमानत नहीं मिलती तो वह मुख्यमंत्री नहीं रहेगा. क्या आपने कानूनी दुनिया में इससे ज्यादा अजीबोगरीब बात सुनी है. वरिष्ठ वकील चिदंबरम ने कहा कि कोई आरोप नहीं, कोई मुकदमा नहीं, कोई दोषसिद्धि नहीं, लेकिन चुनाव में जनता का फैसला महज एक गिरफ्तारी (आमतौर पर फ़र्ज़ी आरोपों पर) से पलट दिया जाएगा.
The government introduced an extraordinary and patently unconstitutional Bill In the Lok Sabha yesterday
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 21, 2025
If an arrested Chief Minister does not get bail in 30 days, he will cease to be Chief Minister!
Have you heard of anything more bizarre in the legal world?
No charges, no…
पी चिदंबरम ने उठाए कई सवाल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि आजकल निचली अदालतें ज़मानत कम ही देती हैं और हाई कोर्ट भी इसमें आनाकानी कर रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हर महीने हज़ारों ज़मानत याचिकाएं आती हैं. इस प्रक्रिया में कई हफ़्ते लगेंगे. इस बीच 30 दिन बीत जाएंगे और चुनी हुई सरकार अस्थिर हो जाएगी. क्या इससे ज्यादा गैरकानूनी, असंवैधानिक, लोकतंत्र-विरोधी और संघीय-विरोधी कुछ हो सकता है?.
अमित शाह ने बताया क्यों लाया गया बिल ?
अमित शाह ने कल विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच लोकसभा में विधेयक पेश किया, जिसे बाद में संयुक्त समिति को भेज दिया गया. इसमें लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य शामिल होंगे. गृह मंत्री शाह ने कहा है कि कानून लाने का उद्देश्य गिरते नैतिक मानकों को ऊपर उठाना और राजनीति में ईमानदारी बनाए रखना है.
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