Delhi Mayor Election: एलजी को सीएम केजरीवाल की दूसरी चिट्ठी, कई मामलों में सरकार की अनदेखी करने का आरोप
Delhi News: केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में उपराज्यपाल पर बाकी विषयों में भी दखलअंदाजी करने का आरोप लगाया.

CM Arvind Kejriwal Letter: दिल्ली के उपराज्यपाल और केजरीवाल सरकार के बीच एक बार फिर से ठन गई है. एलजी विनय सक्सेना की ओर से 10 एल्डरमेन पार्षद और पीठासीन अधिकारी नियुक्त किए जाने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का जारी है. एलजी कार्यालय की ओर से जारी बयान के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को एक और पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने एलजी पर राज्य सरकार की अनदेखी करने का आरोप लगाया है.
एलजी पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "संविधान का सम्मान करें और चुनी हुई सरकार को दिल्ली के 2 करोड़ लोगों के सपनों को पूरा करने दें." सीएम केजरीवाल ने कहा, "उपराज्यपाल ने गलत तरीके से एमसीडी में 10 सदस्यों को नामित कर दिया, जबकि अब तक दिल्ली सरकार सदस्य नामित करती थी."
शासन में अजीब चीजें हो रहीं- केजरीवाल
केजरीवाल ने लिखा, "भारत की राजधानी दिल्ली में संविधान के मुताबिक लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार है, लेकिन शासन में अजीब चीजें हो रही हैं. संविधान के मुताबिक तीन 'आरक्षित विषयों (पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि) को छोड़कर अन्य सभी विषयों पर कार्यकारी नियंत्रण निर्वाचित सरकार के पास होता है. माननीय उपराज्यपाल का तीन आरक्षित विषयों पर कार्यकारी नियंत्रण है."
LG office has issued a statement that Hon’ble LG directly appointed 10 aldermen and presiding officer becoz in DMC Act, it is written that “Administrator shall appoint…”
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 7, 2023
My letter to Hon’ble LG on this subject… pic.twitter.com/rCtrFTGm66
LG पर दखलअंदाजी करने का आरोप लगाया
केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में उपराज्यपाल पर बाकी विषयों में भी दखलअंदाजी करने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा, "उपराज्यपाल हर विषय पर प्रत्यक्ष आदेश जारी कर देते हैं, भले ही वह विषय आरक्षित हो या स्थानांतरित. भले ही एलजी के पास ऐसा करने की शक्तियां हों या नहीं." सीएम ने कहा, "उपराज्यपाल, मुख्य सचिव को निर्देश जारी करते हैं, जो दिल्ली की चुनी हुई सरकार को दरकिनार और नजरअंदाज करते हुए लागू करवाते हैं."
एलजी दफ्तर ने क्या कहा था?
इससे पहले एलजी के कार्यालय ने 10 पार्षदों की नियुक्ति को जायज बताया था. एलजी दफ्तर ने कहा था, "DMC एक्ट 1957 में लिखा है कि 25 वर्ष से ऊपर के वह 10 लोग जिनको म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन में खास जानकारी या अनुभव है, इनको एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त करेंगे. एक्ट में लिखा है कि एडमिनिस्ट्रेटर मतलब दिल्ली के उपराज्यपाल. यही तथ्यात्मक, कानूनी और संवैधानिक प्रावधान है.''
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Source: IOCL























