![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
CJI DY Chandrachud: ’इसे बचाना होगा’, वैदिक यूनिवर्सिटी में CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने पांडुलिपि पर क्या कहा?
CJI Chandrachud On Manuscripts: आंध्र प्रदेश के तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पांडुलिपि ज्ञान पर जोर देने के लिए कहा.
![CJI DY Chandrachud: ’इसे बचाना होगा’, वैदिक यूनिवर्सिटी में CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने पांडुलिपि पर क्या कहा? CJI DY Chandrachud Visit Vedic University and Raises preserving and digitising ancient manuscripts for posterity CJI DY Chandrachud: ’इसे बचाना होगा’, वैदिक यूनिवर्सिटी में CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने पांडुलिपि पर क्या कहा?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/28/7761354a60f784f313af27f9498b3c101711596572669426_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
DY Chandrachud In Vedic University: भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने प्राचीन भारतीय पांडुलिपियों में छिपे वैज्ञानिक ज्ञान को भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित करने का आह्वान किया है. बुधवार (27 मार्च) को तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय (एसवीवीयू) परिसर की अपनी यात्रा के दौरान, सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ उस लाइब्रेरी में पहुंचे जो हजारों प्राचीन ताड़ के पत्तों की पांडुलिपियों को संरक्षित करती है और शोधकर्ताओं के लाभ के लिए सामग्री को डिजिटल बनाती है.
इस दौरान उन्होंने जोर देते हुए कहा, "हजारों साल पहले महान ऋषियों और विद्वानों द्वारा लिखे गए वेदों, आगमों, पुराणों, न्याय और दर्शनों में प्राचीन दस्तावेजों के रूप में उपलब्ध ज्ञान के खजाने को भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुलभ बनाने की जरूरत है." वैदिक विश्वविद्यालय की स्थापना और डिजिटलीकरण परियोजना के लिए टीटीडी की सराहना करते हुए, उन्होंने प्राचीन ताड़ के पत्ते के शिलालेखों के संरक्षण और डिजिटलीकरण के लिए एक राष्ट्रीय मिशन का आह्वान किया.
सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ ने तिरुपति के वेंकटेश्वर मंदिर में की पूजा-अर्चना
डीवाई चंद्रचूड़ पहले तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे और वहा पर पूजा-पाठ किया. इस दौरान आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस धीरज सिंह ठाकुर ने उनका स्वागत किया. साथ ही मंदिर के पुजारियों ने भी उनका स्वागत किया.
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्हें ये जानकर बेहद ही खुशी हुई है कि प्राचीन पांडुलिपियों को सुरक्षित रखा जा रहा है. इसके साथ ही सीजेआई ने वहां प्राचीन कानून के ग्रंथों के बारे में भी सीखा. उन्होंने इस बात पर रोशनी डालते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने उन्हें प्रचीन सभ्यता में कानून और अन्य बारीकियों के बारे में बताया.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)