केंद्र सरकार ने पुलिस फोर्स के लिए बनाई नई सोशल मीडिया पॉलिसी, कहा- आलोचना को महत्व दें और अफवाह नहीं फैलाएं
केंद्र सरकार ने पुलिस फोर्स के लिए एक सोशल मीडिया पॉलिसी तैयार की है. इसमें पुलिस से आलोचना को से महत्व देने, अफवाहों को फैलाने से बचने और सोशल मीडिया यूजर्स के साथ बहस नहीं करने के लिए कहा गया है.

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने देशभर की पुलिस फोर्स के लिए एक सोशल मीडिया पॉलिसी तैयार की है. इस पॉलिसी में पुलिस फोर्स में काम करने वाले लोगों को आलोचना और प्रशंसा को समान रूप से महत्व देने के लिए कहा है. इसके साथ ही सोशल मीडिया का उपयोग करते समय अनवैरीफाइड फैक्ट्स और भड़काऊ या भ्रामक अफवाहों को फैलाने से बचने के लिए भी कहा गया है.
गृह मंत्रालय के पुलिस थिंक-टैंक, ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (BPRD) द्वारा तैयार की गई पॉलिसी पिछले महीने सभी राज्यों को शेयर की गई है. यह पॉलिसी पुलिस अधिकारियों को सोशल मीडिया के उपयोग को प्रोत्साहित करती है. इसमें अधिकारियों से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने और विभाग के काम के बारे में जानकारी देने की बात कही गई है लेकिन उन्हें किसी भी "पॉलिटिकल एक्टिविटीज या प्राइवेट बिजनेस" कंडक्ट करने के बारे में सतर्क किया गया है.
पॉलिसी के मुताबिक "पुलिस अधिकारियों की ऑनलाइन गतिविधि काम के घंटों के दौरान या एजेंसी इक्विमेंट्स का उपयोग मुख्य रूप से काम से संबंधित होना चाहिए"
पर्सनल सोशल मीडिया अकाउंट्स पर विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र
राज्यों और केंद्र के पुलिस बलों के लिए "पुलिस संगठनों के लिए सोशल मीडिया नीति" में क्या करें और क्या नहीं करे पर का एक बड़ा दस्तावेज है. सेना के पास पहले से ही 2005 से अपनी सोशल मीडिया नीति है.
पुलिस कर्मियों के पर्सनल सोशल मीडिया अकाउंट्स पर, बीपीआरडी नीति कहती है कि "विभाग के कर्मी सोशल मीडिया साइटों पर नागरिक के रूप में निजी विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं. उनके स्पीच से विभाग के कामकाजी संबंधों को असर नहीं पड़ना चाहिए जिसके लिए निष्ठा और गोपनीयता महत्वपूर्ण है. इसमें सहकर्मियों के बीच अनुशासन और सद्भाव बिगाड़ना, या विभाग की पब्लिक इमेज नेगेटिव रूप से प्रभावित नबीं होनी चाहिए. " इसमें कहा गया है कि पुलिस कर्मियों को उन संदेशों को पोस्ट नहीं करना चाहिए जो अदालती कार्यवाही, अपमानजनक, मानहानि , हानिकारक, अश्लील, नस्लीय, आक्रामक और गैरकानूनी हो सकते हैं.
सोशल मीडिया पर यूजर्स के साथ बहस करने से बचें
पॉलिसी में कहा गया है कि पुलिस अधिकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे कि फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम या अन्य अकाउंट का उपयोग करते हैं, उन्हें सोशल मीडिया यूजर्स या फॉलोअर्स साथ बहस नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, उपयोगकर्ता से नेगेटिव पोस्ट का जवाब देते समय पुलिस को फैक्ट कते बारे में बताना चाहिए. कई विशेषज्ञों ने इस पॉलिसी का स्वागत स्वागत किया है.
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