दिल्ली के छावला थाना क्षेत्र में सामने आया गोकशी का मामला, गुस्से में लोगों ने की पिटाई, एक शख्स की मौत
इस मामले में पुलिस की ओर से गोकशी में शामिल लोगों ने जो शिकायत दी है, उसमें यह स्वीकार किया गया है कि वे गोकशी में शामिल थे.
दिल्ली के द्वारका जिले के छावला इलाके में गौकशी के आरोप में कुछ लोगों ने एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी है. मृतक व्यक्ति का नाम राजाराम है. मामले की छानबीन में बाद पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और अभी जांच चल रही है. बता दें कि राजाराम बिहार का रहने वाला है. वह द्वारका जिले के छावला इलाके में स्थित एक फार्म हाउस में रखवाली का काम करता था, साथ ही साथ गाय पालकर दूध बेचने का काम करता था.
5 लोगों को किया गया गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार सोमवार रात 2 बजे द्वारका के छावला थाना क्षेत्र स्थित फार्म हाउस में गौकशी का मामला सामने आया था. जिसके बाद आईपीसी की धारा 429/120/120B/34 के तहत मामला दर्ज कर 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के दौरान एक आरोपित व्यक्ति मोहम्मद शानू ने शिकायत दर्ज करवाई.
इसमें कहा गया कि गौकशी की घटना के दौरान उसको और उसके साथियों को कुछ लोगों ने मारा पीटा और धमकाया है. इस शिकायत पर आईपीसी की धारा 323/337/341/506/34 के तहत FIR रजिस्टर की गई है. पुलिस के मुताबिक राजाराम भी गौकशी में आरोपी था. उसकी हालत गंभीर थी और इसे देखते हुए RTRM अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. इस मामले में आईपीसी की धारा 302 को भी जोड़ा गया है. पुलिस जांच कर रही है.
मृतक की पत्नी को घटना की जानकारी नहीं
मृतक राजाराम की पत्नी जासु देवी ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया कि वह लोग यहां इस फार्म हाउस में पिछले 2 साल से रह रहे हैं. उनके पति पहले रिक्शा चलाते थे, बीमार होने की वजह से रिक्शा चलाना छोड़ दिया, इसके बाद गाय पालकर दूध बेचने का काम शुरू किया इसी से उनका गुजारा चल रहा था.
गौ तस्करी के आरोप को पत्नी ने किया इनकार
गौ तस्करी के आरोप को राजाराम की पत्नी ने इनकार किया है. जासु देवी कहती हैं, "यहां ऐसा कुछ भी नहीं होता था. मेरे पति की तबीयत बहुत ज्यादा खराब रहती थी. वह बहुत ज्यादा बीमार रहते थे उनका इलाज चल रहा था." मंगलवार रात की घटना का जिक्र करते हुए वे बताती हैं कि उन्हें इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है.
वह कहती हैं कि आखिरी बार मेरी अपने पति से खाना खाने के बाद बस इतनी ही बात हुई थी. उन्होंने कहा कि मुझे बिस्तर दे दो और मैंने बाहर उनका बिस्तर लगाया क्योंकि वो बाहर खुले में सोते थे. उसके बाद हम लोग अंदर जाकर सो गए. वह बाहर सो रहे थे इसलिए वहां क्या हुआ हमें पता नहीं चल पाया.
सुबह जब मुझे किसी ने उठाया मैं उठी और उठते ही मैंने अपने जानवरों को चारा देना शुरू कर दिया. मैंने सुबह अपने पति को नहीं देखा मुझे नहीं पता कि वह कहां हैं. सुबह जब पुलिस वाले आए और उन्होंने पूछा तब मुझे पता चला कि मेरे पति यहां नहीं हैं. वे आगे कहती हैं कि पुलिस वालों ने मुझे बताया कि तुम्हारा पति अस्पताल में भर्ती है. अस्पताल में भर्ती होने की वजह क्या है क्या कारण है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई.
किसी से नहीं है कोई दुश्मनी
किसी से कोई दुश्मनी या रंजिश को लेकर वे कहती हैं कि हमारी किसी से कोई पुरानी दुश्मनी नहीं है. हम 2 साल से अपना गुजर-बसर कर रहे थे. मृतक राजाराम के एक अन्य परिचित उमेश बताते हैं कि पुलिस ने उनके एडमिट होने की जानकारी नहीं दी. वे कहती हैं कि जब मैं सुबह यहां आया तो यह सभी लोग परेशान थे वह कहां है इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. अभी तक मेरे पास भी कोई जानकारी नहीं है कि राजाराम कहां है. पुलिस वालों तक ने कोई जानकारी नहीं दी है कि आखिर वह व्यक्ति किस हॉस्पिटल में एडमिट है कहां है.
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