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Canada : 'खालिस्तानी तत्वों पर कार्रवाई करें नहीं तो देर हो जाएगी’, कनाडा के नेताओं की जस्टिन ट्रूडो को चेतावनी
Khalistani In Canada: कनाडा के राजनेताओं ने पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि अगर खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो काफी देर हो जाएगी. इसका नुकसान होगा.
![Canada : 'खालिस्तानी तत्वों पर कार्रवाई करें नहीं तो देर हो जाएगी’, कनाडा के नेताओं की जस्टिन ट्रूडो को चेतावनी Canada leaders letter against Prime Minister Justin Trudeau suggest to take action against khalistani elements Canada : 'खालिस्तानी तत्वों पर कार्रवाई करें नहीं तो देर हो जाएगी’, कनाडा के नेताओं की जस्टिन ट्रूडो को चेतावनी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/29/9a8bac2ec5626a9d8bdf60842197b25d1701242569474860_original.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Khalistani Elements In Canada: कनाडा में लगातार भारत के खिलाफ बढ़ती गतिविधियों को लेकर वहां के राजनेताओं ने भी अब सरेआम नाराजगी जतायी है. विभिन्न हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ के लिए खालिस्तान समर्थक तत्वों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने पर निराशा व्यक्त करते हुए कनाडा-इंडिया फाउंडेशन ने देश के राजनेताओं से अपनी चुप्पी तोड़ने और इन कट्टरपंथियों पर लगाम लगाने को कहा है.
न्यूज एजेंसी IANS की रिपोर्ट के मुताबिक राजनेताओं ने लिखा है कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, कार्रवाई की जानी चाहिए. शीर्ष भारतीय-कनाडाई वकालत संस्था ने राजनेताओं को लिखे एक खुले पत्र में कहा, “हिंसा में विश्वास रखने वाले चरमपंथियों के एक समूह की ओर से हमारे समुदाय को जारी की गई धमकियों ने हाल ही में खतरनाक रूप ले लिया है. ऐसे ही एक स्वयंभू चरमपंथी नेता ने कनाडाई लोगों को नवंबर के महीने में एयर इंडिया से यात्रा न करने की चेतावनी जारी की थी." पत्र में कहा गया है कि आश्चर्य है कि कनाडाई राजनेताओं और मीडिया ने इस खतरे को क्यों नजरअंदाज कर दिया है.
नेताओं की चुप्पी से निराशा
संस्था ने पत्र में लिखा, “हम और भी अधिक निराश हैं कि हमारे राजनीतिक नेताओं ने इस गंभीर मुद्दे पर पूरी तरह से चुप्पी बनाए रखी है. आतंकवाद और खतरों से निपटने का यह सेलेक्टिव नजरिया इस दुनिया को एक सुरक्षित जगह नहीं बनाएगा. इस पर चुप्पी से अंततः नुकसान ही होने वाला है.
कई मंदिरों पर हो चुके हैं हमले
कनाडा में कई मंदिरों पर हाल में हमले हुए हैं. इनमें मिसिसॉगा में राम मंदिर, रिचमंड हिल में विष्णु मंदिर, टोरंटो में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर, सरे में लक्ष्मी नारायण मंदिर जैसे हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ हुई है. पत्र में कहा है कि इन हमलो को को धर्म की स्वतंत्रता पर हमला माना जाएगा. यह एक एक खतरनाक प्रवृत्ति है.
संगठन ने कहा, "चरमपंथियों ने यहां तक कि आम हिंदुओं को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है और उन्हें कनाडा छोड़ देने को कहा है." मिसिसॉगा के कालीबाड़ी मंदिर में 25 नवंबर को हुई नवीनतम घटना पर प्रकाश डालते हुए, पत्र में कहा गया है कि भारतीय राजनयिक कर्मचारियों को ताजा धमकियां भारत-कनाडाई समुदाय को प्रभावित करेंगी और द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति में बाधा डालेंगी. इस दौरान खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा वरिष्ठ नागरिकों की एक विशेष सेवा को बाधित कर दिया था.
हिंसक एजेंडे वाले लोगों के साथ बच्चों की तरह नरम व्यवहार
पत्र में लिखा है कि कनाडा सरकार, उसकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों और मीडिया से हिंदुओं को निशाना बनाए जाने को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. कनाडा-इंडिया फाउंडेशन ने कहा, “हमने तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री को अलग से लिखा है. ऐसे हिंसक एजेंडे वाले लोगों के साथ बच्चों की तरह नरम व्यवहार नहीं किया जाता है."
आपको बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर नाम के खालिस्तानी उग्रवादी की हत्या को लेकर भारतीय खुफिया एजेंसियों पर आरोप लगाए थे. इसके बाद से कनाडा से भारत के रिश्ते तल्ख रहे हैं. हालांकि हाल में दोनों देशों के रिश्तों में सुधार हुआ है, लेकिन कनाडा में हिन्दू मंदिरों और समुदाय के खिलाफ हमले बढ़ रहे हैं.
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