एक्सप्लोरर

सीमावर्ती इलाकों में सड़क निर्माण करने वाले BRO के बारे में जानें सबकुछ

बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइज़ेशन सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण का काम करता है. यह बीआरओ द्वारा बनाई गई सड़कें ही हैं जिनसे गुजर कर भारतीय सेना और अन्य अर्ध सैनिक बलों को राष्ट्रीय सुरक्षा में मदद मिलती है.

देश की सरहद की रक्षा में लगी सेना, वायुसेना, नौसेना, आईटीबीपी, बीएसएफ, एसएसबी और अन्य अर्ध सैनिक बलों की बात तो अक्सर चर्चा में आती है. लेकिन इन सबके साथ एक ऐसा संगठन भी है जो हमेशा सीमा की रक्षा में विशेष भूमिका निभाता है लेकिन उसकी चर्चा कम ही होती है. ये है बीआरओ यानी बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइज़ेशन.

विषम परिस्थितियों में काम करने वाले बीआरओ की वजह से ही सेना और अन्य अर्ध सैनिक बलों को सीमा तक पहुंचने और सरहद की रक्षा करने में मदद मिलती है. एबीपी न्यूज़ आपको उत्तराखंड के चमोली ज़िले से पहाड़ों पर बीआरओ के योगदान की कहानी बताएगा और बताएगा कि कैसे बीआरओ मातृभूमि की रक्षा के लिए अनवरत काम करती है.

बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइज़ेशन वो संगठन है जो सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण का काम करता है. बीआरओ आम तौर पर पाकिस्तान और चीन से लगी सीमाओं के इलाक़ों में सड़क बनाकर सुरक्षाबलों की बड़ी मदद करता है.

सीमावर्ती इलाकों में सड़क निर्माण करने वाले BRO के बारे में जानें सबकुछ  बीआरओ की पंचलाइन है "श्रमेव सर्वं साध्यम" यानी श्रम से सबकुछ किया जा सकता है. इसी मोटो के साथ बीआरओ 12 महीने विषम परिस्थितियों में सीमावर्ती क्षेत्रों में काम करती है. इस संगठन में बॉर्डर रोड इजीनियरिंग सर्विस और जनरल रिज़र्व इंजीनियर फोर्स से जुड़े अधिकारी भी काम करते हैं. इसके अलावा सेना की इंजीनियरिंग कोर से भी अधिकारियों को बीआरओ में तैनात किया जाता है.

भारत के मित्र देशों में भी काम करता है बीआरओ  बीआरओ न सिर्फ भारत में बल्कि भारत के कुछ मित्र देशों में भी निर्माण के काम में बड़ी भूमिका निभाता है. इस संगठन को 1960 में स्थापित किया गया था और तबसे हज़ारों किलोमीटर की सड़क बनाकर बीआरओ ने देश रक्षा में बड़ी भूमिका निभाई है.

बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइज़ेशन यानी बीआरओ कैसे काम करता है, किन परिस्थितियों में अपनी भूमिका का निर्वहन करता है, ये समझने के लिए एबीपी न्यूज़ की टीम उत्तराखंड के चमोली पहुंची. उत्तराखंड का 350 किलोमीटर का हिस्सा चीन से लगता है. इसमें सबसे ऊपर उत्तरकाशी, फिर चमोली और अंत में पिथौरागढ़ ज़िला है.

चमोली से चीन की सीमा 100 किलोमीटर की है. ऐसे में जोशीमठ से 2 रास्ते चीन की तरफ जाते हैं. एक रास्ता जोशीमठ से माणा के रास्ते बॉर्डर तक जाता है तो दूसरा रास्ता मलारी से आगे सीमा तक जाता है. जोशीमठ से बद्रीनाथ धाम से आगे माणा गांव है. ये गांव भारत का आख़िरी गांव कहा जाता है. इसके बाद सिर्फ सेना और आईटीबीपी के कैम्प ही हैं.

सीमावर्ती इलाकों में सड़क निर्माण करने वाले BRO के बारे में जानें सबकुछ

अब आपको समझाते हैं सीमा तक का रास्ता. जोशीमठ से बद्रीनाथ की दूरी 45 किलोमीटर है. बद्रीनाथ से माणा की दूरी 3 किलोमीटर और माणा पास यानी सीमा क्षेत्र माणा से 55 किलोमीटर दूर स्थित है.

वहीं दूसरी तरफ जोशीमठ से मलारी की दूरी 65 किलोमीटर है. मलारी से 2 रास्ते चीन की तरफ जाते हैं. एक रास्ता नीति गांव से बॉर्डर तक गया है जिसकी दूरी 60 किलोमीटर है. वहीं मलारी से दूसरा रास्ता रिमखिम पोस्ट तक है, जो क़रीब 40 किलोमीटर दूर है. ऐसे में इन सभी रास्तों पर बीआरओ सड़क निर्माण का काम कर रहा है.

सबसे पहले आपको जोशीमठ से बद्रीनाथ धाम के रास्ते पर ले चलते हैं. जोशीमठ से बद्रीनाथ 45 किलोमीटर दूर है. ये रास्ता यात्रियों के लिए भी है और सुरक्षाबलों के लिए भी. ऐसे में भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए जोशीमठ से बद्रीनाथ जाने वाले रास्ते को चौड़ा किया जा रहा है.

लॉकडाउन की वजह से बाधित हुआ था सड़कों को चौड़ा करने का काम रास्ते को चौड़ा करने का काम लॉकडाउन की वजह से बाधित हुआ था लेकिन अब ज़ोरशोर से काम को आगे बढ़ाया जा रहा है. जगह-जगह आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं. पहले चौड़ीकरण करने के लिए पहाड़ तोड़े जाते थे. इसके लिए ब्लास्ट का तरीक़ा अपनाया जाता था. इस तरीक़े से प्रकृति को बहुत नुकसान होता था. अब तकनीक बदलकर आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं, जो पत्थर को तोड़कर रास्ता बनाती हैं.

पहाड़ों पर भूस्खलन बड़ी समस्या है. आये दिन मौसम की मार से पहाड़ खिसक जाते हैं. ऐसे में आवागमन तो बाधित होता ही है, कई बार पहाड़ों के मलबे से सड़कों को ख़ासा नुकसान हो जाता है. ऐसे में बीआरओ जगह-जगह सुरक्षा के कई ऐसे उपाय करता है, जिससे सड़क को कम से कम नुकसान हो.

भारत की दो टूक, सीमा पर चीनी सेना की तैनाती कम हुए बिना विश्वास बहाल नहीं हो सकता, जारी रहेगी बातचीत

बद्रीनाथ जाने वाले रास्ते पर सड़क निर्माण का काम चल रहा है. कुछ समय पहले लैंडस्लाइड से सड़क का एक हिस्सा टूट गया था. ऐसे में ऊपर पहाड़ पर जाली लगाकर ऐसे उपाय किये गए हैं, जिससे भूस्खलन का ख़तरा भी कम हो और सड़क भी सुरक्षित रहेंगे.

इसी तरह पहाड़ों के नीचे कई बड़ी नदियां अपनी धार के साथ बहती हैं. ऐसे में सीमा को जोड़ने वाली सड़कों पर स्थायी पुल बनाये जाने बेहद ज़रूरी थे. ऐसे में अब सीमावर्ती इलाक़ों में नदियों के ऊपर कई जगह लोहे के पुल बनाये गए हैं तो कुछ सीमेंट से स्थायी पुल बना दिये गए हैं.

बहुत जरूरी है पुलों की मौजूदगी पुलों की मौजूदगी हमेशा सुरक्षबलों के लिए बड़ी सौगात होती है क्योंकि आम दिनों में रसद लाने ले जाने में सहूलियत होती है तो तनाव वाले दिनों में इन्हीं रास्तों से ज़रूरत की सभी चीज़ें सीमा तक पहुंचाई जाती हैं.

जोशीमठ से एक रास्ता मलारी तक जाता है. मलारी तक आम लोगों को जाने की अनुमति है. इसके आगे जाने के लिए सेना और आईटीबीपी की अनुमति ज़रूरी होती है. मलारी से दो रास्ते चीन सीमा की तरफ जाते हैं. एक रास्ता नीति गांव से बड़ाहोती तक जाता है और दूसरा रास्ता भारत की आख़िरी रिमखिम पोस्ट तक. इस रास्ते को लगभग पूरा ठीक कर दिया गया है.

सीमावर्ती इलाकों में सड़क निर्माण करने वाले BRO के बारे में जानें सबकुछ

मलारी तक कि सड़क 2 लेन की बनी है तो उसके आगे कहीं 2 लेन है तो कहीं सिंगल लेन. कहते हैं 1962 के युद्ध में सेना के लिए सबसे बड़ी चुनौती सड़कों की ग़ैरमौजूदगी की वजह से खड़ी हुई थी. ऐसे में अब नए भारत में सड़कों का ऐसा जाल सीमा तक पहुंच गया है, जिससे दुश्मन को जवाब देने में अब सेना को कोई दिक्कत न हो.

ऐसे में हम कह सकते हैं कि 1962 के युद्ध से सीख लेते हुए अब हमने वे सब तैयारियां कर ली हैं, जो पहले नहीं थीं. अब अगर कभी आपात स्थिति आती भी है तो भी भारत हर स्तर पर तैयार है कि दुश्मन को माक़ूल जवाब दे सके. इस तैयारी में बीआरओ का योगदान भी बेहद सराहनीय है.

यह भी पढ़ें:

पाकिस्तान से आए आतंकी हमले की धमकी के बाद मुंबई में हाई अलर्ट, जानें कैसी है सुरक्षा व्यवस्था

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
मध्य प्रदेश के सिवनी में बिजली लाइन से टकराया ट्रेनी विमान, पायलट समेत दो घायल
मध्य प्रदेश के सिवनी में बिजली लाइन से टकराया ट्रेनी विमान, पायलट समेत दो घायल
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
IND vs SA T20 Head to Head: भारत या दक्षिण अफ्रीका, जानिए हेड टू हेड में किसका पलड़ा भारी; किसने नाम सबसे ज्यादा रन और विकेट
भारत या दक्षिण अफ्रीका, जानिए हेड टू हेड में किसका पलड़ा भारी; किसने नाम सबसे ज्यादा रन और विकेट

वीडियोज

Indian Rupee Hits Record Low: गिरते रुपये पर चर्चा से भाग रही सरकार? देखिए सबसे सटीक विश्लेषण
Indigo Crisis:'अच्छे से बात भी नहीं करते' 6वें दिन भी इंडिगो संकट बरकरार | DGCA | Civil Aviation
LIVE शो में AIMIM प्रवक्ता पर क्यों आग बबूला हो गए Rakesh Sinha? | TMC | Vande Mataram Controversy
'Nehru नहीं होते तो...' Vande Matram चर्चा पर Priyanka Gandhi ने Lok Sabha में क्या कहा? सुनिए
Khabar Filmy Hain: Dharmendra को याद कर क्यो रोए सलमान

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
मध्य प्रदेश के सिवनी में बिजली लाइन से टकराया ट्रेनी विमान, पायलट समेत दो घायल
मध्य प्रदेश के सिवनी में बिजली लाइन से टकराया ट्रेनी विमान, पायलट समेत दो घायल
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
IND vs SA T20 Head to Head: भारत या दक्षिण अफ्रीका, जानिए हेड टू हेड में किसका पलड़ा भारी; किसने नाम सबसे ज्यादा रन और विकेट
भारत या दक्षिण अफ्रीका, जानिए हेड टू हेड में किसका पलड़ा भारी; किसने नाम सबसे ज्यादा रन और विकेट
Hollywood OTT Releases: इस हफ्ते OTT पर हॉलीवुड का राज, 'सुपरमैन' समेत रिलीज होंगी ये मोस्ट अवेटेड फिल्में-सीरीज
इस हफ्ते OTT पर हॉलीवुड का राज, 'सुपरमैन' समेत रिलीज होंगी ये फिल्में-सीरीज
UAN नंबर भूल गए हैं तो ऐसे कर सकते हैं रिकवर, PF अकाउंट वाले जान लें जरूरी बात
UAN नंबर भूल गए हैं तो ऐसे कर सकते हैं रिकवर, PF अकाउंट वाले जान लें जरूरी बात
Benefits of Boredom: कभी-कभी बोर होना क्यों जरूरी, जानें एक्सपर्ट इसे क्यों कहते हैं ब्रेन का फ्रेश स्टार्ट?
कभी-कभी बोर होना क्यों जरूरी, जानें एक्सपर्ट इसे क्यों कहते हैं ब्रेन का फ्रेश स्टार्ट?
Video: भीड़ में खुद पर पेट्रोल छिड़क प्रदर्शन कर रहे थे नेता जी, कार्यकर्ता ने माचिस जला लगा दी आग- वीडियो वायरल
भीड़ में खुद पर पेट्रोल छिड़क प्रदर्शन कर रहे थे नेता जी, कार्यकर्ता ने माचिस जला लगा दी आग- वीडियो वायरल
Embed widget