अरुण जेटली को मुश्किल वक्त का साथी बताकर भावुक हुए अमित शाह, कहा- उनके निधन से अत्यंत दुखी हूं
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन को बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने निजी क्षति बताया है. शाह आज हैदराबाद के दौरे पर थे, जेटली के निधन की खबर सुनने के बाद दिल्ली वापस लौटे और उन्होंने श्रद्धांजलि दी.

नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए गृहमंत्री अमित शाह भावुक हो गए. उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि जब-जब भी मेरे ऊपर संकट आया हमेशा जेटली साथ खड़े रहे और ढांढस बंधाया. इस दौरान अमित शाह की आंखें नम हो गई.
अमित शाह ने कहा, ''अरुण जेटली का नहीं रहना हम सब देशभर के बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए सहन नहीं होने वाला आघात है. जेटली 70 के दशक से काम कर रहे थे. इमरजेंसी के दौरान 19 महीने तक जेल में रहे. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के अंदर ढेर सारी जन समस्याओं को उन्होंने उठाया, भ्रष्टाचार के मामले उठाए. एक सांसद के नाते भी जनता की आवाज बने.''
उन्होंने कहा, ''जनधन, नोटबंदी, जीएसटी को लागू करने में भूमिका निभाई. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रक्षा मंत्री और वित्त मंत्रालय का दायित्व उन्होंने निभाया. आज एक अच्छे प्रशासक को भारत के लोकतंत्र ने गंवाया है.''
गृहमंत्री ने कहा, ''मेरे व्यक्तिगत जीवन में जब-जब भी संकट आए अरुण जेटली साथ खड़े रहे और उन्होंने ढांढस बंधाया. परिवार को भी कई बार संकट के दिनों में हौसला दिया. कई कार्यकर्ताओं को भी इसी तरह का लाभ मिला. प्रभु उनकी आत्मा को शांति दे.''
अमित शाह ने जेटली के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और परिवार वालों के प्रति संवेदना जताई. इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''अरुण जेटली के निधन से अत्यंत दुःखी हूँ, जेटली जी का जाना मेरे लिये एक व्यक्तिगत क्षति है. उनके रूप में मैंने न सिर्फ संगठन का एक वरिष्ठ नेता खोया है बल्कि परिवार का एक ऐसा अभिन्न सदस्य भी खोया है जिनका साथ और मार्गदर्शन मुझे वर्षो तक प्राप्त होता रहा.''
With a heavy heart, paid tributes to Arun Jaitley ji. Offered my condolences to his family. pic.twitter.com/AJYmYackRc
— Amit Shah (@AmitShah) August 24, 2019
उन्होंने कहा, ''मोदी सरकार के 2014-19 के कार्यकाल के दौरान देश के वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी और मोदी जी की गरीब कल्याण की परिकल्पनाओं को जमीन पर उतारा और हिन्दुस्तान को विश्व की सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में प्रतिष्ठित किया.''
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Source: IOCL





















