'रामचरित मानस' पर विवाद जारी, RJD के नेता आए आमने-सामने, कोई सहमत तो कोई खिलाफ
Bihar News: राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने महात्मा गांधी भी राम को मानते थे. जब उनकी हत्या हुई तो उनके मुंह से निकले आखिरी शब्द 'हे राम' थे इसलिए 'रामचरितमानस' में बहुत सारी अच्छी बातें हैं .

Ramcharitmanas Controversy: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह की रामचरितमानस पर की गई टिप्पणी के बाद सत्तारूढ़ महागठबंधन में शामिल आरजेडी के नेता ही आमने-सामने आते दिख रहे हैं. कोई सिंह के बयान से सहमति जता रहा है तो कोई असहमत है. आरजेडी के प्रदेश प्रमुख जगदानंद सिंह के चंद्रशेखर सिंह का समर्थन करने के बाद, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने सार्वजनिक रूप से अपनी असहमति जाहिर की है.
चंद्रशेखर सिंह ने कथित तौर पर रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था. पार्टी मुख्यालय में जगदानंद सिंह के साथ बैठे तिवारी ने कहा कि 'राम चरित मानस' पर आपत्ति जताने का पार्टी में कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, ''मैं जगदानंद सिंह के बयान से सहमत नहीं हूं. अगर पार्टी ने रामचरितमानस और राम पर आपत्ति जताने का फैसला किया है तो तेजस्वी यादव की उपस्थिति में एक बैठक आयोजित की जानी चाहिए और तब निर्णय लिया जाना चाहिए.''
'महात्मा गांधी भी मानते थे राम को'
तिवारी ने समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया का हवाला देते हुए कहा कि वह राम को 'महापुरुष' मानते थे. उन्होंने कहा, ''वह राम के नाम पर मेले का आयोजन करते थे. प्रसिद्ध चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन ने राम के सैकड़ों होर्डिंग्स बनाए. वह सार्वजनिक मंचों पर कई बार राम के प्रति अपना सम्मान व्यक्त कर चुके हैं.'' उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी भी राम को मानते थे. जब उनकी हत्या हुई तो उनके मुंह से निकले आखिरी शब्द 'हे राम' थे. इसलिए 'राम चरित मानस' में बहुत सारी अच्छी बातें हैं और बड़ी संख्या में लोग इस पर विश्वास करते हैं. उन्होंने कहा, ''हम बुद्ध के बारे में बात करते हैं, एक या दो लोगों को उनके बारे में ज्ञान है लेकिन अगर आप देश में कहीं भी राम के बारे में बात करते हैं तो गांव के अनपढ़ लोग भी आपको उनके बारे में चार-पांच कहानियां सुना देंगे.''
'इनाम की घोषणा करने वाला फर्जी संत है अपराधी'
शिवानंद तिवारी ने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री की जीभ लाने पर 10 करोड़ रुपये के इनाम की घोषणा करने वाला फर्जी संत अपराधी है. उन्होंने पूछा कि किसने उसे हिंसा फैलाने का अधिकार दिया है. उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. जगदानंद सिंह ने दो दिन की चुप्पी के बाद कहा, ''पूरी पार्टी यादव के पीछे खड़ी है और वह राम चरित मानस पर अपना बयान वापस नहीं लेंगे. उन्होंने कहा कि राजद मंडल के लोगों को कमंडल (भगवा विचारधारा) की विचारधारा वाले लोगों से हारने की अनुमति नहीं दे सकता है. हमारे पास लोहिया जी, कर्पूरी ठाकुर जी की समाजवादी विचारधारा है, जिन्होंने अपने पूरे जीवन के लिए समाजवादी मूल्यों के लिए लड़ाई लड़ी. हमारे समाजवादी नेता लालू प्रसाद यादव बीमार हैं. अब हमारे पास कोई समाजवादी क्रांतिकारी नेता नहीं है, लेकिन उन्होंने जो रास्ता दिखाया उस पर चंद्रशेखर जी राजनीति कर रहे हैं. चंद्रशेखर जी इससे डरने वाले नहीं हैं. मैं उन्हें विश्वास दिलाना चाहता हूं कि पूरा राजद परिवार उनके साथ खड़ा है. हमने हमेशा कमंडल विचारधारा के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और हम फिर से ऐसा करेंगे.''
उन्होंने कहा कि पीछे हटने की कोई जरूरत नहीं है. यादव ने बुधवार को नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के दौरान दावा किया कि 'मनुस्मृति', 'राम चरित मानस' और आरएसएस के दूसरे प्रमुख एमएस गोलवलकर के 'बंच ऑफ थॉट्स' ने समाज में नफरत फैलाई.
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Source: IOCL























