DGP द्विवेदी की नियुक्ति विवाद पर बिहार सरकार ने कहा- नियुक्ति नियम के तहत हुई है
DGP केएस द्विवेदी की नियुक्ति पर उठे विवाद पर बिहार सरकार ने सफाई दी है. सरकार का कहना है कि वरीयता के आधार पर द्विवेदी की डीजीपी के रूप में नियुक्ति नियम के तहत हुई है.

पटना: बिहार के नए DGP केएस द्विवेदी की नियुक्ति पर उठे विवाद पर राज्य सरकार ने सफाई दी है. सरकार का कहना है कि द्विवेदी की नियुक्ति नियमों के तहत हुई है. सरकार की ओर से गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि भागलपुर दंगे के दौरान के एस द्विवेदी पर जो आरोप लगे थे उसे लेकर तीन जजों की एक कमिटी बनाई गई थी. आयोग के एक ने सदस्य ने अपने रिपोर्ट में के द्विवेदी के एसपी के रूप में किये गए कार्यो की सराहना की थी, जबकि दो सदस्यों ने इसके विपरीत बातें कही थीं.
सुबहानी ने आगे कहा कि 20 दिसंबर 1996 को पटना हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए द्विवेदी के खिलाफ दो सदस्यों वाली टिप्पणी को रद्द करते हुए आदेश दिया था और कहा था कि उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाए.
आमिर ने आगे जानकारी दी कि राज्य सरकार हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई लेकिन राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया गया. सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होता है. सुप्रीम कोर्ट के इस बाध्यकारी निर्णय के बाद द्विवेदी को साल 2000 से ही नियमित प्रमोशन दिया जा रहा है.
सरकार ने आगे जानकारी दी कि लगातार मिल रहे नियमित प्रमोशन की वजह से वो 2005 में आईजी और 2011 में एडीजी बन गए. इस तरह वरीयता के आधार पर द्विवेदी की डीजीपी के रूप में नियुक्ति नियम के तहत हुई है.
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Source: IOCL






















