सरकार और विपक्ष बांद्रा मामले पर आमने-सामने, एक दूसरे पर लगाया आरोप
सरकार और विपक्ष बांद्रा मामले पर आमने-सामने आ गए हैं. दोनों एक दूसरे पर प्रवासी मजदूरों के इकट्टा होने पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं.

मुंबई: मुंबई के बांद्रा में हजारों की तादाद में इकट्ठे हुए लोगों को लेकर अब सियासत शुरू हो गई है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार इस मामले को लेकर आमने-सामने हैं. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. आइए जानते हैं किसने क्या कहा...
आदित्य ठाकरे का केंद्र सरकार पर निशाना
इस पूरी घटना पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि बांद्रा स्टेशन पर वर्तमान स्थिति, मजदूरों को हटा दिया गया. उन्होंने कहा कि सूरत में हाल में कुछ मजदूरों ने दंगा किया था. केंद्र सरकार उन्हें घर पहुंचाने को लेकर फैसला नहीं ले पाई. आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है. प्रवासी मजदूर खाना और शेल्टर नहीं चाहते हैं, वे घर जाना चाहते हैं.
The current situation at Bandra Station, now dispersed or even the rioting in Surat is a result of the Union Govt not being able to take a call on arranging a way back home for migrant labour. They don’t want food or shelter, they want to go back home
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) April 14, 2020
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा- सरकार मानवीय पक्ष पर भी विचार करे
शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्र सरकार को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि केंद्र सरकार को महसूस करना चाहिए कि प्रवासी श्रमिकों ने पिछले 3 हफ्तों में बड़े पैमाने पर सहयोग किया है. अब केंद्र सरकार से आग्रह है कि इस संकट को स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से देखने के अलावा मानवीय और सामाजिक पक्ष पर भी विचार करें. पहले ऐसा सूरत में हुआ और अब मुंबई में.
The union govt must realise that migrant workers have largely cooperated in the past 3 weeks but there is impatience,urge central govt besides looking at this crisis from health&economy perspective please consider the humanitarian&social side too. Happened in Surat&now in Mumbai
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) April 14, 2020
उन्होंने आगे कहा,'' यह वह चिंता है जो राज्य सरकार और महाराष्ट्र के सीएम द्वारा साझा की गई थी. हमने राज्य भर के विभिन्न शिविरों में 6 लाख प्रवासियों को रखा है. सूरत और मुंबई की घटनाओं के बाद क्या केंद्र सरकार अधिक मानवीय योजना के साथ सामने आएगी.''
संबित पात्रा बोले- राज्य सरकार का फेलियर
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने इतनी बड़ी संख्या में लोगों के बांद्रा में जुटने को राज्य सरकार का फेलियर करार दिया है.
Complete failure of the State administration in Maharashtra to convey the messages of lockdown to the poor migrant labourers at Bandra. Complete lackadaisical approach despite the high toll in the state. https://t.co/7yfx7Ihmu4
— Sambit Patra (@sambitswaraj) April 14, 2020
उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र के बांद्रा में गरीब प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन के संदेश देने में राज्य प्रशासन की पूरी तरह बिफल रही है. राज्य में सर्वाधिक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्य़ा के बावजूद पूर्ण अभाववादी दृष्टिकोण दिख रहा है.''
पूनम महाजन ने कहा- मैसेज के जरिए ट्रेन के बारे में बताया गया था
वहीं बांद्रा बीजेपी सांसद पूनम महाजन ने आरोप लगाया कि लोगों को मैसेज भेजे गए थे, उसके बाद भीड़ इकट्ठी हुई. लोगों से ट्रेन के बारे में बताया गया था.
महाराष्ट्र में अब तक 1753 लोग संक्रमित
बीएमसी के मुताबिक, मुंबई में आज कोरोना के 204 नए मामले आए हैं और 11 लोगों की मौत हुई है. मुंबई में अब तक 1753 मामलों की पुष्टि हुई है और 111 लोगों की मौत हुई है.
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Source: IOCL























