BSP के 6 विधायकों के विलय पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक बार फिर आमने-सामने
सचिन पायलट इस बात से नाराज हैं कि प्रदेश अध्यक्ष की अनुमति के बिना ही लोगों को पार्टी में शामिल किया जा रहा है. इससे पहले जब सभी मुख्यमंत्रियों के साथ सोनिया गांधी की बैठक हुई थी तब भी सोनिया ने अशोक गहलोत को ये कहा था कि दोनों मिलकर काम करें.

नई दिल्ली: सोमवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बहुजन समाज पार्टी के छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर लिया था. इसके बाद उन्हें बीएसपी सुप्रीमो मायावती की नाराज़गी तो झेलनी ही पड़ी साथ में अब राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट भी गहलोत से नाराज़ चल रहे हैं. दरअसल, बीएसपी के छह विधायकों को जब कांग्रेस में शामिल किया गया तो इसकी जानकारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को नहीं दी गई. अभी तक भी बीएसपी विधायकों ने सचिन पायलट से मुलाक़ात नहीं की है. सचिन पायलट इस बात से नाराज हैं कि प्रदेश अध्यक्ष की अनुमति के बिना ही लोगों को पार्टी में शामिल किया जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट इसकी जानकारी जल्द ही सोनिया गांधी को देने वाले हैं. इससे पहले जब सभी मुख्यमंत्रियों के साथ सोनिया गांधी की बैठक हुई थी तब भी सोनिया ने अशोक गहलोत को ये कहा था कि दोनों मिलकर काम करें. लेकिन इस बार भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अकेले ही फ़ैसला कर लिया.
ये कोई पहली बार नहीं है जब अशोक गहलोत ने विधायकों को अपने पाले में किया हो. इससे पहले भी जब राजस्थान सरकार का गठन हुआ था तब भी 11 निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया था.
राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं. 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीटें जीती थी और कांग्रेस एक सीट बाद में उपचुनाव में जीती तो ये आंकड़ा 100 तक पहुंच गया था. इसके बाद निर्दलीय विधायकों के समर्थन से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार को और मज़बूत किया और अब छह और बहुजन समाज पार्टी के विधायकों को शामिल कर लिया है. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच कांग्रेस आलाकमान के हस्तक्षेप के बावजूद भी तालमेल नहीं बन पा रहा है.
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